भारत में डनकिन डोनट्स नाम से रेस्तरां चलाने चाली जुबिलिएंट फूड वर्क्स पायलट आधार पर कॉफी और खाने के अन्य सामान के लिये जगह-जगह छोटे आकार के कीयोस्क लगाने पर विचार कर रही है। कंपनी फिलहाल पायलट आधार पर इस मॉडल पर काम कर रही है।
जुबिलिएंट फूडवर्क्स ने वित्त वर्ष 2019-20 की अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘डनकिन डोनट्स इंडिया रेस्तरां के नये रूप को लेकर पायलट आधार पर काम कर रही है। कंपनी अब इस मॉडल को आगे बढ़ाने पर गौर कर रही है। लागत और दक्षता बढ़ाने के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।’’
डोमिनोज पिज्जा रेस्तरां का भी परिचालन करने वाली कंपनी ने कहा कि उसने डनकिन डोनट्स के लिये पायलट आधार पर छोटे आकार के कीयोस्क के रूप में रेस्तरां खोले और उसकी प्रभावित का आकलन किया।
जुबिलिएंट फूडवर्क्स ने कहा कि कम पूंजी लागत वाले छोटे कीयोस्क आधारित मॉडल पेय पदार्थ के अलावा डोनट्स और अन्य खाने के सामान की आपूर्ति ग्राहकों को करता है। इस प्रारूप में किराया कम है और लागत की वसूली भी जल्दी होती है। छोटे आकार के इस स्टोर के तहत 100-200 वर्ग फुट कीयोस्क लगाये जाते हैं।
डनकिन डोनट्स ने 2011 में जुबिलिएंट फूडवर्क्स के साथ फ्रेंचाइजी समझौता किया था। यह समझौता अगले 15 साल में देश भर में 500 रेस्तरां स्थापित करने के लिये है।
हालांकि कंपनी अभी पूरी तरह से यह तय नहीं कर पायी है कि ब्रांड का प्रारूप का आकार कितना होगा।
जुबिलिएंट फूडवर्क्स ने डनकिन डोनट्स नाम से पहला रेस्तरां अप्रैल 2012 में खोला था। लेकिन लागत कम करने के इरादे से कंपनी ने कई रेस्तरां बंद कर दिये। वर्ष 2019-20 में कंपनी ने एक रेस्तरां बंद किये जबकि 2018-19 में सात और 2017-18 में 31 रेस्तरां बंद किये।
कंपनी 31 मार्च, 2020 की स्थिति के अनुसार 1,335 डोमिनोज पिज्जा रेस्तरां, 34 डनकिन डोनट्स रेस्तरां और 4 हांग्स किचन का परिचालन कर रही थी। हांग्स किचन कंपनी का चीनी रेस्तरां ब्रांड है।
जुबिलिएंट फूडवर्क्स ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण आने वाले समय में रेस्तरां उद्योग के कारोबार के पूरे मॉडल को बदलने की जरूरत होगी और प्रौद्योगिकी, साफ-सफाई और सुरक्षा महत्वपूर्ण होंगे।
उसने कहा, ‘‘रेस्तरां को डिलिवरी क्षमता पर ध्यान देना होगा...पुन: बिना संपर्क के डिलिवरी पर जोर होगा। सामाजिक दूरी का पालन करने के कारण रेस्तरां में लोगों के बैठ कर खाने की क्षमता कम हो सकती है जिससे खाने-पीने की मात्रा कम होगी...अल्पकाल में संगठित क्षेत्र में तीव्र वृद्धि होगी जबकि असंगठित क्षेत्र पर ज्यादा प्रतिकूल असर होगा।’’
(साभार-पीटीआई भाषा)
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