मंत्रिमंडल ने राष्‍ट्रीय डिजिटल संचार नीति-2018 को मंजूरी दी

नीति का उद्देश्‍य भारत को जोड़ना, आगे बढ़ाना तथा सुरक्षित रखना प्रत्‍येक नागरिक को 50 एमबीपीएस गति की सर्वव्‍यापी ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिलेगी सभी ग्राम पंचायतों को 1जीबीपीएस गति की कनेक्टिविटी उपलब्‍ध होगी कवर नहीं किए गए क्षेत्रों की कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी डिजिटल संचार क्षेत्र में 100 बिलियन डॉलर का निवेश आएगा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्‍ट्रीय डिजिटल संचार नीति – 2018 (एनडीसीपी-2018) तथा दूरसंचार आयोग को नया नाम ‘डिजिटल संचार आयोग’ देने की स्‍वीकृति दे दी है।
प्रभाव:
एनडीसीपी-2018 का उद्देश्‍य भारत को डिजिटल रूप से सशक्‍त अर्थव्‍यवस्‍था और समाज बनाना है। यह कार्य सर्वव्‍यापी, लचीला और किफायती डिजिटल संचार अवसंरचना तथा सेवाओं की स्‍थापना से नागरिकों तथा उद्यमों की सूचना और संचार आवश्‍यकताओं को पूरा करके किया जाएगा।
उपभोक्‍ता केंद्रित और एप्‍ली‍केशन प्रेरित एनडीसीपी-2018 हमें 5जी, आईओटी, एम2एम जैसी अग्रणी टेक्‍नॉलोजी लांच होने के बाद नए विचारों और नवाचार की ओर ले जाएगी।
उद्देश्य:
  I.     सभी के लिए ब्रॉडबैंड
  II.     डिजिटल संचार क्षेत्र में चार मिलियन अतिरिक्‍त रोजगार सृजन
  III.     भारत के जीडीपी में डिजिटल संचार क्षेत्र के योगदान को 2017 के 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत करना।
  IV.     आईटीयू के आईसीटी विकास सूचकांक में भारत को आगे बढ़ाकर 2017 के 134वें स्‍थान से शीर्ष 50 देशों में पहुंचाना।
  V.     वैश्विक मूल्‍य श्रृंखला में भारत का योगदान बढ़ाना तथा
  VI.     डिजिटल संप्रभुता सुनिश्चित करना।
यह उद्देश्‍य 2022 तक हासिल किए जाएंगे।
विशेषताएं:
नीति का उद्देश्‍य
·         प्रत्‍येक नागरिक को 50एमबीपीएस की गति से सार्वभौमिक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना।
·         सभी ग्राम पंचायतों को 2020 तक 1जीबीपीएस की कनेक्टिविटी प्रदान करना और 2022 तक 10जीबीपीएस की कनेक्टिविटी देना।
·         कवर नहीं किए गए सभी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना।
·         डिजिटल संचार क्षेत्र में 100 बिलियन डॉलर का निवेश आकर्षित करना।
·         नए युग के कौशल निर्माण के लिए एक मिलियन मानव शक्ति को प्रशिक्षित करना।
·         आईओटी प्रणाली का विस्‍तार 5 बिलियन आपस में जुड़े उपकरणों तक करना।
·         व्‍यक्ति की निजता, स्‍वायत्‍तता तथा पसंद को सुरखित रखने वाले डिजिटल संचार के लिए व्‍यापक डाटा संरक्षण व्‍यवस्‍था बनाना।
·         वैश्विक डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था में भारत की सक्रिय भागीदारी में सहायता देना।
·         नागरिकों को सुरक्षा आश्‍वासन देने के लिए उचित संस्‍थागत व्‍यवस्‍था के माध्‍यम से दायित्‍व लागू करना तथा
·         डिजिटल संचार अवसंरचना तथा सेवाओं को सुरक्षित रखना।
रणनीति:
   i.     राष्‍ट्रीय फाइबर प्राधिकरण बनाकर राष्‍ट्रीय डिजिटल ग्रिड की स्‍थापना
  ii.     सभी नए शहर तथा राजमार्ग सड़क परियोजनाओं में समान सेवा मार्ग और उपयोगिता गलियारा स्‍थापित करना।
  iii.     मार्ग के समान अधिकार, लागत मानक और समयसीमा के लिए केंद्र, राज्‍य तथा स्‍थानीय निकायों के बीच सहयोगी संस्‍थागत व्‍यवस्‍था बनाना।
  iv.     स्‍वीकृतियों में बाधाओं को दूर करना।
  v.     ओपन एक्‍सेस नेक्‍स्‍ट जनरेशन नेटवर्कों के विकास में सहायता देना।
पृष्‍ठभूमि:
विश्‍व के 5जी, आईओटी, एम2एम जैसी अग्रणी टेक्‍नॉलोजी के दौर में पहुंचने के कारण भारतीय दूरसंचार क्षेत्र के लिए ऐसे उपभोक्‍ता केंद्रित तथा एप्‍लीकेशन प्रेरित नीति लागू करने की आवश्‍यकता महसूस की गई जो डिजिटल भारत
का प्रमुख स्‍तंभ बन सके और दूरसंचार सेवाओं तथा दूरसंचार आधारित सेवाओं के विस्‍तार के लिए उभरते  अवसरों का लाभ उठा सके।
      इसी के अनुसार राष्‍ट्रीय दूरसंचार नीति 2018 तैयार की गई है। ताकि भारत के डिजिटल दूरसंचार क्षेत्र की आवश्‍यकताएं पूरी की जा सकें।
(Source: pib.nic.in)

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