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गोल्ड लोन का सच!
Gold Loan in Details इन दिनों गोल्ड लोन अच्छा खासा लोकप्रिय हो रहा है। अगर आप भी गोल्ड लोन लेने जा रहे हैं तो इस एपिसो़ को अंत तक देखें।



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Rajanish Kant मंगलवार, 10 अक्तूबर 2023
निवेशकों ने Gold ETF (गोल्ड ईटीएफ) को भाव नहीं दिया, जानिये 5 कारण


गोल्ड ईटीएफ म्युचुअल फंड स्कीम है। शेयर की तरह इसे भी आप खरीद-बेच या होल्ड कर सकते हैं। निवेशकों के लिए सोने में निवेश का ये काफी आकर्षक और आसान निवेश साधन रहा है। लेकिन, पिछले साल यानी 2022 में निवेशकों ने इस कागजी सोने को भाव नहीं दिया। इसका प्रमाण है कि घरेलू गोल्ड ईटीएफ में पिछले साल उसके पिछले साल यानी 2021 के मुकाबले 90 प्रतिशत कम निवेश होना। 

पिछले साल गोल्ड ईएटीएफ में  केवल 459 करोड़ रुपए का ही निवेश हुआ है, जबकि 2021 में ये आंकड़ा 4814 करोड़ और 2020 में 6,657 करोड़ रुपए था। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) ने इसकी जानकारी दी। 

गोल्ड ईटीएफ में निवेश में आई कमी के लिए सोने की बढ़ती कीमत, बैंक द्वारा जमा राशि पर बढ़ाए जा रहे ब्याज और लगातार बढ़ती महंगाई को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। वैश्विक स्तर पर बात करें तो रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा प्रमुख दरों में बढ़ोतरी गोल्ड ईटीएफ में निवेश में आई कमी का कारण बताया जा रहा है। 

हालांकि, 2022 में गोल्ड ईटीएफ खाता, जिसे तकनीकी भाषा में फोलियो कहा जाता है, 2021 के मुकाबले ज्यादा संख्या में खुले हैं। 2022 में 46.28 लाख नए गोल्ड ईटीएफ फोलियो खुले, जो कि 2021 के 32.09 लाख फोलियो के मुकाबले 14.29 लाख ज्यादा है। इससे जाहिर होता है कि गोल्ड से जुड़े फंड्स में निवेशकों की रुचि बढ़ रही है। 

2022 में घरेलू निवेशकों ने दूसरे निवेश साधन के मुकाबले इक्विटी में ज्यादा निवेश किया है। घरेलू निवेशकों ने इक्विटी में 1.6 लाख करोड़ रुपए निवेश किया, जबकि 2021 में 96,700 करोड़ रुपए का ही निवेश हुआ था। 

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Rajanish Kant सोमवार, 23 जनवरी 2023
Gold Bond Scheme; कीमत, फायदा समेत हर बात जानें
Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23 Series III-Issue Price सरकार की तरफ से देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2022-23 सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की तीसरी शृ्ंखला लांच कर दी है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को, हिन्दी में सार्वभौम स्वर्ण बॉन्ड भी कहते हैं। इस एपिसोड में जानें- -इस बॉन्ड को कहां से खरीदें -कम से कम कितना और ज्यादा से ज्यादा कितना खरीदें -कितने में खरीदें -कैसे खरीदें -क्यों खरीदें -इसकी खास-खास बातें क्या है -क्या इसमें पैसे लगाना सुरक्षित है

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Rajanish Kant रविवार, 18 दिसंबर 2022
सोने के जेवर के लिए हॉलमार्क शीघ्र ही अनिवार्य करने पर हो रहा विचार: पासवान



सरकार देश में बेचे जा रहे स्वर्ण आभूषणों के लिए शीघ्र ही हॉलमार्क अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी।


पासवान ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा विश्व मानक दिवस के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे ‘वैश्विक मानक एवं चतुर्थ औद्योगिक क्रांति’ समारोह में कहा, ‘‘बीआईएस ने तीन श्रेणियों 14 कैरट, 18 कैरट और 22 कैरट के लिए हॉलमार्क के मानक तय किये हैं। हम इसे शीघ्र ही अनिवार्य करने वाले हैं।’’ 
अभी हॉलमार्क स्वैच्छिक है। यह सोने की शुद्धता का मानक है। इसका प्रशासनिक प्राधिकरण बीआईएस के पास है जो उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत आता है।



पासवान ने उपभोक्ताओं के हित में मानक अपनाने की जरूरत पर जोर दिया। हालांकि उन्होंने इसके क्रियान्वयन की तिथि के बारे में जानकारी नहीं दी।



मंत्री ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति स्मार्ट प्रौद्योगिकियों की होगी और बीआईएस के समक्ष यह चुनौती है कि वह मानक तय करने का काम तेज करे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि देश इस क्षेत्र में पीछे नहीं छूटेगा।



पासवान ने इस मौके पर बीआईएस की नयी वेबसाइट की शुरुआत की और स्मार्ट विनिर्माण के बारे में मानक पूर्व रिपोर्ट जारी की।



उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री सी.आर.चौधरी ने भी इस बात पर जोर दिया कि समय की जरूरत कृत्रिम बुद्धिमता जैसी नयी स्मार्ट प्रौद्योगिकियों के लिये मानक तय करने पर चर्चा करना है।



बीआईएस की महानिदेशक सुरीना राजन ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति में इस्तेमाल होने वाली स्मार्ट प्रौद्योगिकियों के मानकीकरण के अध्ययन के लिए समितियां पहले ही गठित की जा चुकी हैं। इस क्रांति में मशीन भी मानवों की तरह कार्य कर रहे होंगे।

(सौ-पीटीआई भाषा)
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Rajanish Kant गुरुवार, 15 नवंबर 2018
सॉवरेन गोल्ड बांड की अगली सीरीज 5 नवंबर को खुलेगी, प्रति ग्राम कीमत इतनी होगी


सॉवरेन गोल्ड बांड सीरीज III के लिए आवेदन 5-9 नवंबर,  2018 तक कर सकते हैं। इसका मूल्य अभिदान की अवधि के पहले के सप्ताह के पिछले तीन कारोबारी दिवसों अर्थात 31 अक्टूबर से 2 नवंबर 2018 के लिए [इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (आईबीजेडए) द्वारा प्रकाशित] 999 शुद्धता वाले सोने के लिए बंद भाव की साधारण औसत के आधार पर तय किया गया है, जो  3183/- (तीन हजार एक सौ तेरासी रुपये मात्र) प्रति ग्राम है।

भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से, उन निवेशकों के लिए सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड के सांकेतिक मूल्य पर प्रति ग्राम  50 की छूट देने का फैसला किया है जो इसका आवेदन ऑनलाइन तथा इसका भुगतान डिजिटल मोड द्वारा करेगें। ऐसे निवेशकों के लिए, स्वर्ण के प्रति ग्राम का निर्गम मूल्य  3133 (तीन हजार तैंतीस रुपये मात्र) होगा।

सॉवरेन गोल्‍ड बांड योजना 2018-19
इससे पहले भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से सॉवरेन गोल्‍ड बांड 2018-19 जारी करने का निर्णय लिया है। अक्‍टूबर 2018 से लेकर फरवरी 2019 तक हर महीने सॉवरेन गोल्‍ड बांड जारी किए जाएंगे। ये बांड निम्‍नलिखित कैलेंडर के अनुसार जारी किए जाएंगे :

क्रसं.
सीरीजखरीदने के लिए आवेदन की अवधिबांड जारी करने की तिथि
1
2018-19 सीरीज II
15-19 अक्‍टूबर,  201823 अक्‍टूबर, 2018
22018-19 सीरीज III05-09 नवम्‍बर, 201813 नवम्‍बर, 2018
32018-19 सीरीज IV24-28 दिसंबर, 201801 जनवरी, 2019
42018-19 सीरीज V14–18 जनवरी, 201922 जनवरी, 2019
52018-19 सीरीज VI04-08 फरवरी, 201912 फरवरी, 2019

बांडों की बिक्री बैंकों, स्‍टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंजों जैसे कि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज लिमिटेड के जरिए की जाएगी। बांड की खूबियों का उल्‍लेख नीचे किया गया है:
क्र.सं.
मद
विवरण
1उत्‍पाद का नाम
सॉवरेन गोल्‍ड बांड 2018-19
2जारी करना
भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाएंगे।
3पात्रता
बांडों की बिक्री विभिन्‍न व्‍यक्तियोंहिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), ट्रस्‍ट, विश्‍वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्‍थानों जैसे निवासी निकायों तक ही सीमित रहेगी।
4मूल्‍य वर्ग
बांडों को 1 ग्राम की बुनियादी इकाई के साथ सोने के ग्राम संबंधी गुणक में अंकित किया जाएगा।
5अवधि
बांड की अवधि 8 साल होगी और पांचवें, छठे एवं सातवें साल में इससे बाहर निकलने का विकल्‍प रहेगा, जिसका इस्‍तेमाल ब्‍याज भुगतान की तिथियों पर किया जा सकता है।
6न्‍यूनतम आकार
न्‍यूनतम स्‍वीकार्य सीमा 1 ग्राम सोना है।
7अधिकतम सीमा
खरीदने की अधिकतम सीमा व्‍यक्तियों के लिए 4 किलोग्राम, एचयूएफ के लिए भी 4 किलोग्राम और ट्रस्‍ट एवं इसी तरह के निकायों के लिए 20 किलोग्राम प्रति वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) होगी, जिसके बारे में सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित किया जाता है। इस आशय की एक स्‍व-घोषणा पत्र प्राप्‍त करना होगा। वार्षिक सीमा में सरकार द्वारा आरंभिक निर्गमन के दौरान विभिन्‍न सीरीज के तहत खरीदे गए बांड और द्वितीयक बाजार से खरीदे गए बांड भी शामिल होंगे।
8संयुक्‍त धारक
संयुक्‍त रूप से धारण किए जाने की स्थिति में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा केवल प्रथम आवेदक पर लागू होगी।  
9निर्गम मूल्‍य या इश्‍यू प्राइस
बांड का मूल्‍य भारतीय रुपये में तय किया जाएगा जो अभिदान अवधि से ठीक पिछले सप्‍ताह के अंतिम 3 कार्य दिवसों पर 999 शुद्धता वाले सोने के बंद मूल्‍य के सामान्‍य औसत पर आधारित होगा। इसका प्रकाशन इंडिया बुलियन एंड ज्‍वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। स्‍वर्ण बांड का निर्गम मूल्‍य उन लोगों के लिए प्रति ग्राम 50 रुपये कम होगा जो इसकी खरीदारी ऑनलाइन करेंगे और इसका भुगतान डिजिटल मोड के जरिए करेंगे।
10भुगतान का विकल्‍प
बांड का भुगतान या तो नकद अदायगी (अधिकतम 20,000 रुपये तक) अथवा डिमांड ड्राफ्ट या चेक अथवा इलेक्‍ट्रॉनिक बैंकिंग के जरिए की जा सकेगी।
11निर्गमन फॉर्म
स्‍वर्ण बांडों को जीएस अधिनियम, 2006 के तहत भारत सरकार के स्‍टॉक के रूप में जारी किया जाएगा। निवेशकों को इसके लिए एक धारण (होल्डिंग) प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। बांडों को डिमैट स्‍वरूप में बदला जा सकेगा।
12विमोचन मूल्‍य
विमोचन मूल्‍य भारतीय रुपये में होगा जो 999 शुद्धता वाले सोने के बंद मूल्‍य के पिछले 3 कार्य दिवसों के सामान्‍य औसत पर आधारित होगा। इसका प्रकाशन इंडिया बुलियन एंड ज्‍वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) द्वारा किया जाएगा।
13बिक्री का माध्यम
बांडों की बिक्री बैंकोंस्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल)नामित डाकघरों (जिन्‍हें अधिसूचित किया जा सकता है) और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉ‍क एक्सचेंज लिमिटेड के जरिए या तो सीधे अथवा एजेंटों के जरिए की जाएगी।
14ब्‍याज दर
निवेशकों को प्रति वर्ष 2.50 प्रतिशत की निश्चित दर से मुआवजा दिया जाएगाजो अंकित मूल्‍य पर हर छह महीने में देय होगा।
15जमानत या गारंटी के रूप में 
बांडों का उपयोग ऋणों के लिए जमानत या गारंटी के रूप में किया जा सकता है। ऋण-मूल्‍य (एलटीवी) अनुपात को साधारण स्‍वर्ण ऋण के बराबर तय किया जाएगा जिसके बारे में रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर अधिदेश जारी किया जाएगा। बांडों पर स्‍वत्व अथवा वैध अधिकार को डिपोजिटरी अथवा अधिकृत बैंकों द्वारा चिन्हित किया जाएगा। सॉवरेन गोल्‍ड बांड (एसजीबी) पर ऋण देने का निर्णय कर्जदाता बैंक/संस्‍थान द्वारा लिया जाएगा और इसे एसजीबी धारक का अधिकार नहीं माना जा सकता है।
16केवाईसी दस्‍तावेज
अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी)’ से जुड़े मानक वही होंगे जो भौतिक या ठोस रूप में सोने की खरीदारी के लिए तय किए गए हैं। केवाईसी दस्‍तावेज जैसे कि वोटर आईडी, आधार कार्ड/पैन अथवा टैन/ पासपोर्ट की आवश्‍यकता होगी। प्रत्‍येक आवेदन के साथ आयकर विभाग द्वारा निवेशकों को जारी स्‍थायी खाता संख्‍या (पैन) की प्रति भी अवश्‍य संलग्‍न की जानी चाहिए।
17टैक्‍स देनदारी
आयकर अधिनियम, 1961 (43, 1961) के प्रावधान के अनुसार, स्‍वर्ण बांड पर प्राप्‍त होने वाले ब्‍याज पर टैक्‍स अदा करना होगा। किसी भी व्‍यक्ति को एसजीबी के विमोचन पर होने वाले पूंजीगत लाभ को कर मुक्‍त कर दिया गया है। बांड के हस्‍तांतरण पर किसी भी व्‍यक्ति को प्राप्‍त होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन या मूल्‍य सूचकांक से जोड़ने के कारण टैक्‍स भार कम करने संबंधी फायदे भी मिलेंगे।
18ट्रेडिंग पात्रता
किसी भी निर्धारित तिथि पर बांड जारी होने के एक पखवाड़े के भीतर बांडों की ट्रेडिंग स्‍टॉक एक्‍सचेंजो पर हो सकेगी, जैसा कि आरबीआई द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। 
19 एसएलआर संबंधी पात्रता
स्‍वत्व अथवा वैध अधिकार/ बंधक/गिरवी का उपयोग करने की प्रक्रिया के जरिए बैंकों द्वारा हासिल किए गए बांडों की गिनती वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) के संदर्भ में की जाएगी। 
20कमीशन
बांडों के वितरण पर कमीशन प्राप्‍तकर्ता कार्यालयों को हासिल होने वाले प्रति 100 रुपये के अभिदान पर 1 रुपये की दर से दिया जाएगा और प्राप्‍तकर्ता कार्यालय इस तरह से हासिल होने वाले प्रति 100 रुपये के कमीशन पर कम से कम 50 पैसे को उन एजेंटों अथवा उप-एजेंटों के साथ साझा करेंगे जिनके जरिए संबंधित बिजनेस या कारोबार हासिल किया गया है।  


Rajanish Kant शुक्रवार, 2 नवंबर 2018
Sovereign Gold Bond: अक्टूबर 2018 से फरवरी 2019 तक कब-कब निवेश कर सकते हैं

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Rajanish Kant रविवार, 14 अक्तूबर 2018