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RBI ने दि गुजरात राज्य कर्मचारी कोऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि गुजरात राज्य कर्मचारी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात
पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 जून 2024 के आदेश द्वारा दि गुजरात राज्य कर्मचारी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'वित्तीय विवरण - प्रस्तुति और प्रकटीकरण', 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना', 'सहकारी बैंक - जमाराशियों पर ब्याज दर' संबंधी निदेशों के अननुपालन और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 की उप-धारा (2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 7.50 लाख (सात लाख पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के साथ-साथ बीआर अधिनियम की धाराओं 46(2) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(ए) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। सांविधिक प्रावधानों/ भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों और बीआर अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। बैंक ने (i) अपनी वार्षिक रिपोर्ट में तुलन पत्र की ‘लेखा संबंधी टिप्पणियों’ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लगाए गए दंड का प्रकटीकरण नहीं किया; (ii) रिज़र्व बैंक के निरीक्षण अधिकारी(ओं) द्वारा अपेक्षित बैंक के मामलों से संबंधित दस्तावेज़ और पूरी जानकारी प्रदान नहीं की; (iii) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक (प्रतिपक्षकार) एक्सपोज़र सीमा का उल्लंघन किया और (iv) परिपक्व मीयादी जमाराशियों पर परिपक्वता की तिथि से लेकर उनके पुनर्भुगतान की तिथि तक लागू दर पर ब्याज का भुगतान नहीं किया।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant मंगलवार, 2 जुलाई 2024
RBI ने दि रोहिका सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि रोहिका सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मधुबनी, बिहार
पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 जून 2024 के आदेश द्वारा दि रोहिका सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मधुबनी, बिहार (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी निदेशों के अननुपलान के लिए 1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेश के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों की जांच करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। बैंक (i) सभी ग्राहकों का जोखिम वर्गीकरण करने, (ii) खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा की प्रणाली अपनाने और (iii) केवाईसी दस्तावेजों का आवधिक अद्यतन करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant
RBI ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, सीहोर, मध्य प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, सीहोर, मध्य प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 27 के प्रावधानों के अननुपालन के लिए 75,000/- (पचहत्तर हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। सांविधिक प्रावधान/ निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि सांविधिक प्रावधानों और निदेशों के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर, अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ यह पाया कि भारतीय रिज़र्व बैंक और नाबार्ड को क्रमशः सांविधिक और परोक्ष चौकसी  प्रणाली (ओएसएस) विवरणी प्रस्तुत करने में विलंब का आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाना आवश्यक है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant मंगलवार, 26 मार्च 2024
जनवरी में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की ऋण और जमा दरें

अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की ऋण और जमा दरें – फरवरी 2024



फरवरी 2024 माह के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के संबंध में प्राप्त आंकड़े तालिका 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।

मुख्य बातें:

उधार दर:

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के नए रुपया ऋणों पर भारित औसत उधार दर (डब्ल्यूएएलआर) जनवरी 2024 में 9.45 प्रतिशत (दिसंबर 2023 में 9.32 प्रतिशत) थी।

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के बकाया रुपया ऋणों पर डब्लूएएलआर जनवरी 2024 में 9.85 प्रतिशत प्रतिशत (दिसंबर 2023 में 9.83 प्रतिशत) थी।1

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की निधि की सीमांत लागत आधारित उधार दर (एमसीएलआर) की 1-वर्ष की माध्यिका फरवरी 2024 में 8.80 प्रतिशत पर यथावत् रही।

जमा दर:

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के नए रुपया मीयादी जमा पर भारित औसत घरेलू मीयादी जमा दर (डब्ल्यूएडीटीडीआर) दिसंबर 2023 में 6.49 प्रतिशत से जनवरी 2024 में 6.43 प्रतिशत हो गई।

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की बकाया रुपया मीयादी जमा पर भारित औसत घरेलू मीयादी जमा दर (डब्ल्यूएडीटीडीआर) जनवरी 2024 में 6.84 प्रतिशत (दिसंबर 2023 में 6.83 प्रतिशत) थी।1

 (साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant गुरुवार, 29 फ़रवरी 2024
Bank Locker: बैंक लॉकर को लेकर निजी सर्वे में बड़ा खुलासा

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant बुधवार, 20 दिसंबर 2023