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दी सी.के.पी सहकारी बैंक पर तालाबंदी, क्या ग्राहकों को पैसा वापस मिलेगा?

दी सी.के.पी सहकारी बैंक पर तालाबंदी, क्या ग्राहकों को पैसा वापस मिलेगा?

Rajanish Kant रविवार, 3 मई 2020
PMC के ग्राहक अब 22 जून तक नहीं निकाल सकेंगे अपने पूरे पैसे

PMC के ग्राहक अब 22 जून तक नहीं निकाल सकेंगे अपने पूरे पैसे

Rajanish Kant सोमवार, 23 मार्च 2020
PMC बैंक के ग्राहक 1 लाख रुपए तक निकाल सकते हैं, लेकिन करना होगा ये काम...

रिजर्व बैंक का प्रतिबंध झेल रहे सहकारी बैंक PMC  यानी पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहक बैंक से एक लाख रुपए तक निकाल सकते हैं, लेकिन इसके लिए शर्त है। आरबीआई ने बॉम्बे हाई कोर्ट में पीएमसी बैंक से संबंधित याचिका की सुनवाई के दौरान अपने हलफनामा में कहा है कि मेडिकल इमर्जेंसी के दौरान पीएमसी बैंक का कोई भी ग्राहक आरबीआई द्नारा नियुक्त प्रशासक से एक लाख रुपए तक निकालने के लिए संपर्क कर सकता है। 4 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी।

कुछ दिन पहले ही  बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनियमितताओं के लिए RBI की कार्रवाई का सामना कर रहे PMC बैंक यानी पंजाब एवं महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई के दौरान RBI को फटकार लगाते हुए पूछा था  कि बैंक के ग्राहकों की सुरक्षा के लिए उसने क्या किया। कोर्ट ने RBI से हलफनामा देकर इस मामले में 19 नवंबर तक जवाब मांगा था।  

याचिका में पीएमसी से आरबीआई द्वारा पैसों की निकासी पर लगाए गए प्रतिबंधों को चुनौती दी गई थी। 

आपको बता दूं कि इस साल 23 सितंबर को आरबीआई ने कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर छह महीने के लिए पीएमसी बैंक पर नियामक प्रतिबंध लगाए। खाताधारकों के लिए निकासी की सीमा शुरू में प्रत्येक ग्राहक पर छह महीने के लिए 1,000 रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 10,000 रुपये और फिर 40,000 रुपये कर दिया गया। बाद में इस सीमा को बढ़ाकर 50 हजार रुपए प्रति ग्राहक किया गया।

बैंक के संकट के लिए रियल्टी प्लेयर हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) को  दिए गए ऋणों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ये ऋण कथित तौर पर नियामकों की जांच से छिपे हुए थे, गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों को बदल रहे थे।

एचडीआईएल प्रमोटर्स और बैंक के शीर्ष प्रबंधन सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय भी मामले की जांच कर रहा है और एचडीआईएल प्रमोटर्स राकेश वाधवन और उसके बेटे सारंग वाधवन की संपत्ति को जब्त कर लिया है।

बैंक के 9,500 करोड़ रुपये में से 6,500 करोड़ रुपये से अधिक एचडीआईएल या उससे जुड़ी डमी कंपनियों को दिया गया, जो एनपीए हो गई हैं।



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Rajanish Kant मंगलवार, 19 नवंबर 2019
बैंक में जमा पर गारंटी की सीमा ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹25 लाख मुमकिन!

बैंक में जमा पर गारंटी की सीमा ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹25 लाख मुमकिन!

Rajanish Kant
PMC बैंक मुद्दे पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने RBI को लगाई फटकार, 19 नवंबर को अगली सुनवाई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को अनियमितताओं के लिए RBI की कार्रवाई का सामना कर रहे PMC बैंक यानी पंजाब एवं महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने RBI को फटकार लगाते हुए पूछा  कि बैंक के ग्राहकों की सुरक्षा के लिए उसने क्या किया। कोर्ट ने RBI से हलफनामा देकर इस मामले में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 19 नवंबर को है। 

जस्टिस एस सी धर्माधिकारी और आर आई चागला की खंडपीठ बैंक जमाकर्ताओं द्वारा दायर याचिकाओं की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरबीआई द्वारा निकासी पर लगाए गए प्रतिबंधों को चुनौती दी गई थी। 

आपको बता दूं कि इस साल 23 सितंबर को आरबीआई ने कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर छह महीने के लिए पीएमसी बैंक पर नियामक प्रतिबंध लगाए। खाताधारकों के लिए निकासी की सीमा शुरू में प्रत्येक ग्राहक पर छह महीने के लिए 1,000 रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 10,000 रुपये और फिर 40,000 रुपये कर दिया गया।

सोमवार को पीठ ने कहा कि वह केवल यह जानना चाहती है कि आरबीआई मामले में क्या कर रहा है।

अदालत ने कहा, "आरबीआई बैंक के सभी मामलों को जानता है। आरबीआई ऐसे मुद्दों पर बैंक और बैंक का विशेषज्ञ है। हम आपके (RBI के) अधिकार को बाधित और कम नहीं करना चाहते हैं।"

कोर्ट ने कहा कि ऐसे वित्तीय मुद्दों में, आरबीआई न्यायाधीश होगा और न्यायालय नहीं।

कोर्ट ने साथ ही आरबीआई को अपना हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 19 नवंबर की तारीख तय किया है। हालांकि,  अदालत ने फिलहाल मामले में कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार किया है। 

याचिकाकर्ताओं में से एक ने आरबीआई से अपने लॉकर तक पहुंचने के लिए उसे अनुमति देने की मांग की। 

अदालत ने किसी भी आदेश को पारित करने से इनकार करते हुए कहा, "अदालत पहुंच की अनुमति नहीं दे सकती है। हम या कोई भी आरबीआई को कार्रवाई करने से कैसे रोक सकता है? यदि आरबीआई कहता है कि 'बैंक से दूर रहें', तो ऐसा करें।" इसमें कहा गया है कि जमाकर्ता अगर चाहें तो बैंक पर मुकदमा कर सकते हैं।

पीठ ने कई याचिकाएं दायर करके कहा, वकीलों को जमाकर्ताओं को झूठी उम्मीद नहीं देनी चाहिए कि अदालत उनकी मदद करेगी।

न्यायमूर्ति धर्माधिकारी ने कहा, "अदालतें जादूगर नहीं हैं। हम जमाकर्ताओं को झूठा आश्वासन न दें।"

याचिकाएं बैंक के जमाकर्ताओं और खाताधारकों के होने का दावा करने वाले व्यक्तियों द्वारा दायर की गई हैं। आरबीआई के प्रतिबंधों ने पहले सहकारी ऋणदाता के जमाकर्ताओं और खाताधारकों द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

याचिका में से एक ने कहा, "आरबीआई का निर्णय तर्कहीन और मनमाना है और यह आम जनता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। आरबीआई की ओर से कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी।"

इसने कहा कि निर्देशों ने उन लोगों को सिर्फ तकलीफ और तकलीफ ही दी है, जिनकी मेहनत की कमाई बैंक में जमा है।

याचिकाओं में आरबीआई के फैसले को रद्द करने की मांग की गई है।

बैंक के संकट के लिए रियल्टी प्लेयर हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) को  दिए गए ऋणों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ये ऋण कथित तौर पर नियामकों की जांच से छिपे हुए थे, गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों को बदल रहे थे।

एचडीआईएल प्रमोटर्स और बैंक के शीर्ष प्रबंधन सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय भी मामले की जांच कर रहा है और एचडीआईएल प्रमोटर्स राकेश वाधवन और उसके बेटे सारंग वाधवन की संपत्ति को जब्त कर लिया है।

बैंक के 9,500 करोड़ रुपये में से 6,500 करोड़ रुपये से अधिक एचडीआईएल या उससे जुड़ी डमी कंपनियों को दिया गया, जो एनपीए हो गई हैं।

बैंक के संचालन की देखरेख के लिए RBI द्वारा गठित प्रशासक वर्तमान में अपनी वित्तीय ताकत की निष्पक्ष तस्वीर पेश करने के लिए बैलेंसशीट को पुनर्स्थापित कर रहा है।

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Rajanish Kant सोमवार, 4 नवंबर 2019
मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहक अब ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं-RBI
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के तहत निदेश –
मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा –
निदेशों की अवधि का विस्तार और आहरण सीमा में छूट

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के तहत मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा को 26 अप्रैल 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I/डी-13/12.22.158/2018-19 द्वारा 2 मई 2019 के कारोबार की समाप्ति से निदेश जारी किए जो 2 नवंबर 2019 तक वैध है। वर्तमान निदेशों के अनुसार, अन्य शर्तों के साथ, प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते या किसी भी अन्य जमा खाते में कुल शेष राशि में से ₹ 5,000/- रुपये से अनधिक राशि आहरित करने की जमाकर्ता को अनुमति दी गयी थी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने उक्त बैंक की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की है और जनहित में आवश्यक पाया है कि पूर्वोक्त निदेशों को संशोधित किया जाए । तदनुसार, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उपधाराओं (1) और (2) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा निदेश देता है कि दिनांक 26 अप्रैल 2019 को मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा को जारी निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I/डी-13/12.22.158/2018-19 के पैरा 1(i) को निम्नानुसार संशोधित किया जाए :
“i. प्रत्येक बचत बैंक खाते या चालू खाते या आवधिक जमा खाते या किसी अन्य जमा खाते (जिस नाम से भी है) में शेष कुल राशि में से  30,000/- (रुपए तीस हजार केवल) से अनधिक राशि जमाकर्ता द्वारा निकाले जाने की अनुमति दी जा सकती है, बशर्ते कि ऐसे जमाकर्ता की किसी भी प्रकार से बैंक के प्रति देयता हो, अर्थात उधारकर्ता या ज़मानती के रूप में, जिसमें बैंक जमाओं के विरुद्ध ऋण शामिल हो तो राशि को पहले संबंधित उधारकर्ता खाते में समायोजित किया जा सकता है।”
जमाकर्ताओं को भुगतान करने के लिए आवश्यक राशि बैंक द्वारा एस्क्रौ खाते और/या निर्धारित प्रतिभूतियों में अलग से रखी जानी चाहिए जिसका उपयोग बैंक द्वारा केवल संशोधित निदेशों के अनुसार जमाकर्ताओं को भुगतान करने के लिए किया जाएगा।
इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में, मडगांव अर्बन को- ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा को जारी दिनांक 26 अप्रैल 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I/डी-13/12.22.158/2018-19 के परिचालन की अवधि में विस्तार करना आवश्यक है। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश देता है कि मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा को जारी दिनांक 26 अप्रैल 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I/डी-13/12.22.158/2018-19 जिसकी वैधता 02 नवंबर 2019 तक थी, को बैंक पर आगे 03 नवंबर 2019 से 02 मई 2020 तक छह माह की अवधि के लिए बढ़ा दिया जाए जो समीक्षाधीन रहेगें।


(साभार-www.rbi.org.in)


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Rajanish Kant शुक्रवार, 1 नवंबर 2019
PMC बैंक के ग्राहक अब 40 हजार तक निकाल सकते हैं-RBI
रिज़र्व बैंक ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के जमाकर्ताओं के लिए आहरण
की सीमा बढ़ाकर  40,000/- कर दी


यह विदित होगा कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने 3 अक्टूबर 2019 को पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के जमाकर्ताओं को अपने खातों में कुल शेष राशि में से  25,000/ - (रुपये पच्चीस हजार मात्र) तक की राशि आहरित करने की अनुमति दी थी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक की चलनिधि की स्थिति और उसके जमाकर्ताओं को भुगतान करने की क्षमता की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया कि पूर्व में स्वीकृत  25,000 समेत, आहरण की सीमा को पुनः बढ़ाकर  40,000/-(रूपये चालीस हजार मात्र) कर दिया जाए। उपरोक्त छूट के साथ, बैंक के 77% से अधिक जमाकर्ता उनके खातों से अपनी पूरी शेष राशि आहरित कर सकेंगे।
बैंक की वित्तीय स्थिति कुछ व्यक्तियों द्वारा उसमें धोखाधड़ी किए जाने के कारण काफी खराब हो गई है। जैसे ही यह मामला भारतीय रिज़र्व बैंक के संज्ञान में आया, एक प्रशासक नियुक्त करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की गई थी कि बैंक के उपलब्ध संसाधन संरक्षित हैं और उनका दुरुपयोग या वितरण नहीं किया गया है।
इस बीच, बैंक में धोखाधड़ी / वित्तीय अनियमितताओं और इसके लेखा बहियों के हेरफेर से जुड़े अपने अधिकारियों और उधारकर्ताओं के विरुद्ध बैंक द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर, आर्थिक अपराध शाखा, महाराष्ट्र पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, बैंक के प्रशासक द्वारा संबंधित लेनदेन को देखने के लिए फॉरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किए गए हैं। रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 36 एएए(5)(ए) के प्रावधानों के अनुसार प्रशासक और तीन सदस्यों वाली परामर्श समिति बैंक द्वारा अपने परिचालनों के समय सामना किए जा रहे विभिन्न मुद्दों के त्वरित समाधान के लिए काम कर रही है।
रिज़र्व बैंक बारीकी से स्थिति की निगरानी कर रहा है और बैंक निरंतर रूप से जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाना जारी रखेगा।

(साभार-www.rbi.org.in)


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Rajanish Kant बुधवार, 23 अक्तूबर 2019
PMC बैंक के ग्राहक अब और ज्यादा पैसा निकाल सकेंगे

PMC बैंक के ग्राहक अब और ज्यादा पैसा निकाल सकेंगे

Rajanish Kant शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2019
PMC Bank Update; पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को राहत

PMC Bank Update; पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को राहत

Rajanish Kant गुरुवार, 26 सितंबर 2019
जमाकर्ताओं के संगठन ने पीएमसी मामले पर चिंता जताई, निकासी की सीमा बढ़ाने की मांग

रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) पर नियामकीय खामियों को लेकर कुछ पाबंदियां लगाई हैं। इसके तहत जमाकर्ताओं के लिए सिर्फ 1,000 रुपये निकासी की सीमा तय की गई है। इसको लेकर जमाकर्ताओं के निकाय आल इंडिया बैंक डिपॉजिटर्स एसोसिएशन (एआईबीडीए) ने मंगलवार जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण पर चिंता जताई।


पीएमसी पर इसके अलावा नया कर्ज देने और जमा लेने की भी रोक लगाई गई है। ग्राहकों को सबसे अधिक चिंता छह महीने में प्रति ग्राहक 1,000 रुपये की निकासी की सीमा को लेकर है। इसमें एटीएम से लेनदेन और आनलाइन बैंकिंग भी शामिल है।



एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील भंडारे ने पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं के मूल्य को बचाने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए गए कदम की सराहना की। लेकिन साथ ही उन्होंने 1,000 रुपये की निकासी की सीमा को लेकर सवाल उठाया।



उन्होंने कहा कि बैंक में लोगों की मेहनत की कमाई जमा है। कई लोगों ने अपने परिवार के नियमित खर्च का पैसा खाते में जमा किया है। कुछ की जीवन भर की बचत पीएमसी के खाते में जमा है।



भंडारे ने कहा कि सहकारी बैंकों में वरिष्ठ नागरिक, मध्यम वर्ग के परिवार अपना पैसा जमा कराते हैं क्योंकि इन बैंकों में कुछ ऊंचा ब्याज मिलता है।



उन्होंने रिजर्व बैंक से कहा कि वह 1,000 रुपये की निकासी की सीमा में ढील दे जिससे जमाकर्ताओं का भरोसा कायम हो सके।



उन्होंने कहा कि जमाकर्ताओं एक लाख रुपये तक की राशि निकालने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम के तहत इस सीमा तक बीमा कवर उपलब्ध है इसलिए इतनी राशि निकालने की अनुमति दी जा सकती है।


(साभार- पीटीआई भाषा)
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Rajanish Kant बुधवार, 25 सितंबर 2019