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NPS में हुए कई बदलाव, जानें नए नियम #NPS #Budget2019 #Business #Pension

NPS में हुए कई बदलाव, जानें नए नियम #NPS #Budget2019 #Business #Pension

Rajanish Kant मंगलवार, 9 जुलाई 2019
एनपीएस के अंतर्गत न्यूनतम रिटर्न की गारंटी योजना पर काम कर रहा पेंशन नियामक

पेंशन कोष नियामक पीएफआरडीए नेशनल पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से जुड़े लोगों के लिये न्यूनतम रिटर्न योजना पर काम कर रहा है।

एनपीएस सेवानिवृत्ति के लिये योगदान के जरिये बचत करने की योजना है। यह जनवरी के अंत तक 2.91 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति का प्रबंधन कर रहा था और इससे जुड़े लोगों की संख्या 1.21 करोड़ है।

पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के एक दस्तावेज के अनुसार, नियामक ग्राहकों के लिए न्यूनतम रिटर्न की गारंटी योजना को विकसित करने तथा इसका डिजायन तैयार करने पर काम कर रहा है।

नियामक ने बीमा कंपनियों से न्यूनतम रिटर्न योजना डिजायन करने, विकसित करने और रिटर्न की राशि सुझाने के लिये निविदाएं मंगायी हैं। 

नियामक ने कहा है कि कम से कम पांच साल पुराना सरकारी संगठन, सरकारी उपक्रम, भागीदारी कंपनी, तय देनदारी वाली भागीदारी या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी आवेदन कर सकती हैं।


(सौ. पीटीआई भाषा)
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Rajanish Kant रविवार, 24 फ़रवरी 2019
#Pension स्कीम: अटल पेंशन, NPS और PMSYM में से सबसे सही कौन?

#Pension स्कीम: अटल पेंशन, NPS और PMSYM में से सबसे सही कौन?

Rajanish Kant शनिवार, 23 फ़रवरी 2019
PF, PPF के जैसे NPS भी बनी फायदेमंद, अब ज्यादा बचेगा टैक्स

PF, PPF के जैसे NPS भी बनी फायदेमंद, अब ज्यादा बचेगा टैक्स

Rajanish Kant मंगलवार, 11 दिसंबर 2018
सरकारी कर्मचारियों के लिए NPS में किए गए बदलाव, जानें क्या होगा फायदा
               राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) सरल बनाई गई

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने 6 दिसम्‍बर, 2018 को अपनी बैठक में राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को युक्तिसंगत या सरल बनाने के लिए निम्‍नलिखित प्रस्‍ताव को मंजूरी दी।
  • केन्‍द्र सरकार द्वारा एनपीएस टियर-। के दायरे में आने वाले अपने कर्मचारियों के लिए अपना अनिवार्य अंशदान मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है।
  • केन्‍द्र सरकार के कर्मचारियों को पेंशन फंडों और निवेश के स्‍वरूप के चयन की आजादी दी गई है।
  • वर्ष 2004-2012 के दौरान एनपीएस में अंशदान न करने या इसमें विलम्‍ब होने पर क्षतिपूर्ति की जाएगी।
  • एनपीएस से बाहर निकलने पर मिलने वाली एकमुश्‍त निकासी राशि पर कर छूट सीमा बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दी गई है। इसके साथ ही समूची निकासी राशि अब आयकर से मुक्‍त हो जाएगी। (मौजूदा समय में वार्षिकी की खरीद के लिए इस्‍तेमाल की गई कुल संचित राशि का 40 प्रतिशत कर मुक्‍त है। सेवानिवृत्ति के समय एनपीएस के सदस्‍य द्वारा निकाली जाने वाली संचित राशि के 60 प्रतिशत में से 40 प्रतिशत कर मुक्‍त है, जबकि शेष 20 प्रतिशत राशि कर योग्‍य है।)
  • एनपीएस के टियर-।। के तहत सरकारी कर्मचारियों द्वारा किये जाने वाला अंशदान अब आयकर की दृष्टि से 1.50 लाख रुपये तक की छूट के लिए धारा 80 सी के अंतर्गत कवर होगा। यह अन्‍य योजनाओं जैसे कि सामान्‍य भविष्‍य निधि, अंशकारी भविष्‍य निधि, कर्मचारी भविष्‍य निधि और सार्वजनिक भविष्‍य निधि के सम्‍तुलय है, बशर्तें कि इसमें तीन वर्षों की लॉक-इन अवधि हो।
पृष्‍ठभूमि
1 जनवरी, 2004 को अथवा उसके बाद केन्‍द्र सरकार की सेवा से जुड़ने वाले नये कर्मचारियों को राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत कवर किया जाता है। 7वें वेतन आयोग ने वर्ष 2015 में अपने विचार विमर्श के दौरान एनपीएस से जुड़ी विशिष्‍ट चिंताओं पर गौर किया और सिफारिशें पेश कीं। 7वें वेतन आयोग ने इस संबंध में सचिवों की एक समिति गठित करने की सिफारिश की। तदनुसार, सरकार द्वारा वर्ष 2016 में सचिवों की एक समिति गठित की गई जिसे एनपीएस के कार्यान्‍वयन को युक्तिसंगत अथवा सरल बनाने के लिए विभिन्‍न उपाय सुझाने की जिम्‍मेदारी सौंपी गई। समिति ने वर्ष 2018 में अपनी रिपोर्ट पेश की। तदनुसार, समि‍ति की सिफारिशों के आधार पर मसौदा कैबिनेट नोट को मंजूरी के लिए कैबिनेट के विचारार्थ पेश किया गया।
कार्यान्‍वयन रणनीति और लक्ष्‍य
अन्‍य संबंधित मंत्रालयों / विभागों से सलाह-मशविरा करने के बाद महत्‍वपूर्ण निर्णय लिये जाने के पश्‍चात एनपीएस में प्रस्‍तावित बदलावों को तत्‍काल लागू कर दिया जायेगा।
प्रमुख प्रभाव
  • एनपीएस के दायरे में आने वाले केन्‍द्र सरकार के सभी कर्मचारियों की अंतिम संचित राशि में वृद्धि होगी।
  • कर्मचारियों पर कोई अतिरिक्‍त बोझ पड़े बगैर ही सेवानिवृत्ति के बाद उन्‍हें मिलने वाली पेंशन राशि बढ़ जायेगी।
  • केन्‍द्र सरकार के कर्मचारियों को पेंशन फंडों और निवेश के स्‍वरूप या रूपरेखा के चयन में आजादी मिलेगी।
  • एनपीएस के दायरे में आने वाले केन्‍द्र सरकार के लगभग 18 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
  • जीवन प्रत्‍याशा बढ़ने की स्थिति में वृद्धावस्‍था सुरक्षा बढ़ जायेगी।
  • एनपीएस को और ज्‍यादा आकर्षक बनाने से सरकार को सर्वोत्‍तम प्रतिभाओं को आकर्षि‍त करने एवं उन्‍हें सेवा में बनाये रखने में आसानी होगी।
निहित व्‍यय
  • इस वजह से वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान राजकोष पर लगभग 2840 करोड़ रुपये का भार पड़ने का अनुमान है और यह एक आवर्ती व्यय के रूप में होगा। वर्ष 2004-2012 के दौरान एनपीएस में अंशदान न करने या इसमें विलम्‍ब होने पर क्षतिपूर्ति किये जाने के प्रावधान के कारण जो वित्‍तीय भार पड़ेगा वह इस राशि के अतिरिक्‍त होगा।
लाभार्थियों की संख्‍या
राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली को युक्तिसंगत बनाने से एनपीएस के दायरे में आने वाले केन्‍द्र सरकार के लगभग 18 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
दायरे में आने वाले राज्‍य/जिले
समस्‍त भारत
पहले से ही कार्यान्वित की जा रही योजना, यदि कोई हो, का विवरण एवं प्रगति
फिलहाल यह स्थिति है कि 1 जनवरी 2004 को अथवा उसके बाद केन्‍द्र सरकार की सेवा से जुड़ने वाले नये कर्मचारियों को राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत कवर किया जाता है। देश में एनपीएस का कार्यान्‍वयन और नियमन पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है।


(सौ. पीआईबी)

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Rajanish Kant सोमवार, 10 दिसंबर 2018
NPS हुआ अब और फायदेमंद, सरकारी नौकरी करने वाले जरूर देखें

NPS हुआ अब और फायदेमंद, सरकारी नौकरी करने वाले जरूर देखें

Rajanish Kant शुक्रवार, 7 दिसंबर 2018
PPF vs NPS! बेहतर कौन...आप खुद ही पता कर लें...

PPF vs NPS! बेहतर कौन...आप खुद ही पता कर लें...

Rajanish Kant सोमवार, 16 जुलाई 2018
नौकरीपेशा लोगों के लिए झटका, PF पर 5 साल में सबसे कम ब्याज मिलेगा
सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पीएफ पर ब्याज दर अधिसूचित कर दिया है। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पीएफ अकाउंट पर 8.55 प्रतिशत सालाना ब्याज मिलेगा, जो कि पिछले 5 साल में सबसे कम है। इस तरह से पिछले वित्त वर्ष यानी 2016-17 के मुकाबले 0 .10% कम ब्याज मिलेगा। 


-वित्त वर्ष 2017-18 के लिए भविष्य निधि
(पीएफ) पर सालाना 8.55% ब्याज 
पीएफ पर पांच साल में मिलने वाला सबसे 
कम ब्याज है। 2016-17 के मुकाबले 0 .10%
कम मिलेगा ब्याज
वित्त वर्ष             सालाना ब्याज (%)
2013-14                    8.75
2014-15                    8.75
2015-16                    8.80
2016-17                    8.65
2017-18                    8.55

आपको बता दूं कि ईपीएफओ की सर्वोच्च नीति निर्माता संस्था सीबीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी) ने 21 फरवरी 2018 की बैठक में पीएफ पर वित्त वर्ष 2017-18 के लिए सालाना ब्याज दर 8.55 प्रतिशत की सिफारिश की थी। इस पर अंतिम फैसला सरकार को लेना था। कर्नाटक विधानसभा चुनाव (12 मई, 2018) की वजह से सरकार इस ब्याज दर को अधिसूचित नहीं कर रही थी। अब विधान सभा चुनाव के बाद सरकार ने नई ब्याज दर अधिसूचित कर दी।

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म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से  
((फाइनेंशियल प्लानिंग (वित्तीय योजना) क्या है और क्यों जरूरी है?
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
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Rajanish Kant रविवार, 27 मई 2018
नौकरी करने वालों के लिए फायदे की खबर; News for Salaried Class

नौकरी करने वालों के लिए फायदे की खबर; News for Salaried Class

Rajanish Kant बुधवार, 9 मई 2018
NPS खाता खुलवाने के लिए बैंक खाते का विवरण और मोबाइल नंबर देना जरूरी है-PFRDA
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने नया एनपीएस सदस्‍य पंजीकरण फॉर्म - अतिरिक्त अनिवार्य आवश्यकताएं निर्धारित कीं -

पेंशन क्षेत्र के नियमन और विकास के लिए भारत सरकार द्वारा पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की स्थापना की गई है, ताकि संबंधित सदस्‍यों की वृद्धावस्था आय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में परिचालन संबंधी मुद्दों को आसान बनाने एवं संबंधित व्‍यवस्‍था को बेहतर करने के उद्देश्‍य से पीएफआरडीए की ओर से समय-समय पर विभिन्न पहल की जाती रही है। एनपीएस ढांचे के तहत नई कार्यक्षमता का विकास, खाता खोलने एवं निकासी में आसानी, शिकायत प्रबंधन इत्‍यादि इन पहलों में शामिल हैं। इस संबंध में प्राधिकरण द्वारा बैंक खाते के विवरण और मोबाइल नंबर को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि इसके सदस्‍यों के हित में परिचालन को आसान बनाने के साथ-साथ एनपीएस से बाहर निकलने की प्रक्रिया को भी परेशानी मुक्त बनाया जा सके।



  इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा जारी मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम अधिनियम संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुपालन के तहत नए सदस्‍यों के साथ-साथ मौजूदा सदस्‍यों के लिए भी विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम (एफएटीसीए) और प्रतिभूतिकरण परिसंपत्ति‍ पुनर्निर्माण एवं प्रतिभूति हित की केंद्रीय रजिस्ट्री (सीईआरएसएआई) को अनिवार्य कर दिया गया है। इन्हें नए सामान्य सदस्‍य पंजीकरण फॉर्म (सीएसआरएफ) में अनिवार्य कर दिया गया है जिसे नए सदस्‍यों द्वारा भरना आवश्यक है। मौजूदा सदस्‍यों को अपने लॉग-इन  (www.cra-nsdl.com or https://enps.karvy.com/Login/Login ) में एफएटीसीए स्व-प्रमाणन को ऑनलाइन जमा करने की सुविधा प्रदान की गई है। उपर्युक्‍त कार्यक्षमता के बारे में जानकारी भी केंद्रीय अभिलेख-रखरखाव एजेंसी (सीआरए) की वेबसाइटों पर उपलब्ध करा दी गई है। एफएटीसीए स्व-प्रमाणन को ऑनलाइन जमा करने के लिए संबंधित सदस्‍य द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का भी उल्लेख वेबसाइट पर किया गया है।
सदस्‍यों अथवा ग्राहकों को अपने फॉर्म को अस्वीकृत होने से बचाने के लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि वे समस्‍त अनिवार्य खंडों या रिक्‍त स्‍थानों को सही ढंग से भरें और उन्हें रिक्त कतई नहीं छोड़ें।
(स्रोत-पीआईबी)

Rajanish Kant शुक्रवार, 20 अप्रैल 2018
मैच्योरिटी से पहले भी एनपीएस (NPS) के टियर-1 अकाउंट से आंशिक पैसे निकाल सकते हैं, लेकिन शर्त ये है कि...
एनपीएस यानी नेशनल पेंशन सिस्टम यानी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में पैसे लगाने वालों के लिए अच्छी खबर है। कई लोगों की शिकायत थी कि मैच्योरिटी से पहले जरूरत पड़ने पर आंशिक पैसे निकालने की सुविधा एनपीएस के टियर-1 अकाउंट जिसे पेंशन खाता भी कहते हैं, नहीं है। लेकिन, अब एनपीएस के रेगुलेटर पीएफआरडीए ने मैच्योरिटी से पहले ही इस खाते से आंशिक पैसे निकालने की अनुमति दे दी है। लेकिन, आंशिक पैेसे निकालने की कुछ शर्तें हैं और पूरी मैच्योरिटी अवधि तक, जो कि एनपीएस के खाताधारकों को 60 साल की उम्र होेने तक है, केवल तीन बार ही आंशिक पैसे निकाल सकते हैं। 10 जनवरी 2018 से नया आदेश लागू हो गया है।
मैच्योरिटी से पहले भी एनपीएस (NPS) के टियर-1 अकाउंट से आंशिक पैसे निकाल सकते हैं, लेकिन शर्त ये है कि...

आपको बता दूं कि एनपीएस के तहत दो तरह के खाते होते हैं एक टियर-1, जिसे पेंशन खाता भी कहते हैं और दूसरा टियर-2 खाता,जिसे बचत खाता भी कहते हैं। टियर-2 अकाउंट से जब मर्जी हो, जितनी बार मर्जी हो तब पैसे निकाल सकते हैं और चाहे जितनी बार पैसे निकाल सकते हैं, बिल्कुल बचत बैंक खाते की तरह।

तो, सवाल है कि टियर-1 खाते से आंशिक पैसे निकालने की शर्तें क्या हैं-
-पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने एक परिपत्र में कहा कि जिन एनपीएस अंशधारकों ने तीन साल तक योगदान दिया है, वे कुछ निर्धारित खर्चों के लिए कुल कोष से 25 प्रतिशत तक राशि निकाल सकते हैं। इसमें कहा गया है, अंशधारकों को अपने व्यक्तिगत खाते से कुल योगदान का अधिकतम 25 प्रतिशत निर्धारित उद्देश्य से निकालने की अनुमति होगी। अंशधारक योगदान अवधि के दौरान अधिकतम तीन बार धन की निकासी कर सकते हैं।
-पीएफआरडीए के अनुसार, अंशधारकों को एनपीएस खाते से जिन निर्धारित मकसद के लिए धन निकालने
की छूट होगी, उसमें बच्चों की उच्च शिक्षा और शादी शामिल है। रिहायशी मकान या फ्लैट खरीदने के लिए
भी निकासी की अनुमति होगी।
-परिपत्र में आगे कहा गया है, अगर अंशधारक के पास पैतृक संपत्ति को छोड़कर व्यक्तिगत रूप से या संयुक्त
 नाम पर कोई रिहायशी मकान या फ्लैट है, तो निकासी की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा कैंसर, किडनी
खराब होने तथा हृदय रोग जैसी बीमारियों के लिए कोष निकाला जा सकता है। एनपीएस सरकार का प्रमुख
सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम है।

((NPS:रिटायरमेंट के बाद पेंशन+टैक्स बचत+वेल्थ क्रिएशन+शेयर बाजार बढ़ने का फायदा
((एनपीएस क्या है और कैसे खुलवाएं ? What Is NPS & How to Open? (NPS: National Pension System)


(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से  
((फाइनेंशियल प्लानिंग (वित्तीय योजना) क्या है और क्यों जरूरी है?
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 
(बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी किताब- बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा)
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(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

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((निवेश: 5 गलतियों से बचें, मालामाल बनें Investment: Save from doing 5 mistakes 

Rajanish Kant गुरुवार, 18 जनवरी 2018