एक ही एक्सचेंज पर कमोडिटी और शेयरों की ट्रेडिंग को सेबी ने दी मंजूरी

इक्विटी और कमोडिटी मार्केट रेगुलेटर सेबी की बोर्ड बैठक में एक ही एक्सचेंज पर शेयरों और कमोडिटी की ट्रेडिंग की मंजूरी दी है। जानें इस बोर्ड बैठक में और क्या-क्या अहम फैसले हुए...
  1. सूचीबद्ध कंपनियों से जुड़ी उनके शेयर मूल्य के प्रति संवेदनशील जानकारी कुछ गिने चुने लोगों तक पहुंचाने जैसे भेदिया कारोबारियों को कड़ी चेतावनी दी गई।
  2. संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) द्वारा जारी प्रतिभूति रसीद को शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने और उसमें खरीद-फरोख्त की मंजूरी। 
  3. सूचीबद्ध कंपनियों के लिये कर्ज में किसी भी प्रकार की चूक के बारे में निवेशकों को तत्काल सूचना देने की व्यवस्था को अनिवार्य बनाये जाने के मामले में निर्णय टला 
  4. रीयल एस्टेट और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (REIT) के लिए नियमों में ढील । सूचीबद्ध कंपनियों के लिए न्यूनतम 25 प्रतिशत शेयरधारिता की शर्त को पूरा करने के लिए और उपाय भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
  5. निवेश सलाहकारों के लिए नियमों में बदलाव करने का आश्वासन। कोई भी इकाई निवेश सलाह का काम करने के साथ उत्पादों का वितरण जैसी दूसरी गतिविधि नहीं कर सकती है।
  6. एक ही एक्सचेंज में शेयरों और जिंस कारोबार की अनुमति के बारे में त्यागी ने कहा कि एकीकरण प्रक्रिया के तहत सभी एक्सचेंज 1 अक्टूबर, 2018 से दोनों तरह के कारोबार कर सकेंगे. संबंधित प्रतिभूति बाजार नियमनों को संशोधित कर कुछ मौजूदा अंकुशों को समाप्त किया जाएगा. इससे सभी एक्सचेंज अपने प्लेटफॉर्म पर शेयर और जिंस दोनों के कारोबार की सुविधा उपलब्ध करा पाएंगे। 
  7. क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के लिए एक दूसरे में शेयरहोल्डिंग की अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत रखने का फैसला। रेटिंग एजेंसी के लिए न्यूनतम नेटवर्थ सीमा को भी मौजूदा 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये करने का फैसला। 
  8. इन नए नियमों का स्टैंडर्ड एंड पुअर्स, मूडीज और फिच जैसी वैश्विक रेटिंग एजेंसियों पर भी असर मुमकिन। इन कंपनियों की कई घरेलू एजेंसियों में हिस्सेदारी के साथ उनकी प्रत्यक्ष मौजूदगी है.
  9. म्यूचुअल फंड कंपनियां भी एक-दूसरे में 10 प्रतिशत से अधिक शेयरहोल्डिंग नहीं रख सकेंगी. इसका यूटीआई संपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) के शेयरधारिता प्रारूप पर प्रभाव पड़ेगा। इसके प्रवर्तकों को हिस्सेदारी अगले एक साल में कम कर 10 प्रतिशत या उससे कम करनी होगी।
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