RBI ने त्रिपुरा ग्रामीण बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना


भारतीय रिज़र्व बैंक ने त्रिपुरा ग्रामीण बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 10 मई 2023 के आदेश द्वारा त्रिपुरा ग्रामीण बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'विवेकपूर्ण मानदंडों का सुदृढ़ीकरण- प्रावधानीकरण, आस्ति वर्गीकरण और एक्सपोज़र सीमा' तथा 'क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक - आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण मानदंड- अनर्जक आस्ति (एनपीए)' संबंधी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए 2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 51(1) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक का सांविधिक निरीक्षण नाबार्ड द्वारा किया गया और निरीक्षण रिपोर्ट की जांच से, अन्‍य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक कतिपय ऋण खातों को आईआरएसी मानदंडों के अनुसार अनर्जक खातों के रूप में वर्गीकृत करने में विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि निदेशों के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर, अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

 (साभार: www.rbi.org.in)

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