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सरकार को असंगठित क्षेत्र की पेंशन योजना के तहत अप्रैल अंत तक एक करोड़ लोगों के पंजीकरण की उम्मीद
सरकार को प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (पीएमएसवाईएम) के तहत अप्रैल के अंत तक एक और करोड़ पंजीकरण होने का अनुमान है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।

इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन देने का प्रावधान है। इस योजना की शुरुआत पिछले महीने हुई थी।

सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिनेश त्यागी ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘हम इस योजना के तहत पहले ही असंगठित क्षेत्र के 25.36 लाख लोगों को पंजीकृत कर चुके हैं। हम हर रोज करीब एक लाख लोगों का पंजीकरण हो रहा है। हमें उम्मीद है कि अप्रैल, 2019 के अंत तक एक करोड़ लोगों का पंजीयन कर लिया जाएगा।’’ 

उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों के बीच योजना के बारे में जागरूकता बढ़ने के साथ ही प्रतिदिन पंजीकरण में तेजी आएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस साल दिसंबर के अंत तक योजना के तहत पांच करोड़ कामगारों का पंजीकरण पूरा होने की उम्मीद है।’’ 

त्यागी ने कहा कि अगले पांच साल में योजना के तहत 10 करोड़ लोगों के पंजीकरण का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि जागरूकता बढ़ने के बाद लक्ष्य को पाना मुश्किल नहीं होगा।
(सौ. पीटीआई भाषा)
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Rajanish Kant रविवार, 24 मार्च 2019
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Rajanish Kant शनिवार, 23 फ़रवरी 2019
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Rajanish Kant रविवार, 10 फ़रवरी 2019
15 फरवरी से प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना से जुड़ सकेंगे असंगठित क्षेत्र के कामगार
श्रम मंत्रालय ने कहा है कि असंगठित क्षेत्र के 40 वर्ष तक की आयु के कामगार 15 फरवरी से ही प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएमएसवाईएम) योजना से जुड़़ सकते हैं। श्रम मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करके यह जानकारी दी है। 


योजना से जुड़ने वाले लाभार्थियों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन दी जायेगी।



वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट 2019-20 में इस योजना की घोषणा की है। योजना का उद्देश्य 15,000 रुपये तक की मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन उपलब्ध कराना है।



गोयल ने कहा कि इस योजना से अगले पांच साल में 10 करोड़ कामगारों के योजना से जुड़ने की उम्मीद है। इसके लिये अंतरिम बजट में 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। उन्होंने बजट में कहा था कि योजना को चालू वित्त वर्ष से ही लागू कर दिया जायेगा।



प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन से लाभार्थियों को 60 वर्ष की आयु के बाद न्यूनतम 3,000 रुपये की मासिक पेंशन दी जायेगी। इस योजना के तहत योजना से जुड़ने वाले कामगारों को बहुत ही छोटी राशि हर महीने पेंशन योजना में जमा करनी होगी। इतनी ही राशि का योगदान सरकार भी करेगी।



श्रम मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, "योजना का नाम प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन 2019 होगा। यह योजना 15 फरवरी 2019 से प्रभावी होगी ... असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगार 15 फरवरी या उसके बाद इस योजना को चुन सकते हैं।" 



योजना के साथ 18 वर्ष की आयु में जुड़ने वाले कामगार को 55 रुपये मासिक राशि जमा करनी होगी। इतनी ही राशि का योगदान सरकार भी करेगी। अधिक उम्र में योजना से जुड़ने वाले व्यक्ति का मासिक अंशदान भी बढ़ता चला जायेगा।



योजना से 29 वर्ष की आयु में जुड़ने वाले कामगार को 100 रुपये मासिक अंशदान करना होगा जबकि 40 वर्ष की आयु के व्यक्ति को योजना अपनाने पर 200 रुपये प्रति माह का अंशदान करना होगा। योजना के तहत 60 वर्ष की आयु होने तक अंशदान करना होगा। 



यह योजना रेहड़ी-पटरी लगाने वालों, रिक्‍शा चालक, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा, कृषि कामगार, मोची, धोबी, चमड़ा कामगार और इसी प्रकार के अनेक अन्‍य कार्यों में लगे असंगठित क्षेत्र के कामगारों को कवर करेगी। 



हालांकि, असंगठित क्षेत्र के ऐसे कामगार इस योजना के लिए पात्र नही होंगे जो कि राष्ट्रीय पेंशन योजना, कर्मचारी राज्य बीमा निगम योजना या फिर कर्मचारी भविष्य निधि योजना के तहत आते हैं। ऐसे श्रमिक जो आयकर देते हैं, वे भी पात्र नहीं होंगे।



अधिसूचना में कहा गया है कि प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना से जुड़ने के लिए श्रमिक की आयु 18 वर्ष से कम और 40 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। साथ ही श्रमिक के पास आधार संख्या और बचत खाता भी होना चाहिए।



यह योजना असंगठित क्षेत्र कामगार सामाजिक सुरक्षा कानून 2008 के तहत लाई गई है। योजना को चलाने के लिये केन्द्र सरकार एक पेंशन कोष स्थापित करेगी। योजना में यह भी प्रावधान होगा कि यदि कोई कामगार नियमित रूप से अंशदान करता रहा है और किसी वजह से बाद में उसकी मृत्यू हो जाती है तो उसकी पत्नी योजना को आगे बढ़ाने की पात्र होगी। वह आगे नियमित रूप से योजना में अंशदान कर सकती है। 



लाभार्थी की पत्नी अथवा पति अंशदाता की मृत्यू होने पर योजना से यदि बाहर होना चाहते हैं तो वह किये गये कुल अंशदान पर ब्याज सहित पूरी राशि को प्राप्त कर सकते हैं और योजना से बाहर हो सकते हैं। योजना के लाभार्थी के स्थायी रूप से अपंग होने की स्थिति में भी उसके पति अथवा पत्नी योजना को आगे जारी रख सकते हैं अथवा बाहर हो सकते हैं। 



अधिसूचना में कहा गया है कि पेंशन शुरू होने के बाद लाभार्थी की मृत्यू होने की स्थिति में उसकी पत्नी अथवा पति पेंशन की हकदार होगी और उसे पेंशन राशि का 50 प्रतिशत भुगतान किया जायेगा।



(सौ. पीटीआई भाषा)
बचत, निवेश संबंधी beyourmoneymanager के लेख


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