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Shree Mahalaxmi Mercantile Cooperative Bank पर प्रतिबंध
Bad News For one more Bank Account Holder गुजरात के वडोदरा जिले के डभोई स्थित श्री महालक्ष्मी मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों के लिए बुरी खबर है। पूरी खबर को विस्तार से जानने के लिए इस एपिसोड को शुरू से लेकर अंत तक देखें।



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Rajanish Kant मंगलवार, 7 मार्च 2023
RBI ने वड़ोदरा स्थित Shree Mahalaxmi Mercantile Co-operative Bank पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना


भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री महालक्ष्मी मर्केंटाईल को-ऑपरेटिव बैंक लि., डभोई, जिला वड़ोदरा (गुजरात)
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 12 दिसंबर 2022 के आदेश द्वारा, श्री महालक्ष्मी मर्केंटाईल को-ऑपरेटिव बैंक लि., डभोई, जिला वड़ोदरा (गुजरात) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा सांविधिक आरक्षित निधि- आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) और सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखने’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 50,000/- (रुपये पचास हज़ार केवल) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2018 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण तथा निरीक्षण रिपोर्ट एवं उससे सभी संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने न्यूनतम आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को बनाए नहीं रखा था, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का उल्लंघन हुआ है। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का उल्लंघन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant मंगलवार, 20 दिसंबर 2022