वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के दौरान, वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) दर में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है- केंद्र सरकार

वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद के अनंतिम अनुमान और वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के लिए सकल घरेलू उत्पाद के तिमाही अनुमान


वित्त वर्ष 2024-25 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद के अनंतिम अनुमानों में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई है

वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के दौरान, वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद दर में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है



सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआईके राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओके अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपीके अनंतिम अनुमान (पीईऔर वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही (क्यू4) के लिए सकल घरेलू उत्पाद के तिमाही अनुमानों के साथ-साथ इसके व्यय घटकों को स्थिर (2011-12) और वर्तमान कीमतों पर जारी कर रहा है। आर्थिक गतिविधि के प्रकार के अनुसार बुनियादी मूल्यों पर सकल मूल्य वर्धित (जीवीएके वार्षिक और त्रैमासिक अनुमानसाथ ही साल-दर-साल प्रतिशत परिवर्तनसकल घरेलू उत्पाद के व्यय घटकवित्त वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के लिए स्थिर और वर्तमान कीमतों पर सकल/शुद्ध राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय के वार्षिक अनुमान अनुबंध  के विवरण 1 से 8 में दिए गए हैं।

 मुख्य बातें:

  • वित्त वर्ष 2024-25 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद में 9.8 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई है 
  • वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद और नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद में क्रमशः 7.4 प्रतिशत और 10.8 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान लगाया गया है 
  • वित्त वर्ष 2024-25 में ' निर्माणक्षेत्र में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करने का अनुमान है , इसके बाद ' लोक प्रशासनरक्षा और अन्य सेवाएं ' क्षेत्र में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि दर और ' वित्तीयरियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाएं ' क्षेत्र में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की जाएगी।
  • वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के दौरान, ' निर्माण' क्षेत्र में 10.8 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई हैइसके बाद ' लोक प्रशासनरक्षा और अन्य सेवाओं ' क्षेत्र में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर और ' वित्तीयरियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाओं ' क्षेत्र में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई है।
  • प्राथमिक क्षेत्र में पिछले वित्त वर्ष की 2.7 प्रतिशत की वृद्धि दर की तुलना में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई है  वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के दौरान इस क्षेत्र में पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 0.8 प्रतिशत की वृद्धि दर की तुलना में 5.0 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई है।
  • निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीईने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की हैजबकि पिछले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत थी।
  • सकल स्थायी पूंजी निर्माण (जीएफसीएफने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर और वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है।

I. वार्षिक अनुमान और वृद्धि दर

            वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद या स्थिर मूल्यों पर सकल घरेलू उत्पाद वित्त वर्ष 2024-25 में 187.97 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने का अनुमान हैजबकि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का पहला संशोधित अनुमान (एफआरई) 176.51 लाख करोड़ रुपये हैजो 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है। नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद या वर्तमान मूल्यों पर सकल घरेलू उत्पाद वित्त वर्ष 2024-25 में 330.68 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने का अनुमान हैजबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 301.23 लाख करोड़ रुपये थाजो 9.8 प्रतिशत की वृद्धि दर प्रदर्शित करता है।

            वित्त वर्ष 2024-25 में वास्तविक जीवीए 171.87 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान हैजबकि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एफआरई 161.51 लाख करोड़ रुपये हैजो 6.4 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान नाममात्र जीवीए 300.22 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने का अनुमान हैजबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 274.13 लाख करोड़ रुपये थाजो 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।

चित्र 1: स्थिर मूल्यों पर वार्षिक जीडीपी और जीवीए अनुमान तथा वर्ष दर वर्ष वृद्धि दर

 

चित्र 2: क्षेत्रीय संरचना और वार्षिक जीवीए की वृद्धि दर

वित्त वर्ष 2024-25 में नाममात्र जीवीए की क्षेत्रीय संरचना

चित्र 3: व्यापक क्षेत्रों में वार्षिक जीवीए की संरचना और वृद्धि दर

 

II. तिमाही अनुमान और वृद्धि दर

            वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में वास्तविक जीडीपी या स्थिर मूल्यों पर जीडीपी 51.35 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान हैजबकि वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में यह 47.82 लाख करोड़ रुपये थीजो 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है। वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में नाममात्र जीडीपी या वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी 88.18 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान हैजबकि 2023-24 की चौथी तिमाही में यह 79.61 लाख करोड़ रुपये थीजो 10.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है।

            वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में वास्तविक जीवीए 45.76 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान हैजबकि वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में यह 42.86 लाख करोड़ रुपये थाजो 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है। वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में नाममात्र जीवीए 79.46 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान हैजबकि वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में यह 72.51 लाख करोड़ रुपये थाजो 9.6 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।

चित्र 4: स्थिर मूल्यों पर वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही से वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही तक वार्षिक वृद्धि दर के साथ तिमाही जीडीपी और जीवीए अनुमान

चित्र 5: क्षेत्रीय संरचना और तिमाही जीवीए की वृद्धि दर

वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में नाममात्र जीवीए की क्षेत्रीय संरचना

चित्र 6: व्यापक क्षेत्रों में तिमाही जीवीए की संरचना और वृद्धि दर

प्राथमिक क्षेत्र : कृषिपशुधनवानिकी एवं मत्स्य पालन तथा खनन एवं उत्खनन

द्वितीयक क्षेत्र : विनिर्माणबिजलीगैसजल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाएँ और निर्माण

तृतीयक क्षेत्र : व्यापारहोटलपरिवहनसंचार और प्रसारण से संबंधित सेवाएंवित्तीयरियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाएं और लोक प्रशासनरक्षा और अन्य सेवाएं]

 

III. कार्यप्रणाली और प्रमुख डेटा स्रोत:

            वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद के अनंतिम अनुमान और सकल घरेलू उत्पाद के तिमाही अनुमान बेंचमार्क-संकेतक पद्धति का उपयोग करके संकलित किए जाते हैंअर्थातपिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) के लिए उपलब्ध अनुमानों को क्षेत्रों के प्रदर्शन को दर्शाने वाले प्रासंगिक संकेतकों का उपयोग करके निकाला जाता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद का दूसरा अग्रिम अनुमान (एसएई) 28 फरवरी, 2025 को जारी किया गया था। इन अनुमानों में जनवरी-मार्च (क्यू 4) तिमाही से संबंधित क्षेत्र-विशिष्ट संकेतकों और वित्त वर्ष 2024-25 की पहले जारी की गई तिमाहियों के संशोधित संकेतकों की जानकारी सम्मिलित है।

            क्षेत्रवार अनुमान 27 मई, 2025 तक प्राप्त संकेतकों का उपयोग करके संकलित किए गए हैंजैसे (i) औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी), (ii) वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही तक इन कंपनियों के उपलब्ध तिमाही वित्तीय परिणामों के आधार पर सूचीबद्ध कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन, (iii) वर्ष 2024-25 के लिए फसल उत्पादन का दूसरा अग्रिम अनुमान, (iv) प्रमुख पशुधन उत्पादों का उत्पादन अनुमान, (v ) मछली उत्पादन, (vi) कोयलाकच्चा पेट्रोलियमप्राकृतिक गैससीमेंट का उत्पादन और इस्पात की खपत, (vii) रेलवे के लिए शुद्ध भार किलोमीटर और यात्री किलोमीटर, (viii) हवाई यात्री और माल यातायात, (ix) प्रमुख और छोटे समुद्री बंदरगाहों पर लादा गया माल का यातायात, (x) वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री, (xi) बैंक जमा और ऋण, (xii) जीवन और गैर-जीवन बीमा कंपनियों की प्रीमियम संबंधी जानकारी 2024-25, (xiv ) केंद्र और राज्य सरकारों के खाते, (xv) वित्त वर्ष 2024-25 में वस्तु एवं सेवा कर संग्रह आदि। अनुमान में उपयोग किए गए प्रमुख संकेतकों में दर्शाई गई वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर (प्रतिशतअनुबंध बी में दी गई है।

            जीडीपी संकलन के लिए उपयोग किए जाने वाले कुल कर राजस्व में गैर-जीएसटी राजस्व के साथ-साथ जीएसटी राजस्व भी शामिल है। वर्तमान मूल्यों पर उत्पादों पर करों का अनुमान लगाने के लिए लेखा महानियंत्रक (सीजीएऔर भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजीकी वेबसाइट की जानकारी का उपयोग किया गया है। स्थिर मूल्यों पर उत्पादों पर करों के संकलन के लिएकर योग्य वस्तुओं और सेवाओं की मात्रा वृद्धि का उपयोग करके मात्रा वाह्य गणन (वॉल्यूम एक्सट्रपलेशनकिया जाता है। केंद्र के लिए वर्तमान मूल्यों पर कुल उत्पाद सब्सिडी को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र के संशोधित प्रावधान के साथ प्रमुख सब्सिडी जैसे खाद्ययूरियापेट्रोलियम और पोषक तत्व आधारित सब्सिडी की जानकारी का उपयोग करके संकलित किया गया था। राज्य के लिए वर्तमान मूल्यों पर कुल उत्पाद सब्सिडी को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्यों द्वारा कुल सब्सिडी पर किए गए व्यय की जानकारी का उपयोग करके संकलित किया गया था।

बेहतर डेटा कवरेज और स्रोत एजेंसियों द्वारा किए गए इनपुट डेटा में संशोधन का इन अनुमानों के बाद के संशोधनों पर असर पड़ेगा। इसलिएरिलीज़ कैलेंडर के अनुसारअनुमानों में समय के साथ उपरोक्त कारणों से संशोधन होने की संभावना है। उपयोगकर्ताओं को आंकड़ों की व्याख्या करते समय इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए। वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही (क्यू-1 2025-26) के लिए तिमाही जीडीपी अनुमानों की अगली रिलीज़ 29.08.2025 को जारी की जाएगी।

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अनुलग्नक-

अनुलग्नक बी

प्रमुख संकेतकों में वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर (प्रतिशत)

प्रेस नोट को पीडीएफ प्रारूप में देखने के लिए यहां पर क्लिक कीजिए

 


(साभार: PIB)

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2-अचानक की गई बंदी इंसान को संभलने का मौका नहीं देती। ऐसे में आनंद के साथ जीने के उपाय क्या हैं। मेरी इस किताब में पढ़िये...बंदी में कैसे रहें बिंदास" 
3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
8 -अपनी हाउसिंग सोसायटी को जर्जर से जन्नत बनाने के लिए पढ़ें,  डेढ़ साल बेमिसाल -

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Rajanish Kant शनिवार, 31 मई 2025
RBI की अंतर-बैंक हिंदी निबंध प्रतियोगिता: 2025-26

 भारतीय रिज़र्व बैंक की अंतर-बैंक हिंदी निबंध प्रतियोगिता: 2025-26

आर्थिक/वित्त/बैंकिंग के साथ-साथ सामान्य रुचि के विषयों पर हिंदी में मौलिक लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक प्रतिवर्ष अंतर-बैंक हिंदी निबंध प्रतियोगिता आयोजित करता है। भारतीय रिज़र्व बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा उनके द्वारा प्रायोजित क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के सभी अधिकारी तथा स्टाफ-सदस्य (राजभाषा अधिकारियों और अनुवादकों को छोड़कर) इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। वर्ष 2025-26 की उक्त प्रतियोगिता के लिए निम्नलिखित विषय रखा गया है:-

  • टैरिफ, विश्व व्यापार और भारत

प्रतिभागियों से उपर्युक्त विषय पर हिंदी में निबंध आमंत्रित किए जाते हैं। प्रविष्टि भेजने की अंतिम तारीख 20 जून 2025 (शुक्रवार) है।

2. प्रतियोगिता के लिए विभिन्न भाषिक समूहों के विवरण सहित नियम संलग्नक "क" में तथा प्रतियोगिता में भाग लेने वाले अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा निबंध के साथ भेजे जाने वाले प्रमाणपत्र का प्रारूप संलग्नक "ख’’ में दिया गया है। प्रत्येक भाषिक समूह के लिए प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं दो प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए क्रमशः 14,000/-, 10,000/-, 8,000/- एवं 3,000/- की राशि प्रदान की जाएगी।

3. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा उनके द्वारा प्रायोजित क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से अनुरोध है कि वे इसके बारे में अपने बैंक में कार्यरत समस्त अधिकारियों तथा स्टाफ-सदस्यों को अवगत कराएं।

(साभार: www.rbi.org.in)

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3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
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5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
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Rajanish Kant
Vehicle Loans और Credit Card Outstanding की वृद्धि में गिरावट- RBI

बैंक ऋण का क्षेत्रवार अभिनियोजन – अप्रैल 2025



अप्रैल 20251 माह के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्रवार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी एससीबी बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं।

वर्ष-दर-वर्ष (व-द-व) आधार पर, 18 अप्रैल 2025 को समाप्त पखवाड़े की स्थिति के अनुसार खाद्येतर बैंक ऋण2 में 11.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई3, जबकि पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े (अर्थात 19 अप्रैल 2024) के दौरान यह 15.3 प्रतिशत थी।

18 अप्रैल 2025 को समाप्त पखवाड़े की स्थिति के अनुसार बैंक ऋण3 के क्षेत्रवार अभिनियोजन की मुख्य बातें नीचे दी गई हैं:

  • कृषि और संबद्ध कार्यकलापों हेतु प्रदत्त ऋण में 9.2 प्रतिशत (व-द-व) की वृद्धि दर्ज की गई (पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में 19.8 प्रतिशत)।

  • उद्योग क्षेत्र को प्रदत्त ऋण में 6.7 प्रतिशत (व-द-व) की वृद्धि हुई, जो पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में 6.9 प्रतिशत थी। प्रमुख उद्योगों में, 'मूल धातु और धातु उत्पाद', 'सभी अभियांत्रिकी', 'वाहन, वाहन कलपुर्जे और परिवहन उपकरण', 'कपड़ा' तथा 'निर्माण' को बकाया ऋण में तेज वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर्ज की गई। तथापि, आधारभूत संरचना खंड में ऋण वृद्धि में गिरावट आई।

  • सेवा क्षेत्र को प्रदत्त ऋण कम होकर 11.2 प्रतिशत (व-द-व) रह गया (पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में 19.5 प्रतिशत), जो मुख्य रूप से ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों’ (एनबीएफसी) को प्रदत्त ऋण में मंद वृद्धि के कारण थी। ‘व्‍यापार’ और ‘कंप्यूटर सॉफ्टवेयर’ खंड में ऋण वृद्धि (व-द-व) में तेजी बनी रही।

  • वैयक्तिक ऋण खंड हेतु प्रदत्त ऋण में 14.5 प्रतिशत (व-द-व) की मंद वृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक वर्ष पहले यह 17.0 प्रतिशत थी, जिसका मुख्य कारण 'अन्य व्यक्तिगत ऋण', 'वाहन ऋण' और 'क्रेडिट कार्ड बकाया' की वृद्धि में गिरावट थी।

(साभार: www.rbi.org.in)

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4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
8 -अपनी हाउसिंग सोसायटी को जर्जर से जन्नत बनाने के लिए पढ़ें,  डेढ़ साल बेमिसाल -

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Rajanish Kant
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की ऋण और जमा दरें – मई 2025

 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की ऋण और जमा दरें – मई 2025

मई 2025 माह के दौरान प्राप्त अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के आंकड़े तालिका 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।

मुख्य बातें:

ऋण दरें:

  • एससीबी के नए रुपया ऋणों पर भारित औसत उधार दर (डब्ल्यूएएलआर) अप्रैल 2025 में 9.26 प्रतिशत (मार्च 2025 में 9.35 प्रतिशत) रही।

  • एससीबी के बकाया रुपया ऋणों पर डब्ल्यूएएलआर मार्च 2025 में 9.77 प्रतिशत से घटकर अप्रैल 2025 में 9.70 प्रतिशत हो गई।1

  • एससीबी की एक वर्ष की माध्यिका निधि की सीमांत लागत आधारित उधार दर (एमसीएलआर) अप्रैल 2025 में 9.00 प्रतिशत से कम होकर मई 2025 में 8.95 प्रतिशत हो गई।

जमा दरें:

  • एससीबी के नए रुपया मीयादी जमा पर भारित औसत घरेलू मीयादी जमा दर (डब्ल्यूएडीटीडीआर) मार्च 2025 में 6.65 प्रतिशत की तुलना में अप्रैल 2025 में 6.30 प्रतिशत रही।

  • एससीबी के बकाया रुपया मीयादी जमा पर भारित औसत घरेलू मीयादी जमा दर (डब्ल्यूएडीटीडीआर) अप्रैल 2025 में 7.01 प्रतिशत (मार्च 2025 में 7.03 प्रतिशत) थी।1

1 बैंक के साथ गैर-बैंक के विलय के प्रभाव को आंकड़ों में शामिल नहीं किया गया है।


(साभार: www.rbi.org.in)

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1-कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले हर लोगों के लिए जरूरी किताब।
2-अचानक की गई बंदी इंसान को संभलने का मौका नहीं देती। ऐसे में आनंद के साथ जीने के उपाय क्या हैं। मेरी इस किताब में पढ़िये...बंदी में कैसे रहें बिंदास" 
3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
8 -अपनी हाउसिंग सोसायटी को जर्जर से जन्नत बनाने के लिए पढ़ें,  डेढ़ साल बेमिसाल -

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1) Twitter,Now X :    
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