Budget 2019 - शेयर बाजार के निवेशकों को राहत, करोड़पतियों को झटका, टैक्स बचाने के नए प्रस्ताव

2-5 करोड़ रुपये और 5 करोड़ रुपये से अधिक की कर योग्‍य आय वाले लोगों के लिए कर दरें क्रमश: 3 व 7 प्रतिशत बढ़ाई गईं

वित्त वर्ष 2018-19 में प्रत्‍यक्ष कर राजस्‍व में वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में 78 प्रतिशत से भी अधिक का इजाफा, कुल राजस्‍व 6.38 लाख करोड़ से बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपये के स्‍तर पर पहुंचा  

प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी) में राहत देने का प्रस्‍ताव

किफायती मकान की खरीद के लिए ऋणों पर अदा किए गए ब्‍याज के लिए 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्‍त कटौती

इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने हेतु लिए गए ऋण पर अदा किए गए ब्‍याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्‍त आयकर कटौती


2 करोड़ से 5 करोड़ रुपये तक और 5 करोड़ रुपये एवं उससे अधिक की कर योग्‍य आमदनी वाले उच्‍च आय वर्ग के लोगों के लिए प्रभावी कर दरों को क्रमश: 3 व 7 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्‍ताव किया गया है। केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि बढ़ते आमदनी स्‍तर को ध्‍यान में रखते हुए उच्‍च आय वर्ग के लोगों को राष्‍ट्र के विकास में और अधिक योगदान करने की जरूरत है। उन्‍होंने करदाताओं का धन्‍यवाद करते हुए कहा कि वे राष्‍ट्र निर्माण में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
अपेक्षाकृत कम आय वाले छोटे एवं मझोले लोगों पर टैक्स बोझ घटाने के लिए विगत में किए गए विभिन्‍न उपायों का उल्‍लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, 5 लाख रुपये तक की वार्षिक आमदनी वाले लोगों को कुछ भी टैक्‍स देने की जरूरत नहीं है।’ उन्‍होंने कहा कि इनमें स्‍व-रोजगार वाले लोगों के साथ-साथ छोटे व्‍यापारीकम आमदनी वाले लोग और वरिष्‍ठ नागरिक भी शामिल हैं।
कर राजस्‍व बढ़ा
सरकार द्वारा  किए गए ठोस प्रयासों की बदौलत प्रत्‍यक्ष कर राजस्‍व वर्ष 2013-14 के 6.38 लाख करोड़ रुपये से 78 प्रतिशत से भी अधिक बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में तकरीबन 11.37 लाख करोड़ रुपये के स्‍तर पर पहुंच गया। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में कर राजस्‍व में उल्‍लेखनीय वृद्धि हुई है।
प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी) में राहत
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में प्रतिभूति लेन-देन कर में राहत देने का प्रस्‍ताव रखा जिसके तहत इसे विकल्‍पों पर अमल के मामले में केवल निपटान एवं स्‍ट्राइक प्राइस के बीच के अंतर तक ही सीमित कर दिया गया है।
किफायती आवास के लिए ब्‍याज की अतिरिक्‍त कटौती
किफायती आवास को और ज्‍यादा बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत वित्त मंत्री ने 45 लाख रुपये तक की कीमत वाले किफायती आवास की खरीद के लिए 31 मार्च, 2020 तक उधार लिए गए ऋणों पर अदा किए गए ब्‍याज के लिए 1,50,000 रुपये तक की अतिरिक्‍त कटौती की अनुमति देने का प्रस्‍ताव रखा है। अत: किफायती मकान खरीदने वाले व्‍यक्ति को अब 3.5 लाख रुपये तक की बढ़ी हुई ब्‍याज कटौती मिल पाएगी। इससे मध्‍यम वर्ग के मकान खरीदारों को 15 वर्षों की अपनी ऋण अवधि के दौरान लगभग 7 लाख रुपये का लाभ मिलेगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना
उपभोक्‍ताओं के लिए किफायती इलेक्ट्रिक वाहन सुनिश्चित करने के उद्देश्‍य को ध्‍यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद हेतु लिए गए ऋणों पर अदा किए गए ब्‍याज पर 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्‍त आयकर कटौती मुहैया कराएगी।
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए समान अवसर
भारत की वित्तीय प्रणाली में एनबीएफसी की बढ़ती भूमिका को ध्‍यान में रखते हुए इन्‍हें समान अवसर प्रदान करने के लिए वित्त मंत्री ने उसी वर्ष के दौरान डूबत अथवा संशयात्‍मक ऋणों पर देय ब्‍याज पर टैक्‍स लगाने का प्रस्‍ताव रखा है जिस साल यह वास्‍तव में प्राप्‍त हुआ था। मौजूदा समय में यह सुविधा अनुसूचित बैंकों, सार्वजनिक वित्तीय संस्‍थानों, राज्‍यों के वित्तीय निगमों, राज्‍यों के औद्योगिक निवेश निगमों, सहकारी बैंकों और कुछ विशेष सार्वजनिक कपंनियों जैसे कि आवास वित्त कंपनियों को प्राप्‍त है।
अंतर्राष्‍ट्रीय वित्तीय सेवा केन्‍द्र (आईएफएससी) को बढ़ावा देने के लिए उपाय
वित्त मंत्री ने गिफ्ट सिटी स्थित आईएफएससी को बढ़ावा देने के लिए आईएफएससी को और भी कई प्रत्‍यक्ष कर प्रोत्‍साहन देने का प्रस्‍ताव रखा है। 15 वर्षों की अवधि के अंतर्गत 10 वर्षों के किसी भी खंड में धारा 80-एलए के तहत 100 प्रतिशत मुनाफा संबंधी कटौती भी इन प्रोत्‍साहनों में शामिल है।
रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य किया
वित्त वर्ष 2019-20 के केन्‍द्रीय बजट में उन लोगों के लिए रिटर्न दाखिल करने को अनिवार्य बनाने का प्रस्‍ताव किया गया है जिन्‍होंने किसी एक वर्ष में किसी चालू खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमाई कराई है अथवा जिन्‍होंने विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च की है अथवा किसी एक वर्ष में बिजली खपत पर 1 लाख रुपये से ज्‍यादा की रकम खर्च की है। इसके तहत उन लोगों के लिए भी रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य किया गया है जो निर्दिष्‍ट शर्तों को पूरा करते हैं। इसके तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि जो लोग ज्‍यादा कीमत वाले लेन-देन करते हैं उन्‍हें भी आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा।
(सौ. पीआईबी)

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