अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने प्रमुख दरों को घटाकर जीरो किया, राष्ट्रपति ट्रंप ने किया स्वागत
दुनिया भर के केंद्रीय बैंक और सरकारें कोरोना वायरस के आतंक से इकोनॉमी को बचाने के लिए तमाम तरह के उपाय कर रहे हैं। इसी सिलसिले में अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने कुछ दिन पहले ही प्रमुख दरों में 0.50 प्रतिशत की इमर्जेंसी कटौती की थी और अब रविवार को इन दरों में और कमी करते हुए 0-0.25 प्रतिशत कर दिया है। फेडरल रिजर्व ने साथ ही फेड ने 700 अरब डॉलर के क्वांटिटेटिव ईजिंग (क्यूई) प्रोग्राम की भी घोषणा की है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेडरल रिजर्व के इस कदम का स्वागत किया है।
फेडरल रिजर्व ने कहा है कि कोरोना वायरस इंसानों को नुकसान पहुंचा रहा है और इकोनॉमी में दिक्कतें पैदा कर रहा है। इसलिए फेड फंड रेट्स, जो कि वित्तीय संस्थानों के लिए छोटी अवधि का कर्ज के साथ उपभोक्ता कर्ज देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, को 1-1.25% से घटाकर 0-0.25% कर दिया है।
फेड ने इसके अलावा बैंकों के लिए डिस्काउंट विंडों पर इमर्जेंसी लेंडिंग रेट को 1.25 प्रतिशत से कम करके 0.25 प्रतिशत कर दिया है। लोन की अवधि को भी बढ़ाकर 90 दिनों का किया गया है। फेडरल रिजर्व ने साथ ही हजारों बैंकों के लिए रिजर्व रिक्वायरमेंट को जीरों कर दिया है ताकि बैंक के पास नकदी देने के लिए अधिक से अधिक पैसे रहे।
फेडरल रिजर्व ने साथ ही उम्मीद जताई है कि दुनिया के दूसरे केंद्रीय बैंक जैसे बैंक ऑफ कनाडा, बैंक ऑफ इंग्लैंड, बैंक ऑफ जापान, यूरोपीय सेंट्र्ल बैंक कोरोना वायरस का इकोनॉमी पर असर कम करने के लिए मौजूदा डॉलर स्वैप व्यवस्था में बदलाव करके दुनिया भर में डॉलर लिक्विडिटी को बढ़ाएंगे।
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अमेरिका का हैरान करने वाला फैसला, प्रमुख दरों में 0.50% की कटौती, ट्रंप अभी और कटौती चाहते हैं
खतरनाक होते जा रहे कोरोना वायरस के असर से इकोनॉमी को बचाने के लिए अब वित्तीय मोर्चे पर कदम उठाए जा रहे हैं। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने प्रमुख दरों में 0.50 प्रतिशत की कटौती करते हुए सबको चौंका दिया है। इस कटौती के बाद अमेरिका की ब्याज दर 1-1.25 प्रतिशत पर आ गई।
फेडरल रिजर्व ने प्रमुख दरों में कटौती के बाद कहा कि सर्वसम्मति से दरों में कटौती का फैसला लिया गया है। अमेरिकी इकोनॉमी हालांकि मजबूत बनी हुई है लेकिन कोरोना वायरस के असर से इनकार नहीं किया जा सकता है।
सात विकसित देशों या जी-7 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों ने कोरोना वायरस के हमले से इकोनॉमी को बचाने के लिए उचित कदम उठाने पर चर्चा हुई थी। इस चर्चा के बाद अमेरिका ने प्रमुख दरों में इमरजेंसी कटौती की है।
फेडरल रिजर्व की प्रमुख दरों पर चर्चा करने वाली कमेटी ने कहा है कि कोरोना वायरस के हमले से इकोनॉमी को बचाने के लिए अगर और कदम उठाने की जरूरत पड़ी तो उठाया जाएगा। कमेटी ने कहा कि कोरोना वायरस का असर अभी शुरुआती चरण में है लेकिन कितना लंबा चलेगा, अभी से कहना मुश्किल है।
उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेड द्वारा प्रमुख दरों में की गई कटौती का स्वागत किया है, लेकिन अभी और कटौती की मांग की है।
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अमेरिका में ब्याज दर में 0.25% की कटौती, 2008 संकट के बाद पहली कटौती, बाजार मायूस
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने 30 और 31 जुलाई की बैठक के बाद प्रमुख ब्याज दर में 0.25% की कटौती की है। 2008 के ये पहली कटौती है। अब बेंचमार्क दर घटक 2.00-2.25% के बीच आ गई है।
जानकारों का कहना है कि चीन के साथ ट्रेड वॉर और दुनिया भर में आर्थिक धीमेपन के संकेत के बीच फेडरल रिजर्व नेऐहतियात के तौर पर ये फैसला लिया है। ब्याज दर में कमी से सभी तरह के लोन सस्ते हो जाएंगे जिससे आर्थिक धीमेपन की आशंका को रोका जा सके और आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी की जा सके।
फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जिरोम एच.पॉवेल ने बैठक के बाद कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अभी भी अनुकूल बनी हुई है और बेंचमार्क दर में कटौती के फैसले से इकोनॉमी को और मदद मिलेगी। पॉवेल ने आगे कहा कि ट्रेड वॉर और दुनिया भर में आर्थिक धीमेपन से अमेरिकी इकोनॉमी को बचाना मुख्य लक्ष्य है।
फेडरल रिजर्व के इस फैसले से बाजार मायूस दिखे और भारी गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिकी बाजार और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हालांकि और ज्यादा कटौती की उम्मीद लगा रहे थे।
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