Budget 2019: MSME सेक्टर के लिए प्रावधान

केन्‍द्रीय बजट में बुनियादी ढांचे, डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था और लघु तथा मध्‍यम कंपनियों में नौकरियों के सृजन के लिए भारी निवेश करने की आवश्‍यकता पर बल

परिवहन क्षेत्र में, बजट में रेलवे में पीपीपी,  भारत को रख-रखाव, मरम्‍मत और बदलाव के लिए रोड मैप और विमानों के लिए निधियन/पट्टे पर देने जैसे कार्यों तथा राज्‍य सड़क नेटवर्क के विकास का प्रस्‍ताव  

गैस ग्रिडों, जल ग्रिडों, अंतर्देशीय जलमार्गों और क्षेत्रीय हवाई अड्डों को विकसित करने के लिए ब्‍लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है

बिजली क्षेत्र में शुल्‍क और ढांचागत सुधारों की जल्‍द घोषणा

मॉडल किराया कानून को अंतिम रूप दिया जाएगा और किराये के आवास को बेहतर बनाने के लिए सुधार किए जाएंगे

एमएसएमई के लिए ब्‍याज सब्सिडी योजना के अंतर्गत 350 करोड़ रुपए आवंटित; भुगतान में देरी को कम करने के लिए भुगतान प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा

 केन्‍द्रीय बजट 2019-20 में भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने की आकांक्षा को पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचेडिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था तथा लघु और मझौले कंपनियों में नौकरियों के सृजन के लिए भारी निवेश करने पर जोर दिया गया है। लोकसभा में आज बजट भाषण देते हुए केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने कहा कि सरकार द्वारा की गई विभिन्‍न पहलों और सुधारों के कारण पिछले 5 वर्षों में अर्थव्‍यवस्‍था में एक ट्रिलियन डॉलर की राशि जुड़ी है और इसके वर्तमान वर्ष में 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था तक बढ़ने की संभावना है। इस लक्ष्‍य को पूरा करने के लिए मेक इन इंडिया के महत्‍व पर जोर देते हुए वित्‍त मंत्री ने घरेलू और विदेशी निवेश का विशिष्‍ट दौर शुरू करने के तहत अ‍नेक पहल शुरू करने का प्रस्‍ताव रखा।
विभिन्‍न प्रकार से वास्‍तविक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनाऔद्योगिक गलियारों, समर्पित माल-भाड़ा गलियारों, भारतमाला, सागरमाला, जलमार्ग विकास और उड़ान जैसे कार्यक्रमों के महत्‍व की चर्चा करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि इन पहलों से व्‍यवस्‍थाओं में सुधार होगा, परिवहन की लागत कम होगी और धरेलू तौर पर उत्‍पादित वस्‍तुओं की प्रतिस्‍पर्धा बढ़ेगी।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि नागर विमानन क्षेत्र में सरकार भारत को विमानों के निधियन और उन्‍हें पट्टे पर देने के कार्यों केन्‍द्र बनाने के लिए नियामक रोड़ मैप के आवश्‍यक कारकों को लागू करेगी। यह भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड)- अंतर्राष्‍ट्रीय वित्‍तीय सेवा केन्‍द्र (आईएफएसई) में उपलब्‍ध व्‍यवसाय के अवसरों को वजन प्रदान करने के अलावा विमानन उद्योग को आत्‍मनिर्भर बनाने, विमानन निधियन में आकांक्षापूर्ण नौ‍करियों के सृजन के लिए महम्‍वपूर्ण है।
उन्‍होंने कहा कि सरकार ने देश में रख-रखाव, मरम्‍मत और बदलाव (एमआरओ) उद्योग के विकास के लिए एक सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने के लिए उपयुक्‍त नीतिगत हस्‍तपेप को स्‍वीकार करेगी।
रेलवे के क्षेत्र में, बजट में सार्वजनिक-निजी भागीदारी का इस्‍तेमाल करने का प्रस्‍ताव किया गया है, ताकि तेजी से विकास और पटरियों का निर्माण, रोलिंग स्‍टॉक निर्माण और यात्री माल-भाड़ा सेवाओं की डिलीवरी का काम पूरा किया जा सके। वित्‍त मंत्री ने बताया कि देश में 657 किलोमीटर का मेट्रो रेल नेटवर्क कार्य करने लगा है1 उन्‍होंने कहा कि देश में विकसित पहला और कई प्रकार के परिवहनों में इस्‍तेमाल हो सकने वाला कार्ड, जो नेशनल कॉमन मोबिलि‍टी कार्ड (एनसीएमसी) मानकों पर आधारित है, जिसकी इस वर्ष मार्च में शुरूआत की गई। उससे लोग विभिन्‍न प्रकार के परिवहनों में आसानी से यात्रा कर सकेंगे।
चरण-II एफएएमई योजना जो विद्युत चलित वाहनों को तेजी से अपनाने के बारे में प्रोत्‍साहित करती है, वित्‍त मंत्री ने कहा कि केवल एडवांस बैट्री और पंजीकृत ई-वाहनों को इस योजना के अंतर्गत प्रोत्‍साहन दिया जाएगा। इसमें जन सामान्‍य के लिए सस्‍ते और पर्यावरण अनुकूल सार्वजनिक वाहन प्रदान करने पर अधिक जोर दिया जाएगा।
राजमार्गों के बारे में वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार राष्‍ट्रीय राजमार्ग कार्यक्रम की व्‍यापक पुनर्संरचना करेगी, ताकि निधियन योग्‍य मॉडल का इस्‍तेमाल करते हुए आवश्‍यक लम्‍बाई और क्षमता का राष्‍ट्रीय राजमार्ग ग्रिड सुनिश्चित किया जा सके। भारतमाला के चरण-I को पूरा करने के बाद दूसरे चरण में राज्‍यों की सड़क नेटवर्कों का विकास करने में मदद की जाएगी।
कार्गो लाने-ले जाने के लिए नदियों का इस्‍तेमाल करने की सरकार की परिकल्‍पना की चर्चा करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में गंगा पर कार्गो की आवाजाही की मात्रा लगभग चार गुना बढ़ने का अनुमान है। इससे माल-भाड़ा, यात्रियों का आवागमन सस्‍ता होगा और हमारा आयात भी कम होगा। इस संबंध में उन्‍होंने गंगा की नौवहन क्षमता बढ़ाने के लिए जलमार्ग विकास परियोजना का जिक्र किया और कहा कि साहिबगंज और हल्दिया में दो बहुमॉडल टर्मिनलों और एक नौवहन पत्‍तन का कार्य इस वर्ष पूरा हो जाएगा।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि कनेक्टिविटी और संरचना को अगले स्‍तर तक ले जाने के लिए सरकार गैस ग्रिडों, जल ग्रिडों, अंतर्देशीय जलमार्ग (आई-वेज़) और क्षेत्रीय हवाई अड्डों के विकास हेतु ब्‍लू प्रिंट उपलब्‍ध कराएगी। यह सफल एक राष्‍ट्र एक ग्रिड मॉडल पर आधारित है। जिसकी बदौलत राज्‍यों को किफायती दामों पर बिजली कनेक्टिविटी की उपलब्‍धता सुनिश्चित हो सकी है।
      वित्‍त मंत्री ने घोषणा की कि पुराने और अकुशल संयंत्रों को छोड़ने और प्रा‍कृतिक गैस की कमी के कारण गैस संयंत्र की क्षमता के अल्‍प उपयोग के समाधान से संबंधित उच्‍चस्‍तरीय अधिकार प्राप्‍त समिति (एचएलईसी) की सिफारिशों को भी अब अमल में लाया जाएगा। श्रीमती सीतारमन ने यह भी कहा कि सरकार उज्‍ज्‍वल डिस्‍कॉम एश्‍योरेंस योजना (उदय) को बेहतर बनाने के लिए उसके निष्‍पादन का भी आकलन कर रही है। उन्‍होंने कहा कि सरकार औद्योगिक एवं बड़े बिजली उपभोक्‍ताओं के लिए ओपन एक्‍सेस सेल्‍स अथवा कैप्टिव जनरेशन पर क्रॉस सब्सिडी अधिभारों, अवांछित शुल्‍कों जैसी बाधाओं को समाप्‍त करने के लिए राज्‍य सरकारों के साथ काम करेगी। इन ढांचागत सुधारों के अलावा शुल्‍क नीति में व्‍यापक सुधार किए जाने की जरूरत है। बिजली क्षेत्र के शुल्‍क और ढांचागत सुधार जल्‍द ही घोषित किए जाएंगे।
      आवास क्षेत्र में वित्‍त मंत्री ने घोषणा की कि रैंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए कई सुधार किए जाएंगे और एक आदर्श किराया कानून बनाया जाएगा जो राज्‍यों को परिचालित किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि सार्वजनिक अवसंरचना और किफायती आवास का कार्य संयुक्‍त विकास और केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा धारित भूखंडों पर छूट जैसे नवाचारी माध्‍यमों से किया जाएगा।
      एमएसएमई क्षेत्र के लिए नए अथवा पुराने ऋणों पर दो प्रतिशत की ब्‍याज माफी हेतु वर्ष 2019-20 के लिए 350 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार एमएसएमई के लिए एक भुगतान प्‍लेटफॉर्म का सृजन करेगी। ताकि बिल प्रस्‍तुत करने और उसके भुगतान का कार्य एक ही प्‍लेटफॉर्म पर किया जा सके।
वित्‍त मंत्री ने घोषणा की कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री कर्म योगी मानधन योजना नामक नई योजना के तहत 1.5 करोड़ से कम वार्षिक कारोबार करने वाले लगभग तीन करोड़ खुदरा व्‍यापारियों और छोटे दुकानदारों को पेंशन लाभ देने का फैसला किया है। इस योजना में नामांकन प्रक्रिया को सरल रखा जाएगा जिसमें केवल आधार और बैंक खाते ही जरूरत होगी और शेष स्‍वघोषणा पर निर्भर करेगा।  
(सौ. पीआईबी)

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