दस शीर्ष मूल्यवान कंपनियों में से छह के बाजार पूंजीकरण में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की बढ़ोतरी
देश की 10 शीर्ष मूल्यवान कंपनियों में से छह के बाजार पूंजीकरण (एम कैप) में पिछले सप्ताह 1,06,523.84 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक सर्वाधिक लाभ में रहे।

पिछले सप्ताह शुक्रवार को समाप्त कारोबारी सप्ताह में बीएसई सेंसेक्स 1,032.59 अंक यानी 2.68 प्रतिशत मजबूत हुआ।

बाजार पूंजीकरण के लिहाज से दस मूल्यवान कंपनियों में से रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. (आरआईएल), एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, भारती एयरटेल और आईसीआईसीआई बैंक लाभ में रहे।

दूसरी तरफ चार कंपनियों टाट कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. (एचयूएल), इन्फोसिस और आईटीसी नुकसान में रहे।

एमकैप के लिहाज से सर्वाधिक लाभ में आईसीआईसीआई बैंक रहा और उसका बाजार मूल्यांकन 26,620.32 करोड़ रुपये उछलकर 2,82,550.05 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

वहीं कोटक महिंद्रा बैंक का बाजार पूंजीकरण 25,360.91 करोड़ रुपये बढ़कर 2,90,458.09 करोड़ रुपये पहुंच गया। आरआईएल का एमकैप 21,458.89 करोड़ रुपये बढ़कर 13,41,164.42 करोड़ रुपये और एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 16,547.52 करोड़ रुपये मजबूत होकर 6,13,598.67 करोड़ रुपये रहा।

इसके अलावा एचडीएफसी का बाजार मूल्यांकन 14,599.47 करोड़ रुपये बढ़कर 3,37,472.45 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल का एमकैप 1,936.73 करोड़ रुपये मजबूत होकर 2,85,625.71 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

दूसरी तरफ एचयूएल का बाजार मूल्यांकन 11,982.71 करोड़ रुपये घटकर 5,05,658.41 करोड़ रुपये रहा।

इन्फोसिस का बाजार पूंजीकरण 5,963.14 करोड़ रुपये घटकर 3,98,188.66 करोड़ रुपये रहा जबकि टीसीएस का एमकैप 4,165.15 करोड़ रुपये घटकर 8,39,445.98 करोड़ रुपये रहा।

आईटीसी का बाजार मूल्यांकन भी 1,661.13 करोड़ रुपये घटकर 2,40,619 करोड़ रुपये रहा।

दस शीर्ष मूल्यवान कंपनियों में आरआईएल शीर्ष पर रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, एचयूएल, इन्फोसिस, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, भारतीय एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक और आईटीसी का स्थान रहा।

 (साभार-पीटीआई भाषा)






Rajanish Kant रविवार, 30 अगस्त 2020
जुबिलिएंट फूड वर्क्स डनकिन डोनट्स के खाने-पीने के सामान बेचने के लिये कीयोस्क मॉडल पर कर रही विचार

भारत में डनकिन डोनट्स नाम से रेस्तरां चलाने चाली जुबिलिएंट फूड वर्क्स पायलट आधार पर कॉफी और खाने के अन्य सामान के लिये जगह-जगह छोटे आकार के कीयोस्क लगाने पर विचार कर रही है। कंपनी फिलहाल पायलट आधार पर इस मॉडल पर काम कर रही है।

जुबिलिएंट फूडवर्क्स ने वित्त वर्ष 2019-20 की अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘डनकिन डोनट्स इंडिया रेस्तरां के नये रूप को लेकर पायलट आधार पर काम कर रही है। कंपनी अब इस मॉडल को आगे बढ़ाने पर गौर कर रही है। लागत और दक्षता बढ़ाने के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।’’

डोमिनोज पिज्जा रेस्तरां का भी परिचालन करने वाली कंपनी ने कहा कि उसने डनकिन डोनट्स के लिये पायलट आधार पर छोटे आकार के कीयोस्क के रूप में रेस्तरां खोले और उसकी प्रभावित का आकलन किया।

जुबिलिएंट फूडवर्क्स ने कहा कि कम पूंजी लागत वाले छोटे कीयोस्क आधारित मॉडल पेय पदार्थ के अलावा डोनट्स और अन्य खाने के सामान की आपूर्ति ग्राहकों को करता है। इस प्रारूप में किराया कम है और लागत की वसूली भी जल्दी होती है। छोटे आकार के इस स्टोर के तहत 100-200 वर्ग फुट कीयोस्क लगाये जाते हैं।

डनकिन डोनट्स ने 2011 में जुबिलिएंट फूडवर्क्स के साथ फ्रेंचाइजी समझौता किया था। यह समझौता अगले 15 साल में देश भर में 500 रेस्तरां स्थापित करने के लिये है।

हालांकि कंपनी अभी पूरी तरह से यह तय नहीं कर पायी है कि ब्रांड का प्रारूप का आकार कितना होगा।

जुबिलिएंट फूडवर्क्स ने डनकिन डोनट्स नाम से पहला रेस्तरां अप्रैल 2012 में खोला था। लेकिन लागत कम करने के इरादे से कंपनी ने कई रेस्तरां बंद कर दिये। वर्ष 2019-20 में कंपनी ने एक रेस्तरां बंद किये जबकि 2018-19 में सात और 2017-18 में 31 रेस्तरां बंद किये।

कंपनी 31 मार्च, 2020 की स्थिति के अनुसार 1,335 डोमिनोज पिज्जा रेस्तरां, 34 डनकिन डोनट्स रेस्तरां और 4 हांग्स किचन का परिचालन कर रही थी। हांग्स किचन कंपनी का चीनी रेस्तरां ब्रांड है।

जुबिलिएंट फूडवर्क्स ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण आने वाले समय में रेस्तरां उद्योग के कारोबार के पूरे मॉडल को बदलने की जरूरत होगी और प्रौद्योगिकी, साफ-सफाई और सुरक्षा महत्वपूर्ण होंगे।

उसने कहा, ‘‘रेस्तरां को डिलिवरी क्षमता पर ध्यान देना होगा...पुन: बिना संपर्क के डिलिवरी पर जोर होगा। सामाजिक दूरी का पालन करने के कारण रेस्तरां में लोगों के बैठ कर खाने की क्षमता कम हो सकती है जिससे खाने-पीने की मात्रा कम होगी...अल्पकाल में संगठित क्षेत्र में तीव्र वृद्धि होगी जबकि असंगठित क्षेत्र पर ज्यादा प्रतिकूल असर होगा।’’

(साभार-पीटीआई भाषा)






Rajanish Kant
एनर्जी एक्सचेंज ने हरित प्रमाणपत्रों का कारोबाार फिर से शुरू करने पर दिया जोर

बिजली कारोबार बाजार इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) और पावर एक्सचेंज इंडिया (पीएक्सआईएल) ने नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र (आरईसी) का कारोबार फिर से शुरू करने की वकालत की हैं। दोनों एक्सचेंज का कहना है कि बाजार बंद होने से बिजली बाजार में पूरी मूल्य श्रृंखला पर असर पड़ रहा है।

आईईएक्स आौर पीएक्सआईएल के विचार हैं कि केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) द्वारा तय आरईसी के न्यूनतम और अधिकतम मूल्य (फ्लोर और फोरबिएरेंस प्राइस) के मामले का निपटान विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण (एपटेल) कर सकता है।

पिछले महीने, एपटेल ने 29 जुलाई को आरईसी के कारोबार को 26 अगस्त तक के लिये स्थगित कर दिया था। ग्रीन एनर्जी एसोसएिशन, इंडियन विंड पावर एसोसिएशन आफ टेक्नो इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग कंपनी लि. के सीईआरसी के आरईसी के न्यूनतम और अधिकतम मूल्य तय करने के बारे में दिये गये आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए एपटेल ने स्थगन आदेश दिया था। आदेश के कारण आरईसी का कारोबार 26 अगस्त को नहीं हो पाया।

एपटेल ने तीनों अपील पर 26 अगस्त को फिर से सुनवाई करने के बाद कहा, ‘‘अंतरिम आदेश अगली सुनवाई तक बना रहेगा...मामले की अगली सुनवाई चार और पांच सितंबर को होगी।’’

इससे आरईसी का कारोबार चार और पांच सितंबर तक नहीं हो पाएगा। इसका कारण 24 जुलाई को जारी अंतरिम आदेश अभी अमल में बना हुआ है।

आईईएक्स की प्रवक्ता श्रुति भाटिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ कहा, ‘‘आरईसी बाजार बंद नहीं होना चाहिए। चूंकि मामला अपीलीय न्यायाधिकरण में विचाराधीन है, अत: आदेश के अनुसार खरीदारों और विक्रेताओं के खातों को पूर्व की तिथि से निपटान किया जा सकता है।’’

इसी प्रकार की राय जाहिर करते हुए पीएक्सआईएल के अधिकारी ने कहा, ‘‘बाजार निश्चित रूप से खुला रहना चाहिए क्योंकि इसके बंद होने से पूरी मूल्य श्रृंखला प्रभावित होगी। पूर्व में ऐसे उदाहरण हैं जब बाजार तो खुला था लेकिन मामले का निपटान विभिन्न विधि मंचों पर किया गया।’’

सीईआरसी के जून आदेश के अनुसार सौर और गैर-सौर आरईसी का न्यूनतम मूल्य 1,000 रुपये से घटाकर शून्य कर दिया गया।

इसी प्रकार, सौर और गैर-सौर के लिये अधिकतम मूल्य सीमा क्रमश: 2,400 रुपये और 3,000 रुपये से कम कर दोनों के लिये 1,000 रुपये कर दिया गया।

सीईआरसी द्वारा तय अधिकतम और न्यूनतम मूल्य एक जुलाई 2020 से 30 जून, 2021 के लिये है। आयोग अगर इसमें बदलाव नहीं करे तो यह पूरे साल बना रहता है।

उच्चतम न्यायालय ने जून में ग्रीन एनर्जी एसोसिएशन की सीईआरसी द्वारा आरईसी कीमत समीक्षा रोके जाने को लेकर दायर अपील पर सुनवाई करने से मना कर दिया था।

उद्योग विशेषज्ञों की राय है कि आरईसी की ऊंची कीमत से बिजली दर के रूप में ग्राहकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।

आरईसी का कारोबार दोनों एक्सचेंज आईईएक्स और पीएक्सआईएल में हर महीने के अंतिम बुधवार को होता है।

नवीकरणीय ऊर्जा खरीद बाध्यता (आरपीओ) के तहत वितरण कंपनियां, सीधे उत्पादक कंपनियों से बिजली खरीद की सुविधा वाले और निजी उपभोग के लिये बिजली उत्पदन करने जैसे थोक ग्राहकों के लिये आरईसी का एक हिस्सा खरीदना होता है। वे आरईसी आरपीओ नियमों को पूरा करने के लिये नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादकों से खरीद सकते हैं।

वित्त वर्ष 2019-20 में नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्रों की बिक्री 29 प्रतिशत घटकर 89.27 लाख इकाई रही। 2018-19 में 1.26 करोड़ यूनिट की बिक्री हुई थी।

(साभार-पीटीआई भाषा)






Rajanish Kant
SGB: ये सोना ब्याज भी देता है, जानें कैसे, कब तक और क्यों खरीदें



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Rajanish Kant शनिवार, 29 अगस्त 2020
सरकार एमएसएमई के प्रभावी मानदंड सुनिश्चित करने के लिए बिना थके काम करेगी रहेगी: कांत

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने शुक्रवार को कहा कि सरकार एमएसएमई, स्टार्टअप और उद्यमियों के कुशल और प्रभावी मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए बिना थके काम जारी रखेगी और भारत को निवेश तथा संपत्ति अर्जित करने के सबसे आसान देशों में एक बनाएगी।

कांत ने आगे कहा कि भारत के नागरिकों के लिए सुगमता के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण पर अब सरकार का फोकस होगा।

उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘भारत में कारोबारी माहौल लगातार बेहतर हुआ है, न सिर्फ विश्व बैंक के सूचकांक (कारोबार करने में सुगमता) के लिए, बल्कि भारत को आसान और सरल बनाने के लिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार में हम सभी एमएसएमई, व्यवसाय, स्टार्टअप और उद्यमियों के कुशल और प्रभावी मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए बिना थके काम जारी रखेंगे और भारत को निवेश तथा संपत्ति अर्जित करने के सबसे आसान देशों में एक बनाएंगे।’’

कांत विश्व बैंक के उस फैसले पर टिप्पणी कर रहे थे, जिसमें आंकड़ों के संग्रह में कई अनियमितताओं के बाद ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट’ के प्रकाशन को रोक दिया गया था, जिसके आधार पर देशों को कारोबारी माहौल की रैंकिंग दी जाती है।

विश्व बैंक ने बृहस्पतिवार को अपनी कारोबार सुगमता के बारे में जारी होने वाली ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट’ के प्रकाशन को स्थगित रखने का फैसला किया था। यह फैसला पिछली कुछ रिपोर्टों में डेटा में बदलाव में हुई कई अनियमितताओं के बाद लिया गया है।

विश्व बैंक ने एक बयान में कहा, ‘‘क्रमश: अक्टूबर 2017 और 2019 में प्रकाशित डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2018 और डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2019 के डेटा में बदलाव के संबंध में कई अनियमितताएं सामने आयी हैं। ये बदलाव डूइंग बिजनेस के तरीके के साथ साम्य नहीं थे।’’

उल्लेखनीय है कि भारत कारोबार सुगमता रिपोर्ट 2020 में 14 स्थानों की छलांग लगाकर 63वें पायदान पर पहुंच गया है। भारत ने पिछले पांच वर्षों (2014- 2019) में 79 स्थानों की छलांग लगायी है।


(साभार-पीटीआई भाषा)






Rajanish Kant शुक्रवार, 28 अगस्त 2020
यूएसएफडीए ने डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के तीन संयंत्रों के चेतावनी पत्र को वापस लिया

दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी दवा नियामक यूएसएफडीए ने कंपनी की सुधारात्मक कार्रवाई के मूल्यांकन के बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना स्थित उसके तीन संयंत्रों के लिए जारी चेतावनी पत्र को वापस ले लिया है।

कंपनी ने बताया कि नवंबर 2015 में उसे तीन स्थानों के लिए अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन (यूएसएफडीए) से चेतावनी पत्र मिले थे। ये संयंत्र में आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम और दुवड्डा तथा तेलंगाना के मिर्यालगुडा में स्थित हैं।

(साभार-पीटीआई भाषा)






Rajanish Kant
घर खरीदने पर अब देना होगा कम स्टैंप ड्यूटी, ₹30 लाख के फ्लैट पर होगा इतन...





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Rajanish Kant
आरबीआई ने दिए ब्याज दरों में कटौती जारी रहने के संकेत, कहा खत्म नहीं हुए हैं हमारे तरकश के तीर
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ब्याज दरों में आगे और कटौती के संकेत देते हुए बृहस्पतिवार को कहा है कि कोविड-19 महामारी से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए किए गए उपायों को जल्द नहीं हटाया जाएगा।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘चाहे दर में कटौती हो या फिर अन्य नीतिगत कदम, हमारे तरकश के तीर अभी खत्म नहीं हुए हैं।’’

आरबीआई ने छह अगस्त को जारी नीतिगत समीक्षा में रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। केंद्रीय बैंक इससे पहले पिछली दो बैठकों में नीतिगत दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। फिलहाल रेपो दर चार प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमसीएफ) दर 4.25 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि महामारी की रोकथाम के बाद अर्थव्यवस्था को मजबूती के रास्ते पर लाने के लिए सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा। केंद्रीय बैंक द्वारा पिछले दिनों घोषित राहत उपायों के बारे में दास ने कहा, ‘‘किसी भी तरह से यह नहीं मानना चाहिए कि आरबीआई उपायों को जल्द हटा लेगा।’’

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप और अन्य पहलुओं पर एक बार स्पष्टता होने के बाद आरबीआई मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि पर अपने पूर्वानुमान देना शुरू कर देगा।

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, बैंकिंग क्षेत्र लगातार मजबूत और स्थिर बना हुआ है और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एकीकरण सही दिशा में एक कदम है। दास ने कहा, ‘‘बैंकों का आकार जरूरी है, लेकिन दक्षता इससे भी महत्वपूर्ण है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बैंक तनाव का सामना करेंगे, यह जाहिर सी बात है, लेकिन अधिक महत्वपूर्ण यह है कि बैंक चुनौतियों के समक्ष किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं और उसका सामना करते हैं।’’ 

(साभार-पीटीआई भाषा)






 


Rajanish Kant गुरुवार, 27 अगस्त 2020