क्रेडिट ग्रोथ को लेकर चिंता जारी, 9 महीने में 3.7% बढ़ी:RBI

फाइनेंशिल ईयर 2015 के शुरुआती 9 महीने यानी अप्रैल से दिसंबर के दौरान बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ में उत्साहजनक बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली है।

रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान क्रेडिट ग्रोथ 3.7 % बढ़कर 63, 51, 900 करोड़ रुपए रही यानी बैंकों ने इस दौरान 63, 51, 900 करोड़ रुपए का कर्ज दिया। सबसे तेज ग्रोथ ग्रामीण और कस्बाई केंद्रों पर दर्ज की गई।

कृषि सेक्टर से कर्ज की मांग में कमी जबकि इंडस्ट्री और पर्सनल हाउसिंग सेक्टर से कर्ज की मांग में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

Basic Statistical Return (BSR 1): Outstanding Credit of Scheduled Commercial Banks (SCBs), December 2014' के मुकाबिक, दिसंबर 2014 में कर्जदार अकाउंट (borrowal accounts)की संख्या मार्च 2014 के 11.7 करोड़ के मुकाबले 3.7 % बढ़कर 12.2 करोड़ हो गई।

शहरी और मेट्रोपॉलिटन केंद्रों के मुकाबले ग्रामीण और कस्बाई केंद्रों पर कर्जदार अकाउंट की संख्या में बढ़ोतरी ज्यादा देखने को मिली है। फाइनेंशियल ईयर 2015 के शुरुआती 9 महीने में ग्रामीण केंद्रों पर ऐसे अकाउंट की संख्या 9.8%, कस्बाई केंद्रों पर 8.5%, शहरी केंद्रों पर 4.3% जबकि मेट्रोपॉलिटन केंद्रों पर 2.3% बढ़ी।

दिसंबर 2014 में कुल कर्जदार अकाउंट में तीन-चौथाई हिस्सा वाले छोटे कर्जदार अकाउंट (2 लाख रुपए तक कर्ज लेने वाले) की हिस्सेदारी कुल बकाया कर्ज में 7.3 % थी।

ग्रॉस बैंक क्रेडिट में कृषि सेक्टर की हिस्सेदारी कम होकर पिछले साल दिसंबर में पिछले साल मार्च के 12% के मुकाबले 11.4% रही। हालांकि इस दौरान कर्ज लेने में इंडस्ट्री सेक्टर की हिस्सेदारी मामूली बढ़ोतरी के साथ 42.7% से  43% पहुंच गई। वहीं पर्सनल हाउसिंग लोन की हिस्सेदारी बढ़कर 8.5% से 9.4% हो गई।

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