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RBI को सबसे ज्यादा भुगतान और डिजिटल लेनदेन से जुड़ी शिकायतें मिलीं


भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोकपाल योजनाओं की वार्षिक रिपोर्ट, 2021-22 जारी की

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज 1 अप्रैल 2021 – 31 मार्च 2022 की अवधि के लिए लोकपाल योजनाओं की वार्षिक रिपोर्ट को जारी किया। इस वर्ष 12 नवंबर 2021 को रिज़र्व बैंक – एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आईओएस) की शुरुआत के साथ वार्षिक रिपोर्ट में पूर्ववर्ती लोकपाल योजनाओं अर्थात बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006 (बीओएस), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना, 2018 (ओएसएनबीएफ़सी), और डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना, 2019 (ओएसडीटी) के अंतर्गत 11 नवंबर 2021 तक की गतिविधियों तथा आरबी-आईओएस, 2021 के अंतर्गत 12 नवंबर 2021 से गतिविधियों को शामिल किया गया है। रिपोर्ट में वर्ष के दौरान प्रमुख गतिविधियों और उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में आगे की राह भी शामिल है। वार्षिक रिपोर्ट के कतिपय प्रमुख अंश इस प्रकार हैं:

ए. लोकपाल योजनाओं के अंतर्गत गतिविधियाँ

  1. वर्ष 2021-22 के दौरान लोकपाल योजनाओं/ उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण कक्षों के अंतर्गत प्राप्त शिकायतों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 9.39 प्रतिशत की वृद्धि हुई और रिपोर्ट की गई अवधि के दौरान इनकी संख्या 4,18,184 रही।

  2. इनमें से 3,04,496 शिकायतों को भारतीय रिज़र्व बैंक लोकपाल (ओआरबीआईओ) के 22 कार्यालयों द्वारा संचालित किया गया, जिसमें 11 नवंबर 2021 तक तीन पूर्ववर्ती लोकपाल योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त शिकायतें शामिल हैं।

  3. आरबी-आईओएस, 2021 के अंतर्गत केंद्रीकृत प्राप्ति और प्रसंस्करण केंद्र (सीआरपीसी) की स्थापना के बाद से, 31 मार्च 2022 तक सीआरपीसी द्वारा संचालित 1,49,419 शिकायतों में से 1,43,552 शिकायतों का निपटान किया गया।

  4. भुगतान और लेनदेन के डिजिटल तरीकों से संबंधित शिकायतों की संख्या सबसे अधिक थी, जो वर्ष के दौरान प्राप्त कुल शिकायतों की 42.12% थी।

  5. आरबीआईओ द्वारा शिकायतों के निपटान की दर 2020-21 में 96.59% से बढ़कर 2021-22 में 97.97% हो गई।

  6. अधिकांश (63.63%) अनुरक्षण योग्य शिकायतों का समाधान आपसी समझौते/सुलह/मध्यस्थता के माध्यम से किया गया।

बी. वर्ष 2021-22 के दौरान महत्वपूर्ण घटनाक्रम

वर्ष के दौरान, उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण विभाग (सीईपीडी) ने शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए निम्नलिखित पहल कीं:

  1. श्री नरेंद्र मोदी, माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 12 नवंबर 2021 को आरबी-आईओएस, 2021 की शुरुआत की गई। आरबी-आईओएस, 2021 के दायरे को बढ़ाते हुए इसमें ₹50 करोड़ और उससे अधिक की जमाराशि वाले गैर-अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों को शामिल किया गया।

  2. देश भर से ईमेल द्वारा/ भौतिक रूप से शिकायतें प्राप्त करने और आगे के निवारण हेतु ओआरबीआईओ को अनुरक्षण योग्य शिकायतों को भेजने से पहले इन शिकायतों की प्रारंभिक जांच और प्रसंस्करण को संचालित करने के लिए आरबी-आईओएस, 2021 के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक, चंडीगढ़ में एक सीआरपीसी की स्थापना की गई। शिकायतकर्ताओं को शिकायत दर्ज करने में सहायता प्रदान करने, उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक के निवारण तंत्र के बारे में जानकारी प्रदान करने तथा हिंदी और अंग्रेजी के अतिरिक्त दस क्षेत्रीय भाषाओं (असमी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, उड़िया, पंजाबी, मलयालम, मराठी, तमिल और तेलुगु) में सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं से संबंधित जागरूकता संदेश प्रदान करने के लिए एक संपर्क केंद्र भी स्थापित किया गया।

  3. विभाग और लोकपाल कार्यालयों द्वारा संचालित वित्तीय जागरूकता और शिक्षण को मजबूत करने हेतु 15 मार्च 2022 को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के अवसर पर एक राष्ट्रव्यापी गहन जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया। आरबीआईओ ने वर्ष के दौरान 29 टाउन-हॉल कार्यक्रम और 175 जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए।

सी. आगे की राह

1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 की अवधि के दौरान, सीईपीडी निम्नलिखित कार्य योजनाओं की दिशा में कार्य करेगा:

  1. जनवरी 2021 में जारी "बैंकों के लिए शिकायत निवारण ढांचे को मजबूत बनाना" संबंधी दिशानिर्देशों की समीक्षा।

  2. आरबी-आईओएस, 2021 और आंतरिक लोकपाल योजना का और अधिक आरई, जो वर्तमान में शामिल नहीं किए गए हैं, तक विस्तार करना।

  3. सीएमएस की दक्षता और उपयोग में आसानी को बढ़ाना।

  4. संपर्क केंद्र का उन्नयन और विस्तार करना।

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant गुरुवार, 5 जनवरी 2023