सेबी की बोर्ड बैठक आज, जानिए किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

इक्विटी और कमोडिटी मार्केट रेगुलेटर सेबी की आज बोर्ड बैठक है। माना जा रहा है  कि इस बैठक में सेबी
 हितों के टकराव की संभावना को टालने के लिए म्युचुअल फंडों द्वारा एक-दूसरे में हिस्सेदारी रखने की सीमा को 10 प्रतिशत कर सकता है। जानकारों के मुताबिक, अगर ऐसा होता है तो यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) में शेयरधारिता का तरीका प्रभावित हो सकता है। 

भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा तथा जीवन बीमा निगम के अपने-अपने म्युचुअल फंड हैं। इसके साथ ही उनकी यूटीआई एएमसी में 18.24-18.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है।  यही वजह है कि सेबी हिस्सेदारी को कम करने का फैसला कर सकता है ताकि यदि किसी शेयरधारक की किसी एएमसी में कम से कम दस प्रतिशत हिस्सेदारी है तो उसे देश में परिचालन करने वाली किसी अन्य म्युचुअल फंड कंपनी में 10 प्रतिशत या अधिक की हिस्सेदारी रखने की अनुमति नहीं होगी।


सेबी की इस बोर्ड बैठक में भारतीय बाजारों में निवेश के इच्छुक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के प्रवेश के नियमों को सरल करने पर भी विचार किया जा सकता है। मसलन,  इसमें पंजीकरण के लिए पात्र क्षेत्रों का दायरा बढ़ाया जा सकता है। इसमें उन देशों को शामिल किया जा सकता है जिनके साथ भारत का राजनयिक गठजोड़ है। इसके अलावा सेबी एफपीआई के लिए उपयुक्‍त मानदंड को तर्कसंगत बना सकता है। ऐसे निवेशकों के लिए व्यापक जरूरतों को सरल किया जा सकता है। इस कदम का मकसद एफपीआई के लिए सीधे पंजीकरण को सरल करना और पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) से बचना है। 

माना जा रहा है कि इस बैठक में सेबी इन्वेस्टमेंट ए़वाइजर्स के संबंध में नया फ्रेमवर्क जारी कर सकता है। इसके तहत एडवाइजरी और डिस्ट्रिब्यूटर का रोल अलग-अलग किया जा सकता है। 







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