रिज़र्व बैंक ने रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव्स (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2019 जारी किए

भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव (रिजर्व बैंक) दिशानिर्देश, 2019 जारी किए ।

एक्सचेंजों पर कारोबार किए जाने वाले उत्पादों सहित प्रत्येक उत्पाद के लिए अब तक ब्याज दर डेरिवेटिव संबंधी विनियमनों को अलग से जारी किया गया है। इन नियमों को निर्धारित आवश्यकताओं के माध्यम से बाजार के प्रारंभिक विकास का मार्गदर्शन करने के लिए तैयार किया गया था। बाजार के विकास को देखते हुए, अब उत्पादों के डिजाइन और नवाचार में एक्सचेंजों और बाजार निर्माताओं के लिए लचीलेपन की अनुमति देने की आवश्यकता महसूस की गई है, जबकि यह भी सुनिश्चित किया जाएँ कि इन डेरिवेटिव बाजारों का उपयोग करने वाले अपेक्षाकृत अल्प जानकारी प्राप्त प्रतिभागी पर्याप्त रूप से संरक्षित हों ।
इन दिशानिर्देशों ने ब्याज दर डेरिवेटिव पर जारी सभी पिछले विनियमनों को समेकित, तर्कसंगत और सरल बनाया है । बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप मानकीकृत उत्पादों के डिजाइन और संरचना तैयार करने के लिए एक्सचेंज को लचीलापन उपलब्ध कराया गया है। इसी तरह, ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) बाजार में, बैंकों जैसे बाजार-निर्माताओं को कॉरपोरेट्स और अन्य गैर-खुदरा संस्थाओं की जरूरतों के अनुरूप उत्पादों को प्रस्तावित करने की अनुमति दी गई है। इसी समय, ये दिशानिर्देश लघु एवं मध्यम उद्यमों (एसएमई) जैसे लघु एवं खुदरा प्रतिभागियों की भी रक्षा, यह सुनिश्चित करते हुए करना चाहते हैं कि अनुकूलित उत्पाद केवल बड़े, परिष्कृत, गैर-खुदरा उपयोगकर्ताओं के लिए प्रस्तावित किए जाएँ , जो बेहतर ढंग से अनुवर्ती जोखिम का प्रबंधन करने में सक्षम हैं। रिज़र्व बैंक बाज़ार निर्माताओं द्वारा प्रस्तावित संरचित उत्पादों की समय-समय पर समीक्षा के लिए एक आंतरिक व्यवस्था कर रहा है।
पृष्ठभूमि
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 7 फरवरी 2019 को विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर अपने वक्तव्य में घोषणा की कि रिज़र्व बैंक ब्याज दर डेरिवेटिव के लिए विनियमनों को युक्तिसंगत बनाने हेतु व्यापक दिशानिर्देश जारी करेगा ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था में ब्याज दर जोखिम के प्रबंधन के लिए सम्पन्न वातावरण को प्रोत्साहन के अंतिम उद्देश्य के साथ निरंतरता और उपयोग की सरलता को प्राप्त किया जा सके। तदनुसार, 03 अप्रैल 2019 को फीडबैक के लिए ड्राफ्ट रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव (रिजर्व बैंक) दिशानिर्देश, 2019 जारी किए गए थे । प्राप्त फीडबैक के आधार पर, अब अंतिम दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं।

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