बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु - अवधि बढ़ाना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 2 जनवरी 2020 के निदेश DOS.CO.UCB.BSD-III.D-2/12.23.283/2019-20 द्वारा श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक को निदेश जारी किया था, जिसकी अवधि समय-समय पर बढ़ाई गई थी और जिसे 8 फरवरी 2023 के निदेश DOR.MON/D-73/12.23.283/2022-23 द्वारा पिछली बार 10 मई 2023 तक के लिए बढ़ाई गई थी।
2. भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक को जारी दिनांक 2 जनवरी 2020 के निदेश DOS.CO.UCB.BSD-III.D-2/12.23.283/2019-20, जिसे पिछली बार दिनांक 8 फरवरी 2023 के निदेश DOR.MON/D-73/12.23.283/2022-23 द्वारा संशोधित किया गया था, की परिचालन अवधि को जनहित में बढ़ाया जाना आवश्यक है। तदनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा निदेश देता है कि श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक को जारी दिनांक 2 जनवरी 2020 का निदेश DOS.CO.UCB.BSD-III.D-2/12.23.283/2019-20, जिसे दिनांक 8 फरवरी 2023 के निदेश DOR.MON/D-73/12.23.283/2022-23 द्वारा संशोधित किया गया था तथा जिसकी वैधता 10 मई 2023 तक थी, अब बैंक पर 11 मई 2023 से 10 अगस्त 2023 तक अगले तीन माह के लिए लागू रहेगी, जो कि समीक्षाधीन होगा।
3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम एवं शर्तें यथावत् रहेंगी।
(साभार- www.rbi.org.in)
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
कोई टिप्पणी नहीं