Results for "Solapur"
RBI ने सोलापुर के दि करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों की परेशानी बढ़ाई


बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश –
दि करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर, महाराष्ट्र – अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 29 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2729/12-07-005/2022-2023 द्वारा दि करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर, महाराष्ट्र को 29 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए सर्वसमावेशी निदेश जारी किए थे।

2. भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि दि करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर को जारी दिनांक 29 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2729/12-07-005/2022-2023 की परिचालन अवधि को जनहित में बढ़ाया जाना आवश्यक है। तदनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा निदेश देता है कि दि करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर को जारी दिनांक 29 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2729/12-07-005/2022-2023, अब बैंक पर 30 जनवरी 2023 से 29 अप्रैल 2023 तक अगले तीन माह की अवधि के लिए लागू रहेंगे तथा ये निदेश समीक्षाधीन होंगे।

3. संदर्भाधीन निदेश की अन्य सभी नियम एवं शर्तें यथावत् रहेंगी।

(साभार: www.rbi.org.in)

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





Plz Follow Me on: 


Rajanish Kant मंगलवार, 31 जनवरी 2023
RBI ने Samarth Sahakari Bank पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना


भारतीय रिज़र्व बैंक ने समर्थ सहकारी बैंक लिमिटेड, सोलापुर (महाराष्ट्र)
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 जनवरी 2023 के आदेश द्वारा, समर्थ सहकारी बैंक लिमिटेड, सोलापुर (महाराष्ट्र) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को जारी आय निर्धारण और आस्ति वर्गीकरण (आईआरएसी) संबंधी निदेश के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए 1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2020 तक की बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह भी पता चला कि बैंक ने आईआरएसी मानदंडों के अनुसार कुछ खातों को वर्गीकृत नहीं किया था और निर्धारित प्रावधानों के अनुसार प्रावधान नहीं किया था। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी आईआरएसी मानदंडों संबंधी निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(साभार: www.rbi.org.in)

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





Plz Follow Me on: 


Rajanish Kant सोमवार, 23 जनवरी 2023