निवेशकों ने Gold ETF (गोल्ड ईटीएफ) को भाव नहीं दिया, जानिये 5 कारण


गोल्ड ईटीएफ म्युचुअल फंड स्कीम है। शेयर की तरह इसे भी आप खरीद-बेच या होल्ड कर सकते हैं। निवेशकों के लिए सोने में निवेश का ये काफी आकर्षक और आसान निवेश साधन रहा है। लेकिन, पिछले साल यानी 2022 में निवेशकों ने इस कागजी सोने को भाव नहीं दिया। इसका प्रमाण है कि घरेलू गोल्ड ईटीएफ में पिछले साल उसके पिछले साल यानी 2021 के मुकाबले 90 प्रतिशत कम निवेश होना। 

पिछले साल गोल्ड ईएटीएफ में  केवल 459 करोड़ रुपए का ही निवेश हुआ है, जबकि 2021 में ये आंकड़ा 4814 करोड़ और 2020 में 6,657 करोड़ रुपए था। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) ने इसकी जानकारी दी। 

गोल्ड ईटीएफ में निवेश में आई कमी के लिए सोने की बढ़ती कीमत, बैंक द्वारा जमा राशि पर बढ़ाए जा रहे ब्याज और लगातार बढ़ती महंगाई को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। वैश्विक स्तर पर बात करें तो रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा प्रमुख दरों में बढ़ोतरी गोल्ड ईटीएफ में निवेश में आई कमी का कारण बताया जा रहा है। 

हालांकि, 2022 में गोल्ड ईटीएफ खाता, जिसे तकनीकी भाषा में फोलियो कहा जाता है, 2021 के मुकाबले ज्यादा संख्या में खुले हैं। 2022 में 46.28 लाख नए गोल्ड ईटीएफ फोलियो खुले, जो कि 2021 के 32.09 लाख फोलियो के मुकाबले 14.29 लाख ज्यादा है। इससे जाहिर होता है कि गोल्ड से जुड़े फंड्स में निवेशकों की रुचि बढ़ रही है। 

2022 में घरेलू निवेशकों ने दूसरे निवेश साधन के मुकाबले इक्विटी में ज्यादा निवेश किया है। घरेलू निवेशकों ने इक्विटी में 1.6 लाख करोड़ रुपए निवेश किया, जबकि 2021 में 96,700 करोड़ रुपए का ही निवेश हुआ था। 

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