जुलाई, 2018 में आठ कोर उद्योगों की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रही
आठ कोर उद्योगों का संयुक्‍त सूचकांक जुलाई, 2018 में 128.4 अंक रहा, जो जुलाई, 2017 में दर्ज किए गए सूचकांक के मुकाबले 6.6 प्रतिशत ज्यादा है। दूसरे शब्‍दों में, जुलाई 2018 में आठ कोर उद्योगों की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत आंकी गई है। वहीं, वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान आठ कोर उद्योगों की संचयी उत्‍पादन वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रही। औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) में शामिल वस्तुओं के भारांक (वेटेज) का 40.27 प्रतिशत हिस्सा आठ कोर उद्योगों में शामिल होता है। आठ कोर उद्योगों के सूचकांक (आधार वर्ष: 2011-12) का सार अनुलग्‍नक में दिया गया है।
कोयला 
जुलाई, 2018 में कोयला उत्‍पादन (भारांक: 10.33%) जुलाई, 2017 के मुकाबले 9.7 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल-जुलाई, 2018-19 में कोयला उत्‍पादन की वृद्धि दर पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 12.3 प्रतिशत अधिक रही।
कच्‍चा तेल
जुलाई, 2018 के दौरान कच्‍चे तेल का उत्‍पादन (भारांक: 8.98%) जुलाई, 2017 की तुलना में 5.4 प्रतिशत गिर गया। अप्रैल-जुलाई, 2018-19 में कच्‍चे तेल का उत्‍पादन बीते वित्‍त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 3.2 प्रतिशत कम रहा।
प्राकृतिक गैस
जुलाई, 2018 में प्राकृतिक गैस का उत्‍पादन (भारांक: 6.88%) जुलाई, 2017 के मुकाबले 5.2 प्रतिशत गिर गया। अप्रैल-जुलाई, 2018-19 में प्राकृतिक गैस का उत्‍पादन पिछले वित्‍त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 1.1 प्रतिशत गिर गया।
रिफाइनरी उत्‍पाद
पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्‍पादों का उत्‍पादन (भारांक: 28.04%) जुलाई, 2018 में 12.3 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल-जुलाई, 2018-19 में पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्‍पादों का उत्‍पादन पिछले वित्‍त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 8.0 प्रतिशत अधिक रहा।
उर्वरक
जुलाई, 2018 के दौरान उर्वरक उत्‍पादन (भारांक: 2.63%) 1.3 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल-जुलाई, 2018-19 में उर्वरक उत्‍पादन बीते वित्‍त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 3.7 प्रतिशत अधिक रहा।
इस्‍पात
जुलाई, 2018 में इस्‍पात उत्‍पादन (भारांक: 17.92%) 6.0 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल-जुलाई, 2018-19 में इस्‍पात उत्‍पादन पिछले वित्‍त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 3.2 प्रतिशत ज्‍यादा रहा।
सीमेंट
जुलाई, 2018  के दौरान सीमेंट उत्‍पादन (भारांक: 5.37%)  जुलाई, 2017 के मुकाबले 10.8 प्रतिशत ज्यादा रहा। अप्रैल-जुलाई, 2018-19 के दौरान सीमेंट उत्‍पादन बीते वित्‍त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 14.7 प्रतिशत अधिक रहा।
बिजली 
जुलाई, 2018 के दौरान बिजली उत्‍पादन (भारांक: 19.85%) में जुलाई, 2017 के मुकाबले 4.8 प्रतिशत का इजाफा हुआ। अप्रैल-जुलाई, 2018-19 में बिजली उत्‍पादन पिछले वित्‍त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 4.8 प्रतिशत अधिक रहा।
नोट 1: मई, 2018, जून, 2018 और जुलाई, 2018 के आंकड़े अंतरिम हैं।
नोट 2: अप्रैल, 2014 से ही बिजली उत्पादन के आंकड़ों में नवीकरणीय अथवा अक्षय स्रोतों से प्राप्त बिजली को भी शामिल किया जा रहा है।
नोट 3: अगस्त 2018 के लिए सूचकांक सोमवार, 01 अक्टूबर, 2018 को जारी किया जाएगा।

(Source: pib)


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Rajanish Kant शनिवार, 1 सितंबर 2018
GDP में उछाल: अप्रैल-जून 2018-19 में देश की विकास दर @8.2%(सालाना)
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय के केन्‍द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने वित्‍त वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान स्थिर मूल्यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों दोनों पर ही जारी कर दिए हैं। इन अनुमानों से जुड़ी मुख्‍य बातों का उल्‍लेख नीचे किया गया है:
आर्थिक गतिविधि की दृष्टि से जीवीए के अनुमान
स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर अनुमान
वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) के बढ़कर 33.74 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया हैजबकि वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही में यह 31.18 लाख करोड़ रुपये आंका गया था। यह 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है। वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में बुनियादी स्‍थिर मूल्‍यों (2011-12) पर तिमाही जीवीए के बढ़कर 31.63 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया हैजो वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही में 29.29 लाख करोड़ रुपये था। यह 8.0 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है।
जिन क्षेत्रों ने वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में 7.0 फीसदी से ज्‍यादा की वृद्धि दर दर्ज की है उनमेंविनिर्माण’, विद्युतगैस, जलापूर्ति एवं अन्‍य उपयोगी सेवाएं’, ‘निर्माण’ एवं ‘लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं’ शामिल हैं। कृषिवानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन’, ‘खनन एवं उत्‍खनन’, ‘व्‍यापारहोटल,परिवहनसंचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाओं’ और वित्‍तीयअचल संपत्‍ति एवं प्रोफेशनल सेवाओं’ की वृद्धि दर क्रमश: 5.3, 0.1, 6.7 और 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

वर्तमान मूल्‍यों पर अनुमान
सकल घरेलू उत्‍पाद
वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में वर्तमान मूल्‍यों पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्‍पाद) के बढ़कर 44.33लाख करोड़ रुपये के स्‍तर पर पहुंच जाने का अनुमान हैजो वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही में 38.97 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी। यह 13.8 फीसदी की वृद्धि दर दर्शाती है। वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में बुनियादी वर्तमान मूल्‍यों पर जीवीए के बढ़कर 41.02 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया हैजो वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही में 36.34 लाख करोड़ रुपये था। यह12.9 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है। विभिन्न क्षेत्रों (सेक्टर) में वृद्धि दरें इस तरह रहीं कृषि,वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन (7.0 प्रतिशत), ‘खनन एवं उत्‍खनन(18.0 प्रतिशत)विनिर्माण (17.7 प्रतिशत), विद्युतगैस, जलापूर्ति एवं अन्‍य उपयोगी सेवाएं’ (13.2 प्रतिशत), ‘निर्माण’ (13.8 प्रतिशत), व्‍यापारहोटलपरिवहन एवं संचार’ (11.7 प्रतिशत), वित्‍तीयअचल संपत्‍ति एवं प्रोफेशनल सेवाओं (12.1 प्रतिशत) और ‘लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं’ (15.4 प्रतिशत)।

(स्रोत-पीआईबी)

Rajanish Kant
देशभर के डाकघरों में बैंकिंग सेवाओं को बढ़ावा देने के संबंध में मोदी सरकार का बड़ा फैसला
मंत्रिमंडल ने भारतीय डाक भुगतान बैंक की स्‍थापना के लिए संशोधित लागत अनुमान को मंजूरी दी 

देशभर के डाकघरों में बैंकिंग सेवाओं को बढ़ावा 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना के लिए परियोजना खर्च 800 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,435 करोड़ रुपये करने संबंधी संशोधन को मंजूरी दे दी है। संशोधित लागत अनुमानों में 635 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त धनराशि में से चार सौ करोड़ रुपये प्रौद्योगिकी खर्च के लिए और 235 करोड़ रुपये मानव संसाधन पर खर्च के लिए होंगे।

विवरण:

  • आईपीपीबी सेवाएं 1 सितम्‍बर, 2018 से 650 आईपीपीबी शाखाओं और 3250 अभिगम इकाइयों और दिसम्‍बर 2018 तक सभी 1.55 लाख डाकघरों (अधिगम इकाइयों) में उपलब्‍ध होंगी।
  • इस परियोजना से करीब 3500 कुशल बैंकिंग पेशवरों और देशभर में वित्‍तीय साक्षरता का प्रसार करने के कार्य में लगे अन्‍य लोगों के लिए रोजगार के नये अवसर सृजित करेगी।
  • परियोजना का उद्देश्‍य आम आदमी के लिए आसानी से पहुंचने, वहन करने योग्य और विश्वसनीय बैंक का निर्माण करना, जहां बैंक नहीं है वहां इस बाधा को समाप्त करके वित्तीय समावेशन की दिशा में आगे बढ़ना और दरवाजे तक बैंकिंग सहायता के जरिए कम बैंकों वाली आबादी के वैकल्पिक खर्च को कम करना है।
  • यह परियोजना सरकार की कम नगदी वाली अर्थव्यवस्था की कल्पना को पूरा करेगी और साथ ही आर्थिक वृद्धि और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगी।
  • आईपीपीबी की जबरदस्त आईटी रूपरेखा बैंक ग्रेड प्रदर्शन, धोखाधड़ी और जोखिम कम करने के मानकों तथा भुगतान और बैंकिंग क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ परम्पराओं को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।

आईपीपीबी सेवाएं :

आईपीपीबी अपने प्रौद्योगिकी सक्षम समाधानों के जरिए भुगतान/वित्तीय सेवाएं प्रदान करेंगी जिन्हें डाक विभाग द्वारा कर्मचारियों/अंतिम मील के एजेंटों तक पहुंचाया जा सकेगा, ताकि वे डाकिएं के स्थान पर वित्तीय सेवाओं के अग्रदूत बन सके।

आईपीपीबी अपने अंतिम मील एजेंट (डाक कर्मचारी और ग्रामीण डाक सेवकों) को आईपीपीबी सेवाएं प्रदान करने के लिए सीधे उनके खाते में प्रोत्साहन/कमीशन का भुगतान करेंगी, ताकि वे ग्राहकों को आईपीपीबी डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित कर सकें।

डाक घरों के साधनों को बढ़ाने के लिए आईपीपीबी द्वारा भुगतान किए गए कमीशन के एक हिस्से का डाक विभाग द्वारा इस्तेमाल किया जाएगा।

Rajanish Kant बुधवार, 29 अगस्त 2018
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मूल्यवृद्धि की क्षतिपूर्ति हेतु केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) एवं पेंशनरों के लिए महंगाई राहत (डीआर) की एक अतिरिक्त किस्त जारी करने को मंजूरी दी है, जो मूलभूत वेतन/पेंशन के 7 प्रतिशत की वर्तमान दर में 2 प्रतिशत की वृद्धि का प्रतिनिधित्व करती है। यह 01.07.2018 से प्रभावी होगी।
     
महंगाई भत्ते और महंगाई राहत का राजकोष पर संयुक्त प्रभाव प्रति वर्ष 6112.20 करोड़ रुपये एवं वित्त वर्ष 2018-19 (जुलाई, 2018 से फरवरी, 2019 तक की 8 महीनों की अवधि तक के लिए) में 4074.80 करोड़ रुपये का पड़ेगा।
     
इससे केन्द्र सरकार के लगभग 48.41 लाख कर्मचारियों एवं 62.03 लाख पेंशनरों को लाभ पहुंचेगा।
     
यह वृद्धि स्वीकृत फॉर्मूला के अनुरूप है, जो 7वें केन्द्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं पर आधारित है।
(स्रोत-पीआईबी)

Rajanish Kant
केरल के टैक्सपेयर्स के लिए IT रिटर्न भरने की आखिरी तारीख बढ़ी
केरल के आयकर दाताओं के लिए आयकर रिटर्न भरने की तारीख बढ़ी 

केरल में गम्भीर बाढ़ के चलते उत्पन्न व्यवधान को देखते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने केरल के आयकर दाताओं के लिए एक बार फिर आयकर रिटर्न की देय तिथि बढा दी है ताकि केरल के लोग 31 अगस्त, 2018 से 15 सितंबर, 2018 तक आयकर रिटर्न भर सकें।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इससे पहले आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2018 को बढ़ाकर 31 अगस्त, 2018 कर दिया है।
(Source: pib)

Rajanish Kant मंगलवार, 28 अगस्त 2018
अमेरिकी शेयर बाजार गुरुवार को गिरे, डाओ जोंस 77 अंक सुस्त
(अमेरिकी-यूरोपीय बाजारों का प्रदर्शन-(गुरुवार)

(एशियाई बाजारों का प्रदर्शन-(गुरुवार)



अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को गिरे, डाओ जोंस कमजोर, नैस्डेक मजबूत       
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Rajanish Kant शुक्रवार, 24 अगस्त 2018
नौकरी की टेंशन से मुक्ति दिलायेगा ये 6 काम ...

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Rajanish Kant गुरुवार, 23 अगस्त 2018
सेंसेक्स, निफ्टी आज भी नए शिखर पर, बढ़कर हुए बंद

अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को गिरे, डाओ जोंस कमजोर, नैस्डेक मजबूत       
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Rajanish Kant
कम हो रही है भारतीयों की बचत दर, इकोनॉमी के लिए कठिन डगर...!
देश की कुल बचत दर (Overall Savings Rate)वित्त वर्ष 2016-17 के समाप्त हुए 5 साल के दौरान 34.6% से 
घटकर 30% पर आ गई। सबसे ज्यादा गिरावट पारिवारिक या घरेलू (Household Sector) में देखने को मिली। 
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने 'अर्थ संवाद' ( Arth Samvaad)शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है,जिसमें इसकी जानकारी दी गई है। पारिवारिक बचत दर पारिवारिक खर्च करने योग्य आय (Disposable Income-income (after taxes) that is available to you for saving or spending)और खर्च के बीच के अंतर को कहते हैं। 

रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू बचत दर वित्त वर्ष 2012 से 2017 के दौरान 23.6% से गिरकर 16.3% पर आ गयी है। यदि घरेलू बचत दर  में तेज गिरावट जारी रहती है तो यह देश की आर्थिक वृद्धि और वृहद आर्थिक स्थिरता के लिये गंभीर चुनौती खड़ी कर सकती है। इंडिया  रेटिग्स ने अपनी रिपोर्ट में यह चेतावनी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, नोटबंदी और माल एवं सेवा कर के कारण घरेलू (पारिवारिक) बचत दर में गिरावट रही। 

इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री डी के पंत ने रिपोर्ट में कहा, "नोटबंदी और जीएसटी का अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ा, घरेलू क्षेत्र में यह प्रभाव अधिक स्पष्ट रूप से दिखा। घरेलू बचत दर वित्त वर्ष 2016-17 में 153 आधार अंक यानी 1.53 % की गिरावट आई। सार्वजनिक क्षेत्र की बचत दर 0.37 % यानी 37 बीपीएस बढ़ गयी जबकि निजी क्षेत्र की बचत की दर 0.12 % गिर गयी। इस प्रकार बचत दर में 1.28 % की गिरावट रही।

घरेलू बचत में परिवारों, गैर-लाभकारी संस्थानों और अर्ध-निगमों द्वारा बचत शामिल है और यह बचत के लिहाज से सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2012 से 2017 के बीच घरेलू बचत की हिस्सेदारी अर्थव्यवस्था की कुल बचत में 60.93 % रही। इसके बाद निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 35 % और सार्वजनिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 4.07 % रही।

पंत ने कहा, "हालांकि, घरेलू बचत की वृद्धि दर इस दौरान 3.7 % रही। जबकि निजी क्षेत्र की वृद्धि दर 17.4 % और सार्वजनिक क्षेत्र की 12.9 % रही। परिणामस्वरूप घरेलू बचत दर 23.6 % से गिरकर 16.3 % रह गयी।

88% ग्रामीण परिवारों के पास है सेविंग्स अकाउंट, हर महीने करीब ₹ 1400 की बचत: NABARD
खर्च से बचे पैसे को घर में यूं ही मत रखें, उसे अच्छी जगहों पर निवेश करें, इसके कई फायदे हैं
((आपका कम से कम एक बैंक अकाउंट तो जरूर होना चाहिए, कैसे खुलेगा जानें
((बच्चे के बैंक अकाउंट के फायदे
((बच्चों का भी बैंक अकाउंट होना चाहिए 
S.B.I में "ये'' वाला अकाउंट खुलवाइये, मिनिमम बैलेंस का झंझट भी नहीं रहेगा और सारी सुविधायें भी मिलेंगी..
((घर बैठे ही खुल जाएगा आपका बैंक खाता, वो भी Zero Balance पर;  Kotak Mahindra Bank 811
((बढ़ती है दौलत, दौलत बढ़ाने वाली 'ट्रिक' चाहिए, चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest) का पावर
((अब बैंक से भी खरीदें छोटी बचत योजनाएं, डाकघर को भूल जाएं
((सनी लियोनी कहां लगाती हैं पैसे-सोना, शेयर, रियल इस्टेट या फिर म्युचुअल फंड में !

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Rajanish Kant बुधवार, 22 अगस्त 2018