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पति, पत्नी और पैसा, तालमेल बिठाने का क्या हो सही तरीका ?

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Rajanish Kant रविवार, 28 जुलाई 2019
#Mother's Day Special- मां से सीख सकते हैं पैसा प्रबंधन के 5 मंत्र #Mone...

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Rajanish Kant गुरुवार, 9 मई 2019
जानिए पीएम मोदी पर कितना कर्ज है और सैलरी के अलावा कहां से होती है उनकी कमाई #Modi #PM #Asset
प्रधानमंत्री मोदी  ने अपनी संपत्ति और निवेश के बारे में दी है जानकारी, आप भी जान लीजिए


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से नामांकन भर दिया है. इसी के साथ ही उन्होंने अपनी संपत्तियों, निवेश, 
आईटी रिटर्न, कमाई का जरिया और कर्ज की भी जानकारी दी है। शुक्रवार को दायर हलफनामे के मुताबिक, 31 मार्च 2019 तक उनकी कुल चल संपत्ति ₹1 करोड़ 41 लाख 36 हजार 119 हैं.  जबकि अचल संपत्ति के रूप में पीएम  नरेंद्र मोदी के पास गुजरात के गांधीनगर में ₹1 करोड़ 10 लाख की जमीन है।

इस तरह पीएम मोदी की कुल चल अचल संपत्ति ₹2 करोड़ 51 लाख 36 हजार 119 है। 2014 में नरेंद्र मोदी ने आयकर विभाग को अपनी आय ₹9 लाख 69 हजार 711  बताई थी, पांच साल बाद 2019 में उन्होंने अपनी आय ₹19 लाख 92 हजार 520 बताई है। 

>                                            2014                                 2019
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1)कैश                                ₹29 हजार                          ₹38,750
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2)बैंक   FD                        ₹44,23,383                      ₹1 करोड़ 27 लाख 81 हजार 874
(गांधीनगर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में पीएम के खाते में मात्र ₹4 हजार 143 जमा है)
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3)L&T Infra Bond            ₹20 हजार                     ₹20 हजार
(Tax saving)
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4)गोल्ड जूलरी                 ₹1.35 लाख                   ₹1 लाख 13 हजार 800
(सोने की चार अंगूठियां हैं. इनका वजन 45 ग्राम है)
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5)NSC                                                                 ₹7 लाख 61 हजार 466
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6)LIC                                                                     ₹1 लाख 90 हजार 347
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7)कर्ज या बकाया                                                           ₹1 लाख 40 हजार 895
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8)                        इनकम टैक्स विभाग से  ₹85 हजार 145   लेने हैं।
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-पीएम के नाम पर कोई भी दुपहिया, चौपहिया वाहन नहीं है
-प्रधानमंत्री ने अपनी कमाई का जरिया सरकार से मिली
 तनख्वाह और बैंकों से मिलने वाले ब्याज को बताया है
-प्रधानमंत्री के पास कमाई का कोई साधन नहीं है.
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'


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Rajanish Kant शनिवार, 27 अप्रैल 2019
#Election जानें नेताजी कहां-कहां लगाते हैं पैसे?

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Rajanish Kant बुधवार, 24 अप्रैल 2019
कहां-कहां पैसा लगाकर और पैसा बना सकते हैं

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Rajanish Kant शनिवार, 19 जनवरी 2019
पहली सैलरी से खुशियों को डबल करने के लिए करें 9 काम

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Rajanish Kant शनिवार, 15 दिसंबर 2018
Paisa सब कुछ नहीं, लेकिन बहुत कुछ के लिए पैसा जरूरी

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Rajanish Kant शुक्रवार, 30 नवंबर 2018
महिलाओं के लिए मनी मैनेजमेंट के 5 स्मार्ट तरीके
https://youtu.be/SL04Wk0bGUo

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Rajanish Kant सोमवार, 19 नवंबर 2018
Diwali:सीनियर सिटीजन इन 5 जगहों पर पैसे लगाएं तो फायदे में रहेंगे

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Rajanish Kant बुधवार, 31 अक्तूबर 2018
Modi Money Mantra: प्रधानमंत्री मोदी अपना पैसा कहां निवेश करते हैं...

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Rajanish Kant गुरुवार, 20 सितंबर 2018
केवल ₹500 से मंथली निवेश शुरू करके अमीर बनने के मौके

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Rajanish Kant गुरुवार, 13 सितंबर 2018
आम बजट 2017-18: निवेश के लिए रियल एस्टेट लाभदायक या हानिकारक !
आम बजट 2017-18 में सस्ती आवास योजना को बढ़ावा देने की हरसंभव कोशिश की गई ताकि हर आम भारतीय का खुद का आशियाना बनाने का  सपना पूरा हो सके। साथ ही साथ जो लोग निवेश के लिए घर लेना चाहते हैं उनकी उम्मीदों पर पानी फेरने का काम इस बजट में किया गया है। सरकार ने पूरी कोशिश की गई है कि घरों की जमाखोरी (होर्डिंग) को निरुत्साहित की जाए और सस्ता आवास हर भारतीयों के लिए आसान बनाया जाये। एकतरह से कह सकते हैं कि सोने, रुपये के बाद सरकार के निशाने पर अब घरों की जमाखोरी करने वाले हैं। किसी भी चीज की जमाखोरी महंगाई बढ़ाती है जिससे वह चीज आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाती है और लंबे समय तक अगर ऐसी स्थिति बनी रहती है तो मंदी का भी एक कारण बन जाती है। घर और रियल एस्टेट सेक्टर के बारे में भी ऐसा कहा जा सकता है। 

> आम बजट 2017-18 रियल एस्टेट में निवेश के नजरिये से कैसा है? 

1)-प्रॉपर्टी में निवेश केवल मोटा मुनाफा के लिए ही नहीं बल्कि टैक्स बचत के लिए भो लोग करते हैं। बता दें कि लोन लेकर प्रॉपर्टी में निवेश करने पर मूलधन और ब्याज दोनों रकम पर टैक्स डिडक्शन बेनेफिट मिलता है। लेकिन, इस मामले में पहले के बजट प्रावधानों और 2017-18 के बजट प्रावधानों में फर्क है। यानी इसके नियम बदल गए हैं। मौजूदा प्रावधानों (2016-17 तक के बजट प्रावधानों) के मुताबिक, मकान मालिक किराए पर दी गई प्रॉपर्टी के ब्याज पर पूरा डिडक्शन क्लेम कर सकता था, जबकि अपने मकान में खुद रहने वाले 2 लाख रु. तक ही क्लेम करने का हकदार होते थे। लेकिन आम बजट 2017-18 के प्रस्ताव के बाद अब मकान किराए पर दिए जाने पर भी 2 लाख रु. तक का डिडक्शन ही क्लेम किया जा सकेगा। यानी, जिसने लोन लेकर मकान बनाया, वह अब हर सूरत में (चाहे वह मकान को किराए पर लगा दे या उसमें खुद रहे) 2 लाख रु. तक का डिडक्शन बेनिफिट ही क्लेम कर सकेगा, इससे ज्यादा नहीं। यानी, 2 लाख रुपये से ज्यादा ब्याज चुकानेवाले व्यक्तिगत करदाताओं को अब अगले साल पहले से ज्यादा टैक्स चुकाना होगा, हालांकि वे इस नुकसान की भरपाई अगले 8 सालों में कर सकते हैं।  जानकारों की मानें तो इस कदम से बड़े होम लोन लेने वाले ग्राहक प्रभावित होंगे मतलब इससे बड़े घरों में निवेश को हतोत्साहित किया जा सकेगा। कई लोग सिर्फ टैक्स बचाने के लिए लोन लेकर दूसरा घर खरीदते हैं। जानकारों के मुताबिक बजट में किए गए उपरोक्त प्रस्ताव से ऐसी आदतों पर लगाम लगेगी। 

इसे और आसानी से समझें ...किराए पर दी गई प्रॉपर्टी पर आप एक साल में होम लोन के केवल 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर EMI पर सालाना लगने वाला ब्याज अगर 3 लाख या 4 लाख या 5 लाख या फिर 2 लाख से ज्यादा कितना भी हो, तो पहले मकान मालिक पूरे ब्याज पर डिडक्शन क्लेम कर सकता था, लेकिन अब हर साल केवल 2 लाख रु. पर ही डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। हालांकि, इसमें 8 साल तक कैरी फॉरवर्ड की इजाजत होगी।

2) घरों में निवेश को हतोत्साहित करने के लिए इस बजट में एक और प्रस्ताव किया गया है। अगर आपने अपने घर को किराया पर दे रखा है और उसका किराया 50 हजार रु. से अधिक है तो इस पर 5 % टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) कटेगा। बजट प्रस्ताव के मुताबिक, टीडीएस काटने की जिम्मेदारी आपके किरायेदार को दी गई है। यानी किरायेदार ही 5% टीडीएस काटकर किराया देगा। किरायेदार को इसके लिए टैन नंबर (हर टीडीए काटने वालों को दिया जाने वाला खास नंबर) की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि वित्तीय साल के अंत पर वह कुल टीडीएस रकम को इनकम टैक्स में जमा कराएगा। ऐसा माना जाता है कि किराए से होने वाली कमाई को कई लोग अपने इनकम वाले कॉलम में नहीं दर्शाते हैं और टैक्स की चोरी करते हैं। हालांकि इससे बहुत कम मकान मालिक प्रभावित होंगे। 

3) होल्डिंग पीरियड में कमी: सरकार ने प्रॉपर्टी समेत सभी अचल संपत्ति के लिए लॉन्ग टर्म में कैपिटल गेन टैक्स (दीर्घावधि पूंजीगत लाभ कर) के लिए समय-सीमा 3 साल से  घटाकर 2 साल कर दी है जिससे इन्वेस्टर्स दो साल के होल्डिंग पीरियड के बाद ही कम टैक्स देकर अपनी प्रॉपर्टी को बेच सकते हैं। रियल एस्टेट डिवेलपर्स के लिए इस कदम को कुछ राहत के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि कुछ जानकारों का मानना है कि इससे प्रॉपर्टी बाजार में  आपूर्ति बढ़ेगी। इसको ऐसे समझ सकते हैं पहले लोग जहां कैपिटल गेन्स टैक्स का फायदा लेने के लिए तीन साल तक नहीं बेचते थे अब उसे दो साल में बेचकर कैपिटल गेन्स टैक्स का फायदा उठा सकते हैं। इससे रीसेल प्रॉपर्टी बाजार में घरों की आपूर्ति बढ़ेगी। 

4)अचल संपत्ति से लाभ पर विचार करने के लिए सूचीकरण (इनडेक्सेशन-Indexation) के लिए आधार वर्ष में बदलाव: वित्त मंत्री ने अचल संपत्‍ति सहित आस्‍तियों (ऐसेट्स) की सभी श्रेणियों के लिए सूचीकरण के लिए आधार वर्ष भी 1.4.1981 से बदलकर 1.4.2001 किए जाने का प्रस्‍ताव किया है। 

 वित्‍तमंत्री ने कहा कि इस कदम से पूंजीगत लाभ पर देयता (लायबिलिटी) काफी घटेगी मतलब अंचल संपत्ति या किसी दूसरे ऐसेट्स की बिक्री पर होने वाले मुनाफे पर अब कम कर देना पड़ेगा, वहीं दूसरी ओर परिसंपत्‍तियों की गतिशीलता को प्रोत्‍साहन मिलेगा।  

5) वित्त मंत्री ने सस्ती आवास योजना के प्रति अधिक से अधिक रियल एस्टेट डेवलपर्स को लुभा के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया है। इससे  इस सेगमेंट में काम करने वालों को इंडस्ट्री जैसी सुविधाएं मिलेंगी। मसलन, सस्ता लोन, टैक्स छूट बगैरह। 

6) आम बजट 2016-17 में  30 और 60 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र (बिल्ट अप एरिया) की बजाय अब 30 और 60 वर्ग मीटर कार्पेट क्षेत्र (Carpet Area) की गणना की जाएगी। 30 वर्ग मीटर की सीमा भी केवल 4 मेट्रो शहरों की नगरपालिका सीमाओं के मामले में लागू होगी जबकि मेट्रो के बाहर के क्षेत्रों सहित देश के शेष भागों के लिए 
60 वर्ग मीटर  की सीमा ही लागू होगी। वित्‍त मंत्री ने इस योजना के तहत कार्य प्रारंभ होने के बाद भवन निर्माण को पूरा करने की अवधि को मौजूदा तीन साल से बढ़ाकर 5 साल करने का भी प्रस्‍ताव किया.

7) वर्तमान में पूर्णता प्रमाणपत्र (सीसी-Completion Certification) प्राप्‍त करने के पश्‍चात कब्‍जा न लिए गए मकान नोशनल किराया आय पर कर के अध्‍यधीन हैं. जिन बिल्‍डरों के  लिए निर्मित मकान व्‍यवसाय में पूंजी लगी है, जेटली ने ऐसे बिल्‍डरों के लिए यह नियम पूर्णता प्रमाणपत्र प्राप्‍त होने वाले वर्ष के समाप्‍त होने के एक वर्ष बाद ही लागू करने का प्रस्ताव दिया ताकि उन्‍हें अपनी इन्‍वेंटरी के परिनिर्धारण हेतु कुछ समय और मिल जाए। 

8)रियायती मकानों को बुनियादी ढांचाके समकक्ष रखने के सरकार के प्रयास से सस्‍ते, घरेलू और अंतर्राष्‍ट्रीय वितत्‍ के लिए दरवाजे खुलेंगे। विदेश निवेश संवर्धन बोर्ड  (एफआईपीबी) के उन्‍मूलन से न केवल कारोबारी सहजता को बढ़ावा देनेमें मदद मिलेगी बल्कि प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह को भी प्रोत्‍साहन मिलेगा। वित्‍त वर्ष 2016-17  की पहली छमाही में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह 1.45 लाख करोड़ पर पहुंच गया। यह 2015-16 में 1.07 लाख करोड़ रूपये था। इन सबसे आवास आपूर्ति को प्रोत्‍साहन मिलेगा। बुनियादी ढांचा रियल स्‍टेट तथा समग्र अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाता है इसलिए बुनियादी ढांचेके लिए 3.96 लाख करोड़ रु. का रिकॉर्ड  प्रावधान किया गया है जोकि पिछले वर्ष से 25% अधिक है इसके साथ ही राजमार्ग के लिए बजटीय समर्थन बढ़ाकर 64 हजार करोड़ कर दिया गया है।

9)बजट प्रावधानों से उच्‍च आय वाले लोगों द्वारा सटोरिया खरीदारी को हतोत्‍साहित किया गया है और वास्‍तविक रियायती मकान खरीदने वाले लोगों को प्रोत्‍साहित किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सरकार ने पहले ही नौ लाख रूपये तक के आवास ऋण पर ब्‍याज में चार प्रतिशत की कमी की गई है और बारह लाख रु.
तक के आवास ऋण पर ब्‍याज दर तीन प्रतिशत घटाने की घोषणा की गई है।

((आम बजट 2017-18: इनकम टैक्स से जुड़े आपके हर सवाल का जवाब यहां मिलेगा, जानें टैक्स बचाने के लिए आप कहां-कहां निवेश करें     
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Rajanish Kant सोमवार, 13 फ़रवरी 2017
इस वैलेंटाइन डे पर सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट को भी बोलें," I Love You"! जानिए वॉरेन बफेट की बचत, निवेश पर बोल
14 फरवरी यानी प्रेम करने वालों का दिन, जिसका इंतजार हर कपल्स को होता है। और हो भी क्यों ना, एक-दूसरे से अपनी भावनाओं का इजहार जो करना होता है। हर कपल्स इस दिन को यादगार बनाने की हरसंभव कोशिश करता है, और करे भी क्यों ना, क्योंकि चुके तो फिर साल भर ही ये मौका आएगा। चलिये, अपने प्यार को यादगार बनाइए, लेकिन साथ ही अपने फाइनेंशियल सफर को भी सुहाना बनाने के लिए कुछ यादगार काम इस दिन कर लिया जाए, तो कैसा रहेगा? अगर प्यार के साथ-साथ फाइनेशियल सफर भी सुहाना बना रहे, तो क्या दिक्कत है? 
तो, क्यों ना,  बचत, इन्वेस्टमेंट और फाइनेंशियल प्लानिंग को भी वैलेंटाइन डे पर 'I Love You'बोले। हमारी जिंदगी में प्यार के साथ-साथ बचत, निवेश और फाइनेंशियल प्लानिंग भी जरूरी है। हम अपनी हर भौतिक जरूरत अपनी मेहनत की कमाई से ही पूरी करते हैं। पैसा हमारी आज की जरूरत भी पूरी करता है और आने वाले कल की भी जरूरत यही पूरी करेगा। अगर हम सारे पैसे आज ही खर्च कर देंगे, तो फिर भविष्य की हमारी जरूरत कैसे पूरी होगी? कल हमारी जरूरतें बढ़ेंगी, एक उम्र के बाद हम रिटायर हो जाएंगे, बच्चे को उच्च शिक्षा दिलाना है, उनकी शादी बगैरह करना है, जैसे ढेरों काम करने होते हैं। ऊपर महंगाई भी बढ़ती जाएगी। इसका तो एक ही उपाय है कि हम अपनी आज की कमाई में से थोड़ी-थोड़ी बचत करें और उसे ऐसे निवेश साधनों में निवेश करें जो कि टैक्स चुकाने के बाद महंगाई से ज्यादा मुनाफा दे। और अगर  निश्चित फाइनेंशियल प्लानिंग के साथ निवेश करते हैं तो फिर कहना ही क्या, भविष्य की जरूरत पूरी करने के लिए हमें कहीं और निर्भर नहीं 
करना पड़ेगा। 
ठीक है, बचत को लेकर हमारी बात आप मत मानिए, लेकिन दुनिया के महान अरबपति निवेशक वॉरेन बफेट की बात तो आप मानेंगे। उन्होंने  अखबार विक्रेता के तौर पर अपना कैरियर शुरू किया था और उससे कमाये पैसों में से कुछ बचत करते थे और उसका निवेश करते थे। उनकी इसी आदत ने दुनिया का तीसरा सबसे दौलतमंद इंसान बना दिया है। 

>आइए देखते हैं वॉरेन बफेट क्या कहते हैं....
-खर्च करने के बाद जो बचता है उसे न बचावें, बल्कि बचत करने के बाद बच जाता है उसे खर्च करें।
-एकल आय (single income source) पर निर्भर कभी नहीं रहना चाहिये। दूसरा स्रोत बनाने के लिए निवेश (invest) करें।
वॉरेन बफेट, अरबपति निवेशक

तो, देखा ना, आपने बचत और निवेश की महिमा। बचत और निवेश के दम पर भी आप दौलतमंद बन सकते हैं। तो, वैलेंटाइन डे को यूं ही मत गंवाइये, जिंदगी के फाइनेंशियल सफर को सुहाना बनाने के लिए Savings, Investment और फाइनेंशियल प्लानिंग को भी  बोलें., " I Love You"।

>बचत, निवेश, फाइनेंशियल प्लानिंग पर लेख के लिंक नीचे गए हैं.....पढ़ें और फायदा उठायें... 
((बचत करूं या करूं निवेश, कौन देगा ज्यादा फाइनेंशियल कॉन्फिडेंस
((वित्तीय योजना (फाइनेंशियल प्लानिंग) क्या है और क्यों जरूरी है? What is Financial Planning&Why is it necessary?
((खुद के पैसे, खर्च करें कैसे; जानें 50:30:20 फॉर्मूले से 
((अपने पसंदीदा सितारों से सीखें बचत, निवेश और वेल्थ मैनेजमेंट के गुर
फाइनेंशियल प्लानिंग (वित्तीय योजना) क्या है और क्यों जरूरी है?
((आपातकालीन फंड बनाना आपके लिए अच्छा रहेगा
((क्यों और कैसे बनें beyourmoneymanager? 
((सिर्फ तीन कदमों में कैसे पूरी करें फाइनेंशियल प्लानिंग की दुनिया
((शेयर बाजार और डेट (FD, बॉण्ड) में कितना-कितना पैसा लगाएं
((निवेश को नुकसान से बचाना है तो 5 गलतियों से बचें
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Rajanish Kant रविवार, 12 फ़रवरी 2017
'मनी टाइम'-क्या है आपका; What is your 'Money Time'?


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'मनी टाइम'-क्या है आपका; What is your 'Money Time'?

Rajanish Kant शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017
2017 में कहां बनेगा पैसा; बैंक FD, सोना, इक्विटी, रियल एस्टेट या डेट इंस्ट्रूमेंट में ?
निवेश की रणनीति बनाते-बनाते 2016 बीत गया, लेकिन 2017 को यूं ही मत जाने दीजिए। अभी से ही संपत्ति निर्माण के लिए कुछ ठोस करना शुरू कर दीजिए। हालांकि,कई लोग तो 2016 में भी सोच-समझकर अपने पैसों का सही जगह पर निवेश किया होगा और उन्हें उसका फायदा भी मिल रहा होगा, लेकिन उनको भी 2017 में अपने निवेश की सूची जिसे पोर्टफोलियो भी कहते हैं, की समीक्षा करनी चाहिए। अगर पोर्टफोलियो में बदलाव की जरूरत है तो जरूर करें। लेकिन, जिन लोगों ने 2016 में कोई पोर्टफोलियो नहीं बनाया था, वो को कम से कम ये शुभ काम करना शुरू कर दें। 

तो, अगर आप कोई पोर्टफोलियो बना रहे हैं या फिर पोर्टफोलियो की समीक्षा कर रहे हैं तो सबसे बड़ा सवाल आपके मन ये उठ रहा होगा कि 2017 में कहां बनेगा सबसे ज्यादा पैसा और कहां उठाना पड़ेगा नुकसान? जानकारों के हिसाब से, 2017 में  चार निवेश साधनों के आउटलुक पर नजर डाल लेते हैं....

>इक्विटी या स्टॉक या शेयर:
-शुरुआती एक-दो तिमाहियों के बाजार के रुझान में कुछ खास बदलाव की संभावना नहीं 
-निचले स्तर पर शेयर खरीदने के अच्छे मौके 
-बेहतर नतीजा के लिए सिस्टैमिक इन्वेस्टमेंट रुट का सहारा लेना अच्छा रहेगा

>डेट:
-लंबी अवधि के फंड की तेजी में कुछ कमी 
-छोटी बचत स्कीम्स मसलन, पीपीएफ, किसान विकास पत्र, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, 
वरिष्ठ नागरिक बचत स्कीम, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेटपर ब्याज दरों में आगे भी कमी मुमकिम
-बैंक एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर में आगे कमी संभव

>रियल एस्टेट:
-नोटबंदी से मांग पर असर 
-पुणे, हैदराबाद, बंगलुरु में कीमत बढ़ने के आसार
-होम लोन पर ब्याज दर में आगे और कमी

>सोना:
-2017 में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद कम
-गोल्ड बॉन्ड में निवेश बेहतर, क्योंकि ब्याज भी मिलता है
-अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से सोने की कीमत में गिरावट संभव

((2017 में करें ये 17 काम, फाइनेंशियल सफर को बनाएं आसान 
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Rajanish Kant शुक्रवार, 20 जनवरी 2017