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नोटबंदी पर अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब (24 जनवरी को अपडेट)

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

पुराने 500 और 1000 रुपए के मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी तथा विनिर्दिष्ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अध्यादेश 2016 (24 जनवरी 2017 तक अद्यतन)
(24 जनवरी 2017 तक अद्यतन)
1. पुराने 500 और 1000 रुपए के मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी की योजना क्यों प्रारम्भ की गई?
उच्च मूल्यवर्गों में जाली भारतीय मुद्रा नोटों की घटनाएँ बढ़ गई हैं । आम आदमी को यह जाली नोट असली नोटों की तरह ही दिखाई पड़ते हैं, जब कि इनमें किसी भी सुरक्षा विशेषता की नकल नहीं की गई है । जाली नोटों का उपयोग राष्ट्र–विरोधी एवं अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है । उच्च मूल्यवर्ग के नोटों का दुरुपयोग आतंकवादियों और काले धन की जमाखोरी के लिए किया गया है । भारत एक नगद-आधारित अर्थव्यवस्था है, इसलिए जाली भारतीय मुद्रा नोटों के प्रचलन का संकट जारी है । जाली नोटों तथा काले धन की बढ़ती घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए पुराने 500 और 1000 रुपए के मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी की योजना प्रारम्भ की गई ।
2. यह योजना क्या है?
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 08 नवंबर 2016 तक जारी 500 रुपए और 1000 रुपए मूल्यवर्ग नोटों का वैध निविदा स्वरूप (जिसे बाद में विनिर्दिष्ट बैंक नोट कहा जाएगा) वापिस लिया जाता है । इसके परिणाम स्वरूप पुराने उच्च मूल्यवर्ग के नोट का व्यापारिक लेन-देन और / अथवा भावी उपयोग हेतु मूल्य-संचय के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा । 25 नवंबर, 2016 तक बैंक शाखाओं / डाकघरों तथा 30 दिसंबर, 2016 तक भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालयों में विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के विनिमय की अनुमति थी तथा 10 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर, 2016 की अवधि के दौरान वाणिज्यिक बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सहकारी बैंक (केवल शहरी सहकारी बैंक तथा राज्य सहकारी बैंकों में) की किसी भी शाखा में अथवा किसी भी प्रधान डाकघर अथवा उप डाकघर में जमा किए जा सकते थे ।
विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के विनिमय / जमा सुविधा को 31 दिसंबर, 2016 से बंद कर दिया गया है ।
3. निर्दिष्‍ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अध्यादेश 2016 क्‍या है?
निर्दिष्‍ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अध्यादेश 2016 भारत के राष्‍ट्रपति (भारत सरकार अध्‍यादेश सं. 2016 का 10, दिनांकित 30 दिसंबर 2016) द्वारा लागू किया गया है ताकि निर्दिष्‍ट बैंक नोट की देयताओं और संबद्ध/प्रासंगिक मामलों को समाप्‍त किया जा सके और 31 दिसंबर 2016 से लागू हो गया है। इस अध्‍यादेश के अनुसार, 31 दिसंबर 2016 से निर्दिष्‍ट बैंक नोट के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक की देयताएं समाप्‍त हो जाएगी और इस संबंध में, केंद्र सरकार की गारंटी भी समाप्‍त हो जाएगी।
इस संबंध में रियायत अवधि प्रदान की गई है जिसके दौरान भारतीय नागरिक जो इस बात की घोषणा करते हैं कि वे 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 तक भारत के बाहर थे, वे विनिर्दिष्‍ट बैंक नोट रिज़र्व बैंक के पाँच कार्यालयों (मुबंई, नई दिल्‍ली, चेन्‍नै, कोलकाता और नागपुर) में जमा कर सकते हैं, बशर्ते केंद्र सरकार की अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्‍ट किसी भी श्रेणी के व्‍यक्ति हेतु कारणों अथवा शर्तों को पूरा करते हों।
रिज़र्व बैंक, आवश्‍यक सत्‍यापन करने के बाद यदि इस बात से संतुष्‍ट है कि 30 दिसंबर 2016 तक नोट न जमा कर पाने के कारण सही है, तो वह जमाकर्ता के केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अनुपालित खाते में नोटों की मूल्‍य-राशि जमा कर देगा।
निवासी भारतीय नागरिक, जो 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के दौरान विदेश में थे और अनिवासी भारतीय नागरिक, जो 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के दौरान विदेश में थे, उनके के लिए जमा करने के उद्देश्‍य से रखे गए विनिर्दिष्‍ट बैंक नोट (एसबीएन) रियायत अवधि के दौरान धारित करने की अनुमति है। 2 जनवरी 2017 से प्रभावी, भारतीय निवासी नागरिक जो 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 तक विदेश में थे, वे 31 मार्च 2017 तक इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं और अनिवासी भारतीय नागरिक जो 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 तक विदेश में थे, इस सुविधा का उपयोग 30 जून 2016 तक कर सकते हैं। जहां पात्र निवासी भारतीय हेतु नोट बदलने की कोई सीमा नहीं है, वहीं, एनआरआई के लिए सीमा प्रासंगिक फेमा विनियमन के अनुसार रहेगी। अध्‍यादेश की धारा 6 के अनुसार, जो कोई भी व्‍यक्ति जानबूझकर अथवा अनजाने में गलत घोषणा करता है तो उसे दंडित किया जाएगा, दंड की राशि ₹50,000/- तक अथवा जमा की गई निर्दिष्‍ट बैंक नोट के अंकित मूल्‍य राशि का पाँच गुना जो भी अधिक हो, हो सकती है। उपर्युक्‍त उल्‍लेखानुसार नोट की मूल्‍य–राशि जमा करने में रिज़र्व बैंक द्वारा मना करने से प्रभावित कोई भी व्‍यक्ति उसे इस प्रकार का मनाही प्राप्‍त होने के 14 दिनों के भीतर रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड को अभ्‍यावेदन दे सकता है।
31 दिसंबर 2016 से प्रभावी, अध्‍यादेश की धारा 5 के अनुसार कोई भी व्‍यक्ति किसी निर्दिष्‍ट बैंक नोट को जानबूझकर अथवा स्‍वेच्‍छा से रख, भेज अथवा प्राप्‍त नहीं कर सकेगा। रियायत अवधि समाप्‍त होने के बाद किसी भी मूल्‍य-वर्ग के अधिकतम कुल 10 नोट अथवा अध्‍ययन/अनुसंधान/मुद्राशास्‍त्र के उद्देश्‍य से अधिकतम 25 नोट रखने की अनुमति होगी। धारा 7 के अनुसार, धारा 5 का उल्‍लंघन दंडनीय है जिसमें ₹10,000/- तक की राशि अथवा उल्लंघन में शामिल निर्दिष्‍ट बैंक नोट के अंकित मूल्‍य राशि का पाँच गुना जो भी अधिक हो, का दंड लगाया जा सकता है।
धारा 6 और 7 के अनुसार उल्‍लंघन/चूक यदि किसी कंपनी द्वारा किया गया है तो प्रत्‍येक वह व्‍यक्ति जो उल्लंघन/चूक के समय कंपनी का प्रभारी और उत्तरदायी था, दोषी माना जाएगा और उसी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी और दंडित किया जाएगा। यदि अपराध कंपनी के किसी निदेशक/प्रबंधक/सचिव/अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया जाना साबित होता है तो उस व्‍यक्ति को भी इस अपराध के लिए दोषी माना जाएगा और उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी और तदनुसार दंडित किया जाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक के उक्त पाँच क्षेत्रीय कार्यालयों में विनिमय काउंटर के समय सारणी के विवरण के लिए यहाँ क्लिक करें ।
4. वे एनआरआई तथा भारतीय नागरिक जो विदेश में थे, विनिर्दिष्ट बैंक नोटों को कैसे बदलवा सकते हैं?
विनिर्दिष्ट बैंक नोटों (देयताओं की समाप्ति) विषय पर भारत सरकार के 2016 के अध्यादेश संख्या 10, दिनांक 31 दिसंबर, 2016 के पैराग्राफ 4.1 के अनुसार, ऐसे निवासी तथा अनिवासी नागरिकों के लिए, जो 10 नवंबर से 30 दिसंबर, 2016 तक उक्त अवधि के दौरान भारत में उपस्थित नहीं होने के कारण इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सके, 10 नवंबर से 30 दिसंबर, 2016 तक विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के विनिमय की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है । यह सुविधा भारतीय रिजर्व बैंक के पाँच कार्यालयों मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता तथा नागपुर में निवासियों के लिए 02 जनवरी, 2017 से 31 मार्च, 2017 तक तथा एनआरआई के लिए 02 जनवरी, 2017 से 30 जून, 2017 तक खुली रहेगी ।
इस सुविधा का लाभ केवल व्यक्तिगत क्षमता में तथा अवधि के दौरान एक बार ही उठाया जा सकता है । इस सुविधा के तहत तृतीय पक्ष जमाकर्ता को अनुमति नहीं है ।
यह सुविधा नेपाल, भूटान, पाकिस्तान तथा बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं होगी।
इस योजना के नियमों / शर्तों तथा इसके प्रकार का विवरण दिनांक 31 दिसंबर, 2016 के हमारे परिपत्र डीसीएम (आयो) सं. 2170/10.27.00/2016-17 में उपलब्ध हैं ।
निवासी भारतीयों तथा एनआरआई के लिए निविदा फार्म का लिंक यहाँ उपलब्ध है ।
5. क्या एनआरआई के द्वारा विनिर्दिष्ट बैंक नोटों की विनिमय सुविधा भारत से बाहर भी उपलब्ध है?
नहीं, तथा एनआरआई के लिए यह सुविधा 02 जनवरी, 2017 से 30 जून, 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक के पाँच कार्यालयों मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता तथा नागपुर में उपलब्ध है । एनआरआई के लिए विनिमय की सीमा संबन्धित फेमा (FEMA) विनियमावली के अनुसार होगी ।
6. क्या यह सुविधा भारत के विदेशी नागरिकों (ओसीआई)/ भारतीय मूल के व्यक्तियों के लिए भी उपलब्ध है ?
नहीं, यह सुविधा उन लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है जो भारतीय नागरिक नहीं हैं ।
7. क्या यह सुविधा निवासी भारतीयों के लिए उपलब्ध है ?
नहीं, यह सुविधा सभी निवासी भारतीयों के लिए उपलब्ध नहीं है, लेकिन केवल उनके लिए है जो 09 नवंबर, 2016 से 30 दिसंबर, 2016 के दौरान भारत में नहीं थे ।
8. मैं एटीएम से कितनी राशि निकाल सकता हूँ?
16 जनवरी, 2017 से एटीएम से आहरण की वर्तमान दैनिक सीमा को बढ़ाकर रू. 10000/- प्रतिदिन प्रति कार्ड की गई है (समग्र विनिर्दिष्ट साप्ताहिक सीमाओं के अंदर)।
9. जन धन योजना खाताधारकों के लिए आहरण सीमाएं क्या हैं?
JDY खाता धारक, मानदंडों और प्रक्रियाओं के अनुसार, कैप और अन्य निर्धारित सीमा के अंदर SBN को खाते में जमा करने की सुविधा का लाभ ले सकते हैं|
काले धन को वैध बनाने वालों एवं बेनामी संपत्ति लेनदेन और धन शोधन नियमों के तहत कानूनी खामियाजों से निर्दोष किसानों और PMJDY के ग्रामीण खाताधारकों को सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि 09 नवंबर 2016 के बाद प्रधान मंत्री जन धन योजना खातों में विनिर्दिष्ट बैंक नोटों (एसबीएन) में जमा की गई धनराशि के संबंध में निश्चित सीमा निर्धारित की जाए। अस्थायी उपाय के तौर पर, बैंकों को सूचित किया गया है कि :
1. पूर्ण रूप से केवाईसी मानदण्ड पूरा करने वाले खाताधारकों को उनके खाते से एक माह में रू. 10000/- आहरण की अनुमति होगी । शाखा प्रबन्धक केवल इस प्रकार के आहरण की सत्यता को सुनिश्चित करने तथा इनका बैंक रिकॉर्ड में विधिवत दस्तावेजीकरण करने के पश्चात वर्तमान लागू सीमाओं के अंतर्गत रू. 10000/- से अधिक आहरण की अनुमति दे सकता है ।
2. सीमित तथा गैर केवाईसी मानदण्ड वाले खाताधारकों को 09 नवंबर 2016 के पश्चात विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के माध्यम से जमा की गई राशि में से समग्र उच्च सीमा रू. 10000/- में से रू. 5000/- आहरण की अनुमति होगी ।
10. क्या रू. 24000/- की आहरण सीमा एक बैंक से दूसरे बैंक के बैंक खाते में आहरण पर भी लागू होगी?
यह सीमा एक बैंक से दूसरे बैंक, डाकघर, अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर मनी चेंजर्स को परिचालित करने वाले तथा व्हाईट लेबल एटीएम को परिचालित करने वालों के बैंक खाते में नकदी आहरण पर लागू नहीं होंगी । मुद्रा तिजोरी वाली शाखाओं को सूचित किया जाता है कि वे अपनी नजदीकी अन्य शाखाओं – सम्बद्ध या अन्यथा – द्वारा नकदी की आपूर्ति के अनुरोध को समायोजित / सहायता करें।
11. डीसीसीबी के मामले में आहरण सीमाएं क्या हैं?
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) उनके मौजूदा ग्राहकों को उनके खाते से प्रति सप्ताह रू. 24000/- आहरण की अनुमति दे सकते हैं । भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को तदनुसार डीसीसीबी द्वारा उनके खातों से आवश्यकता के आधार पर आहरण की अनुमति देने हेतु सूचित किया है ।
12. क्या मैं चेक से रुपये निकाल सकता हूँ?
जी हाँ, आप आहरण पर्ची या चेक से बैंक खाते से एक सप्ताह में रू. 24000/- की एक साप्ताहिक समग्र सीमा के अधीन रहते हुए (एटीएम तथा काउंटर से आहरण सहित) नकद आहरण कर सकते हैं ।
16 जनवरी 2017 से चालू खाते से आहरण की वर्तमान सीमा को रू.50000/- से बढ़ाकर रू. 100000/- प्रति सप्ताह की गई है तथा इसे ओवरड्राफ्ट तथा कैश क्रेडिट खातों के लिए भी बढ़ाया गया है । अन्य खातों के लिए साप्ताहिक आहरण सीमाओं में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है ।
किसानों को उनके ऋण (किसान क्रेडिट कार्ड लिमिट सहित) अथवा जमा खाते से प्रति सप्ताह रू. 25000/- तक नकद आहरण की अनुमति दी जा सकती है जो उनके खाते में वर्तमान केवाईसी दिशानिर्देशों के पूरा करने के अधीन होगी ।
13. क्या मैं ईलेक्ट्रोनिक (एनईएफ़टी /आरटीजीएस / आईएमपीएस/ इंटरनेट बैंकिंग / मोबाइल बैंकिंग, इ.) का उपयोग कर सकता हूँ?
जी हाँ, आप एनईएफ़टी /आरटीजीएस / आईएमपीएस/ इंटरनेट बैंकिंग / मोबाइल बैंकिंग या अन्य इलेक्ट्रोनिक / गैर नकदी भुगतान का उपयोग कर सकते हैं । आम जनता के लेन देन संबंधी आवश्यकताओं को डिजिटल रूप के माध्यम से पूरा करने के क्रम में छोटे व्यापारियों के लिए विशेष वितरण तथा अर्द्ध बंद प्रीपेड भुगतान यंत्र (PPI) की सीमा में वृद्धि करने के रूप में नए कदम उठाए गए हैं ।
14. किसानों के लिए क्या किया गया है ?
किसानों को उनके ऋण (किसान क्रेडिट कार्ड लिमिट सहित) अथवा जमा खाते से प्रति सप्ताह रू. 25000/- तक नकद आहरण की अनुमति दी जा सकती है जो उनके खाते में वर्तमान केवाईसी दिशानिर्देशों के पूरा करने के अधीन होगी । केंद्र तथा राज्य सरकार से संबन्धित केन्द्रों अथवा आउटलेट्स से, सार्वजनिक क्षेत्र के अधीन, राष्ट्रीय अथवा राज्य बीज निगम, केंद्र अथवा राज्य कृषि विश्वविद्यालयों तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से बीज खरीदने पर पहचान पत्र दिखाने पर इस मूल्यवर्ग के विनिर्दिष्ट बैंक नोटों का उपयोग किया जा सकता है ।
रबी की फसल के मौसम के दौरान बिना किसी बाधा के खेती परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को किसानों व PACS को आवश्यक कृषि ऋण वितरण करने में सक्षम बनाने के लिए नाबार्ड अपनी स्वयं की लगभग रू. 23000 करोड़ के कैश क्रेडिट लिमिट का उपयोग कर सकता है । मुद्रा तिजोरी रखने बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे डीसीसीबी तथा आरआरबी को समुचित नकदी की आपूर्ति सुनिश्चित करें। सभी वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी सहित) की ग्रामीण शाखाओं के लिए भी समुचित नकदी आपूर्ति सुनिश्चित करें। एपीएमसी में स्थित शाखाओं को भी सुगम प्रबंध के लिए समुचित नकदी दी जाए।
15. मुझे इस योजना / अध्यादेश के बारे में और अधिक जानकारी कहाँ से मिल सकती है?
शेष पूरी जानकारी हमारी वैबसाइट www.rbi.org.in और भारत सरकार की बेबसाईट www.finmin.nic.in पर उपलब्ध है।
यह भी देखें :
16. अगर मुझे कोई समस्या है तो किससे संपर्क करें?
आप आरबीआई के कंट्रोल रूम को ईमेल से या टेलीफ़ोन नंबर 022-22602201 / 022-22602944 पर संपर्क कर सकते हैं।
(Source: rbi.org.in)

Rajanish Kant बुधवार, 25 जनवरी 2017
नोटबंदी पर अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब (17 जनवरी को अपडेट)

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

पुराने 500 और 1000 रुपए के मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी तथा विनिर्दिष्ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अध्यादेश 2016 (17 जनवरी 2017 तक अद्यतन)
(17 जनवरी, 2017 को अद्यतन)
1. पुराने 500 और 1000 रुपए के मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी की योजना क्यों प्रारम्भ की गई?
उच्च मूल्यवर्गों में जाली भारतीय मुद्रा नोटों की घटनाएँ बढ़ गई हैं । आम आदमी को यह जाली नोट असली नोटों की तरह ही दिखाई पड़ते हैं, जब कि इनमें किसी भी सुरक्षा विशेषता की नकल नहीं की गई है । जाली नोटों का उपयोग राष्ट्र–विरोधी एवं अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है । उच्च मूल्यवर्ग के नोटों का दुरुपयोग आतंकवादियों और काले धन की जमाखोरी के लिए किया गया है । भारत एक नगद-आधारित अर्थव्यवस्था है, इसलिए जाली भारतीय मुद्रा नोटों के प्रचलन का संकट जारी है । जाली नोटों तथा काले धन की बढ़ती घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए पुराने 500 और 1000 रुपए के मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी की योजना प्रारम्भ की गई ।
2. यह योजना क्या है? 
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 08 नवंबर 2016 तक जारी 500 रुपए और 1000 रुपए मूल्यवर्ग नोटों का वैध निविदा स्वरूप (जिसे बाद में विनिर्दिष्ट बैंक नोट कहा जाएगा) वापिस लिया जाता है । इसके परिणाम स्वरूप पुराने उच्च मूल्यवर्ग के नोट का व्यापारिक लेन-देन और / अथवा भावी उपयोग हेतु मूल्य-संचय के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा । 25 नवंबर, 2016 तक बैंक शाखाओं / डाकघरों तथा 30 दिसंबर, 2016 तक भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालयों में विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के विनिमय की अनुमति थी तथा 10 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर, 2016 की अवधि के दौरान वाणिज्यिक बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सहकारी बैंक (केवल शहरी सहकारी बैंक तथा राज्य सहकारी बैंकों में) की किसी भी शाखा में अथवा किसी भी प्रधान डाकघर अथवा उप डाकघर में जमा किए जा सकते थे ।
विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के विनिमय / जमा सुविधा को 31 दिसंबर, 2016 से बंद कर दिया गया है ।
3. निर्दिष्‍ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अध्यादेश 2016 क्‍या है?
निर्दिष्‍ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अध्यादेश 2016 भारत के राष्‍ट्रपति (भारत सरकार अध्‍यादेश सं. 2016 का 10, दिनांकित 30 दिसंबर 2016) द्वारा लागू किया गया है ताकि निर्दिष्‍ट बैंक नोट की देयताओं और संबद्ध/प्रासंगिक मामलों को समाप्‍त किया जा सके और 31 दिसंबर 2016 से लागू हो गया है। इस अध्‍यादेश के अनुसार, 31 दिसंबर 2016 से निर्दिष्‍ट बैंक नोट के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक की देयताएं समाप्‍त हो जाएगी और इस संबंध में, केंद्र सरकार की गारंटी भी समाप्‍त हो जाएगी।
इस संबंध में रियायत अवधि प्रदान की गई है जिसके दौरान भारतीय नागरिक जो इस बात की घोषणा करते हैं कि वे 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 तक भारत के बाहर थे, वे विनिर्दिष्‍ट बैंक नोट रिज़र्व बैंक के पाँच कार्यालयों (मुबंई, नई दिल्‍ली, चेन्‍नै, कोलकाता और नागपुर) में जमा कर सकते हैं, बशर्ते केंद्र सरकार की अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्‍ट किसी भी श्रेणी के व्‍यक्ति हेतु कारणों अथवा शर्तों को पूरा करते हों।
रिज़र्व बैंक, आवश्‍यक सत्‍यापन करने के बाद यदि इस बात से संतुष्‍ट है कि 30 दिसंबर 2016 तक नोट न जमा कर पाने के कारण सही है, तो वह जमाकर्ता के केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अनुपालित खाते में नोटों की मूल्‍य-राशि जमा कर देगा।
निवासी भारतीय नागरिक, जो 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के दौरान विदेश में थे और अनिवासी भारतीय नागरिक, जो 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के दौरान विदेश में थे, उनके के लिए जमा करने के उद्देश्‍य से रखे गए विनिर्दिष्‍ट बैंक नोट (एसबीएन) रियायत अवधि के दौरान धारित करने की अनुमति है। 2 जनवरी 2017 से प्रभावी, भारतीय निवासी नागरिक जो 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 तक विदेश में थे, वे 31 मार्च 2017 तक इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं और अनिवासी भारतीय नागरिक जो 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 तक विदेश में थे, इस सुविधा का उपयोग 30 जून 2016 तक कर सकते हैं। जहां पात्र निवासी भारतीय हेतु नोट बदलने की कोई सीमा नहीं है, वहीं, एनआरआई के लिए सीमा प्रासंगिक फेमा विनियमन के अनुसार रहेगी। अध्‍यादेश की धारा 6 के अनुसार, जो कोई भी व्‍यक्ति जानबूझकर अथवा अनजाने में गलत घोषणा करता है तो उसे दंडित किया जाएगा, दंड की राशि  50,000/- तक अथवा जमा की गई निर्दिष्‍ट बैंक नोट के अंकित मूल्‍य राशि का पाँच गुना जो भी अधिक हो, हो सकती है। उपर्युक्‍त उल्‍लेखानुसार नोट की मूल्‍य–राशि जमा करने में रिज़र्व बैंक द्वारा मना करने से प्रभावित कोई भी व्‍यक्ति उसे इस प्रकार का मनाही प्राप्‍त होने के 14 दिनों के भीतर रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड को अभ्‍यावेदन दे सकता है।
31 दिसंबर 2016 से प्रभावी, अध्‍यादेश की धारा 5 के अनुसार कोई भी व्‍यक्ति किसी निर्दिष्‍ट बैंक नोट को जानबूझकर अथवा स्‍वेच्‍छा से रख, भेज अथवा प्राप्‍त नहीं कर सकेगा। रियायत अवधि समाप्‍त होने के बाद किसी भी मूल्‍य-वर्ग के अधिकतम कुल 10 नोट अथवा अध्‍ययन/अनुसंधान/मुद्राशास्‍त्र के उद्देश्‍य से अधिकतम 25 नोट रखने की अनुमति होगी। धारा 7 के अनुसार, धारा 5 का उल्‍लंघन दंडनीय है जिसमें 10,000/- तक की राशि अथवा उल्लंघन में शामिल निर्दिष्‍ट बैंक नोट के अंकित मूल्‍य राशि का पाँच गुना जो भी अधिक हो, का दंड लगाया जा सकता है।
धारा 6 और 7 के अनुसार उल्‍लंघन/चूक यदि किसी कंपनी द्वारा किया गया है तो प्रत्‍येक वह व्‍यक्ति जो उल्लंघन/चूक के समय कंपनी का प्रभारी और उत्तरदायी था, दोषी माना जाएगा और उसी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी और दंडित किया जाएगा। यदि अपराध कंपनी के किसी निदेशक/प्रबंधक/सचिव/अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया जाना साबित होता है तो उस व्‍यक्ति को भी इस अपराध के लिए दोषी माना जाएगा और उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी और तदनुसार दंडित किया जाएगा।
4. वे एनआरआई तथा भारतीय नागरिक जो विदेश में थे, विनिर्दिष्ट बैंक नोटों को कैसे बदलवा सकते हैं?
विनिर्दिष्ट बैंक नोटों (देयताओं की समाप्ति) विषय पर भारत सरकार के 2016 के अध्यादेश संख्या 10, दिनांक 31 दिसंबर, 2016 के पैराग्राफ 4.1 के अनुसार, ऐसे निवासी तथा अनिवासी नागरिकों के लिए, जो 10 नवंबर से 30 दिसंबर, 2016 तक उक्त अवधि के दौरान भारत में उपस्थित नहीं होने के कारण इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सके, 10 नवंबर से 30 दिसंबर, 2016 तक विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के विनिमय की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है । यह सुविधा भारतीय रिजर्व बैंक के पाँच कार्यालयों मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता तथा नागपुर में निवासियों के लिए 02 जनवरी, 2017 से 31 मार्च, 2017 तक तथा एनआरआई के लिए 02 जनवरी, 2017 से 30 जून, 2017 तक खुली रहेगी ।
इस सुविधा का लाभ केवल व्यक्तिगत क्षमता में तथा अवधि के दौरान एक बार ही उठाया जा सकता है । इस सुविधा के तहत तृतीय पक्ष जमाकर्ता को अनुमति नहीं है ।
यह सुविधा नेपाल, भूटान, पाकिस्तान तथा बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं होगी।
इस योजना के नियमों / शर्तों तथा इसके प्रकार का विवरण दिनांक 31 दिसंबर, 2016 के हमारे परिपत्र डीसीएम (आयो) सं. 2170/10.27.00/2016-17 में उपलब्ध हैं ।
निवासी भारतीयों तथा एनआरआई के लिए निविदा फार्म का लिंक यहाँ उपलब्ध है ।
5. क्या एनआरआई के द्वारा विनिर्दिष्ट बैंक नोटों की विनिमय सुविधा भारत से बाहर भी उपलब्ध है?
नहीं, तथा एनआरआई के लिए यह सुविधा 02 जनवरी, 2017 से 30 जून, 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक के पाँच कार्यालयों मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता तथा नागपुर में उपलब्ध है । एनआरआई के लिए विनिमय की सीमा संबन्धित फेमा (FEMA) विनियमावली के अनुसार होगी ।
6. क्या यह सुविधा भारत के विदेशी नागरिकों (ओसीआई)/ भारतीय मूल के व्यक्तियों के लिए भी उपलब्ध है ?
नहीं, यह सुविधा ओसीआई/पीआईओ के लिए उपलब्ध नहीं है ।
7. क्या यह सुविधा निवासी भारतीयों के लिए उपलब्ध है ?
नहीं, यह सुविधा सभी निवासी भारतीयों के लिए उपलब्ध नहीं है, लेकिन केवल उनके लिए है जो 09 नवंबर, 2016 से 30 दिसंबर, 2016 के दौरान भारत में नहीं थे ।
8. मैं एटीएम से कितनी राशि निकाल सकता हूँ?
16 जनवरी, 2017 से एटीएम से आहरण की वर्तमान दैनिक सीमा को बढ़ाकर रू. 10000/- प्रतिदिन प्रति कार्ड की गई है (समग्र विनिर्दिष्ट साप्ताहिक सीमाओं के अंदर)।
9. जन धन योजना खाताधारकों के लिए आहरण सीमाएं क्या हैं?
JDY खाता धारक, मानदंडों और प्रक्रियाओं के अनुसार, कैप और अन्य निर्धारित सीमा के अंदर SBN को खाते में जमा करने की सुविधा का लाभ ले सकते हैं|
काले धन को वैध बनाने वालों एवं बेनामी संपत्ति लेनदेन और धन शोधन नियमों के तहत कानूनी खामियाजों से निर्दोष किसानों और PMJDY के ग्रामीण खाताधारकों को सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि 09 नवंबर 2016 के बाद प्रधान मंत्री जन धन योजना खातों में विनिर्दिष्ट बैंक नोटों (एसबीएन) में जमा की गई धनराशि के संबंध में निश्चित सीमा निर्धारित की जाए। अस्थायी उपाय के तौर पर, बैंकों को सूचित किया गया है कि :
1. पूर्ण रूप से केवाईसी मानदण्ड पूरा करने वाले खाताधारकों को उनके खाते से एक माह में रू. 10000/- आहरण की अनुमति होगी । शाखा प्रबन्धक केवल इस प्रकार के आहरण की सत्यता को सुनिश्चित करने तथा इनका बैंक रिकॉर्ड में विधिवत दस्तावेजीकरण करने के पश्चात वर्तमान लागू सीमाओं के अंतर्गत रू. 10000/- से अधिक आहरण की अनुमति दे सकता है ।
2. सीमित तथा गैर केवाईसी मानदण्ड वाले खाताधारकों को 09 नवंबर 2016 के पश्चात विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के माध्यम से जमा की गई राशि में से समग्र उच्च सीमा रू. 10000/- में से रू. 5000/- आहरण की अनुमति होगी ।
10. क्या रू. 24000/- की आहरण सीमा एक बैंक से दूसरे बैंक के बैंक खाते में आहरण पर भी लागू होगी?
यह सीमा एक बैंक से दूसरे बैंक, डाकघर, अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर मनी चेंजर्स को परिचालित करने वाले तथा व्हाईट लेबल एटीएम को परिचालित करने वालों के बैंक खाते में नकदी आहरण पर लागू नहीं होंगी । मुद्रा तिजोरी वाली शाखाओं को सूचित किया जाता है कि वे अपनी नजदीकी अन्य शाखाओं – सम्बद्ध या अन्यथा – द्वारा नकदी की आपूर्ति के अनुरोध को समायोजित / सहायता करें।
11. डीसीसीबी के मामले में आहरण सीमाएं क्या हैं?
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) उनके मौजूदा ग्राहकों को उनके खाते से प्रति सप्ताह रू. 24000/- आहरण की अनुमति दे सकते हैं । भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को तदनुसार डीसीसीबी द्वारा उनके खातों से आवश्यकता के आधार पर आहरण की अनुमति देने हेतु सूचित किया है ।
12. क्या मैं चेक से रुपये निकाल सकता हूँ?
जी हाँ, आप आहरण पर्ची या चेक से बैंक खाते से एक सप्ताह में रू. 24000/- की एक साप्ताहिक समग्र सीमा के अधीन रहते हुए (एटीएम तथा काउंटर से आहरण सहित) नकद आहरण कर सकते हैं ।
16 जनवरी 2017 से चालू खाते से आहरण की वर्तमान सीमा को रू.50000/- से बढ़ाकर रू. 100000/- प्रति सप्ताह की गई है तथा इसे ओवरड्राफ्ट तथा कैश क्रेडिट खातों के लिए भी बढ़ाया गया है । अन्य खातों के लिए साप्ताहिक आहरण सीमाओं में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है ।
किसानों को उनके ऋण (किसान क्रेडिट कार्ड लिमिट सहित) अथवा जमा खाते से प्रति सप्ताह रू. 25000/- तक नकद आहरण की अनुमति दी जा सकती है जो उनके खाते में वर्तमान केवाईसी दिशानिर्देशों के पूरा करने के अधीन होगी ।
13. क्या मैं ईलेक्ट्रोनिक (एनईएफ़टी /आरटीजीएस / आईएमपीएस/ इंटरनेट बैंकिंग / मोबाइल बैंकिंग, इ.) का उपयोग कर सकता हूँ?
जी हाँ, आप एनईएफ़टी /आरटीजीएस / आईएमपीएस/ इंटरनेट बैंकिंग / मोबाइल बैंकिंग या अन्य इलेक्ट्रोनिक / गैर नकदी भुगतान का उपयोग कर सकते हैं । आम जनता के लेन देन संबंधी आवश्यकताओं को डिजिटल रूप के माध्यम से पूरा करने के क्रम में छोटे व्यापारियों के लिए विशेष वितरण तथा अर्द्ध बंद प्रीपेड भुगतान यंत्र (PPI) की सीमा में वृद्धि करने के रूप में नए कदम उठाए गए हैं ।
14. किसानों के लिए क्या किया गया है?
किसानों को उनके ऋण (किसान क्रेडिट कार्ड लिमिट सहित) अथवा जमा खाते से प्रति सप्ताह रू. 25000/- तक नकद आहरण की अनुमति दी जा सकती है जो उनके खाते में वर्तमान केवाईसी दिशानिर्देशों के पूरा करने के अधीन होगी । केंद्र तथा राज्य सरकार से संबन्धित केन्द्रों अथवा आउटलेट्स से, सार्वजनिक क्षेत्र के अधीन, राष्ट्रीय अथवा राज्य बीज निगम, केंद्र अथवा राज्य कृषि विश्वविद्यालयों तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से बीज खरीदने पर पहचान पत्र दिखाने पर इस मूल्यवर्ग के विनिर्दिष्ट बैंक नोटों का उपयोग किया जा सकता है ।
रबी की फसल के मौसम के दौरान बिना किसी बाधा के खेती परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को किसानों व PACS को आवश्यक कृषि ऋण वितरण करने में सक्षम बनाने के लिए नाबार्ड अपनी स्वयं की लगभग रू. 23000 करोड़ के कैश क्रेडिट लिमिट का उपयोग कर सकता है । मुद्रा तिजोरी रखने बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे डीसीसीबी तथा आरआरबी को समुचित नकदी की आपूर्ति सुनिश्चित करें। सभी वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी सहित) की ग्रामीण शाखाओं के लिए भी समुचित नकदी आपूर्ति सुनिश्चित करें। एपीएमसी में स्थित शाखाओं को भी सुगम प्रबंध के लिए समुचित नकदी दी जाए।
15. मुझे इस योजना / अध्यादेश के बारे में और अधिक जानकारी कहाँ से मिल सकती है?
शेष पूरी जानकारी हमारी वैबसाइट www.rbi.org.in और भारत सरकार की बेबसाईट www.finmin.nic.in पर उपलब्ध है।
यह भी देखें :
16. अगर मुझे कोई समस्या है तो किससे संपर्क करें?
आप आरबीआई के कंट्रोल रूम को ईमेल से या टेलीफ़ोन नंबर 022-22602201 / 022-22602944 पर संपर्क कर सकते हैं।
(Source:rbi.org.in

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Rajanish Kant गुरुवार, 19 जनवरी 2017
जानिए, नोटबंदी के संबंध में RBI की अबतक की सारी अधिसूचनाएं
वह सब जो आप  500 और  1000 के नोटों के वैध मुद्रा दर्जे को वापस लेने के बारे में भारतीय रिज़र्व बैंक से जानना चाहते थे
अधिसूचनाएं
जनवरी 03, 2017 विदेशी नागरिकों के लिए विनिमय सुविधा
जनवरी 03, 2017 ग्रामीण क्षेत्रों के लिए नकदी का आवंटन
दिसंबर 31, 2016 छूट अवधि के दौरान विनिर्दिष्ट बैंक नोटों (SBN) के विनिमय की सुविधा – खातों के विवरण तथा केवाईसी का सत्यापन
दिसंबर 30, 2016 एटीएम से नकदी आहरण – दैनिक सीमाओं में वृद्धि
दिसंबर 30, 2016 बैंकों में विनिर्दिष्ट बैंक नोटों (एसबीएन) के विनिमय की योजना का 30 दिसंबर, 2016 को समापन : लेखा पद्वति
दिसंबर 21, 2016 मौजूदा 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों (विनिर्दिष्ट बैंक नोट) की वैध मुद्रा विशेषता को वापस लेना – विनिर्दिष्ट बैंक नोटों (एसबीएन) को बैंक खातों में जमा करना – संशोधन
दिसंबर 19, 2016 वर्तमान 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों (विनिर्दिष्ट बैंक नोट) की वैध मुद्रा विशेषता को वापस लेना – विनिर्दिष्ट बैंक नोटों (एसबीएन) को बैंक खातों में जमा करना
दिसंबर 13, 2016 सीसीटीवी रिकॉर्डिंग का संरक्षण
दिसंबर 12, 2016 महात्मा गांधी (नई) श्रंखला के बैंक नोटों का वितरण – रिकॉर्ड
दिसंबर 12, 2016 विनिर्दिष्ट बैंक नोटों (SBN) में जाली नोटों की पहचान – रिपोर्टिंग
दिसंबर 02, 2016 बैंक नोटों का आवंटन
नवंबर 30, 2016 प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खाते – सावधानियाँ
नवंबर 30, 2016 विनिर्दिष्ट बैंक नोटों (SBN) को जमा करना – मुद्रा तिजोरी शेष राशि सीमा / नकदी धारण सीमा
नवंबर 22, 2016 इलेक्ट्रॉनिक भुगतानों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष उपाय - (i) भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) को जारी करने की सीमा में वृद्धि (ii) व्यापारियों के लिए विशेष उपाय
नवंबर 21, 2016 वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी : संशोधन
नवंबर 21, 2016 वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी – विवाह उत्सव के प्रयोजन के लिए नकद निकासी
नवंबर 21, 2016 विनिर्दिष्ट बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी : नकदी आहरण सीमा
नवंबर 18, 2016 प्वाइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) पर नकदी आहरण – आहरण सीमाएँ और ग्राहक शुल्क / प्रभार - - छूट प्रदान करना
नवंबर 17, 2016 वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी : काउंटर से विनिमय
नवंबर 16, 2016 वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी : दैनिक रिपोर्ट
नवंबर 16, 2016 बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी : आयकर नियमावली, 1962 के 114B के प्रावधानों का अनुपालन
नवंबर 14, 2016 एटीएम का उपयोग - ग्राहक प्रभारों को समाप्त करना
नवंबर 14, 2016 वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी : डीसीसीबी के लिए योजना की पात्रता
नवंबर 13, 2016 वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी : सीमाओं में संशोधन
नवंबर 13, 2016 वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी : रिपोर्टिंग तथा मॉनिटरिंग – एटीएम / काउंटर पर से बैंक नोट जारी करने की सूचना
नवंबर 11, 2016 विदेशी सैलानियों को प्री-पेड लिखत (instruments) जारी करना
नवंबर 11, 2016 वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी : रिपोर्टिंग तथा मॉनिटरिंग
नवंबर 11, 2016 वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी : नकदी आहरण की सीमा
नवंबर 10, 2016 वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी : नकदी आहरण की सीमा
नवंबर 10, 2016 दिनांक 12 नवंबर 2016 दिन शनिवार और दिनांक 13 नवंबर 2016 दिन रविवार को भुगतान प्रणालियां (आरटीजीएस, एनईएफटी, चेक क्लियरिंग, रेपो, सीबीएलओ और कॉल मार्केट्स) खुली रहेंगी
नवंबर 09, 2016 वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी
नवंबर 09, 2016 शनिवार, 12 नवंबर और रविवार 13 नवंबर, 2016 को जनता के लिए बैंकों का खुला रहना
नवंबर 09, 2016  500 और  1000 मूल्यवर्ग की वर्तमान और पुरानी शृंखला के बैंक नोटों की वैध मुद्रा स्थिति को वापस लिया जाना
नवंबर 08, 2016 वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी
नवंबर 08, 2016 एटीएम - पुराने उच्च मूल्यवर्ग के नोटों का वितरण न करना – परिचालन बंद करना
प्रेस प्रकाशनी
जनवरी 05, 2017 विनिर्दिष्ट बैंक नोटों (एसबीएन) के संबंध में स्पष्टीकरण
दिसंबर 31, 2016 भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऐसे नागरिकों और अनिवासी भारतीयों के लिए एसबीएन के विनिमय की सुविधा शुरू की जो विदेशों में थे
दिसंबर 19, 2016 इन्सेट लेटर ‘R’ सहित  500 के बैंकनोट जारी करना
दिसंबर 16, 2016 महात्मा गांधी (नई) शृंखला के  500 के बैंकनोट जारी करेगा जिसके नंबर पैनल में ‘स्टार’ मार्क के साथ इंसेट लेटर ‘ई’ होगा
दिसंबर 13, 2016 नोटों के मामले पर श्री आर. गांधी तथा श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नरों द्वारा एजेंसियों को बयान : संपादित प्रतिलेख
दिसंबर 08, 2016 महात्मा गांधी (नई शृंखला) में बिना इनसेट लेटर  500 के बैंक नोट जारी करना
दिसंबर 01, 2016 विनिर्दिष्ट बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता वापस लेना: भारतीय रिज़र्व बैंक ने असुरक्षित/अनधिकारिक चैनलों पर प्राप्त सूचना के विरूद्ध सावधान किया
नवंबर 25, 2016  500 और  1000 के वैध मुद्रा दर्जे को वापस लेना: भारतीय रिजर्व बैंक में विनिमय सुविधा जारी रहेगी
नवंबर 22, 2016  500 और  1000 मूल्यवर्ग के वर्तमान बैंक नोटों के वैध मुद्रा दर्जे को वापस लेना विनिमय सुविधा- दुरुपयोग की रिपोर्ट- जनता को सचेत किया
नवंबर 22, 2016 इलेक्ट्रॉनिक भुगतानों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष उपाय
नवंबर 18, 2016 प्वाइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) पर नकद निकासी - निकासी सीमा और ग्राहक शुल्क / प्रभारों में- छूट
नवंबर 17, 2016 नोटों की पर्याप्त आपूर्ति; घबराए नहीं अथवा मुद्रा की जमाखोरी न करें : भारतीय रिज़र्व बैंक ने पुनः कहा
नवंबर 15, 2016 विशेषीकृत बैंक नोटों के वैध मुद्रा दर्जे को वापस लेना: भारतीय रिज़र्व बैंक ने सहकारी बैंकों को इसके अनुदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा
नवंबर 14, 2016 एटीएम का उपयोग – ग्राहक प्रभारों में छूट
नवंबर 14, 2016 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) अपने मौजूदा ग्राहकों को अपने खातों से  24,000 निकालने की अनुमति दे सकते हैं: आरबीआई
नवंबर 14, 2016 महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला बैंकनोट के वितरण – एटीएमों के पुनःमापांकन (रिकैलीब्रेशन) और पुनःसक्रियकरण के लिए कार्यदल का गठन
नवंबर 13, 2016 महात्मा गांधी श्रृंखला (नयी) के अंतर्गत इन्सेट लेटर ‘L’ सहित  500 मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी करना
नवंबर 13, 2016 बैंक नोट की जमाख़ोरी ना करें; छोटे मूल्यांक की नोट भी पर्याप्त हैं; नक़द जब चाहें बैंक में से निकाल सकते हैं: रिज़र्व बैंक ने जनता से की अपील
नवंबर 12, 2016  500 और  1000 वैध मुद्रा नोटों को वापस लेना: भारतीय रिज़र्व बैंक का वक्तव्य
नवंबर 12, 2016 रिपोर्टों के माध्यम से प्राधिकारी सूचना की निकट से निगरानी कर रहे हैं: भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा
नवंबर 11, 2016 भारतीय रिजर्व बैंक पर्याप्त नकदी उपलब्धता का आश्वासन देता है; जनता से धैर्य रखनें और सुविधानुसार नोटों को बदलवाने का आग्रह
नवंबर 10, 2016 12 नवंबर, शनिवार और 13 नवंबर 2016, रविवार को भुगतान प्रणाली (आरटीजीएस, एनईएफटी, चेक क्लियरिंग, रेपो, सीबीएलओ और कॉल बाजार) खुली रहेंगी
नवंबर 09, 2016 12 नवंबर 2016, शनिवार और 13 नवंबर 2016, रविवार को बैंक जनता के लिए खुले रहेंगे
नवंबर 08, 2016 महात्मा गांधी श्रृंखला (नयी) के अंतर्गत इन्सेट लेटर ‘E’ सहित  500 मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी करना
नवंबर 08, 2016 इंसेट लेटर’ `R’ सहित,  2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी किया जाना
नवंबर 08, 2016  2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी किया जाना
नवंबर 08, 2016 बैंक 09 नवंबर 2016 को जनता के लिए बंद रहेंगे
नवंबर 08, 2016  500 और  1000 नोटों की वैध मुद्रा स्थिति वापस ली गई : आरबीआई सूचना
आँकड़े
दिसंबर 21, 2016 10 नवंबर से 19 दिसंबर 2016 के दौरान बैंकनोटों का वितरण
दिसंबर 13, 2016 नोटों के मामले पर श्री आर. गांधी तथा श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नरों द्वारा एजेंसियों को बयान : संपादित प्रतिलेख
दिसंबर 08, 2016 10 नवंबर से 7 दिसंबर 2016 के दौरान बैंकों में गतिविधि
दिसंबर 02, 2016 इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणालियां-नमूने के तौर पर आंकड़े
नवंबर 28, 2016  500 और  1000 के बैंक नोटों का वैध मुद्रा दर्जा वापस लेना: 10-27 नवंबर, 2016 के दौरान बैंकों में गतिविधि
नवंबर 21, 2016  500 और  1000 के बैंक नोटों के वैध मुद्रा दर्जे को वापस लेनाः 10 नवंबर से 18 नवंबर 2016 के दौरान बैंकों में गतिविधि
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
जनवरी-4,2017 पुराने 500 और 1000 रुपए के मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी तथा विनिर्दिष्ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अध्यादेश 2016
Security Features of Mahatma Gandhi (New) Series
 2000
 500
₹ 2000 and ₹ 500
(Source: rbi.org.in)

Rajanish Kant शुक्रवार, 6 जनवरी 2017
नोटबंदी से जुड़े सवाल-जवाब (04 जनवरी को अपडेट)

FREQUENTLY ASKED QUESTIONS

Withdrawal of Legal Tender Character of the old Bank Notes in the denominations of ₹ 500/- and ₹ 1000/- and The Specified Bank Notes (Cessation of Liabilities) Ordinance 2016
(Updated as on January 04, 2017)
1. Why was the Scheme of Withdrawal of Legal Tender Character of the old Bank Notes in the denominations of ₹ 500/- and ₹ 1000/- introduced?
The incidence of fake Indian currency notes in higher denomination has increased. For ordinary persons, the fake notes look similar to genuine notes, even though no security feature has been copied. The fake notes are used for antinational and illegal activities. High denomination notes have been misused by terrorists and for hoarding black money. India remains a cash based economy hence the circulation of Fake Indian Currency Notes continues to be a menace. In order to contain the rising incidence of fake notes and black money, the scheme to withdraw legal tender character of the old Bank Notes in the denominations of ₹ 500/- and ₹ 1000/-was introduced.
2. What is this scheme?
The legal tender character of the bank notes in denominations of ₹ 500 and ₹ 1000 issued by the Reserve bank of India till November 8, 2016 (hereinafter referred to as Specified Bank Notes) stands withdrawn. In consequence thereof these Bank Notes cannot be used for transacting business and/or store of value for future usage. The Specified Bank Notes (SBNs) were allowed to be exchanged for value at RBI Offices till December 30, 2016 and till November 25, 2016 at bank branches/Post Offices and deposited at any of the bank branches of commercial banks/ Regional Rural Banks/ Co-operative banks (only Urban Co-operative Banks and State Co-operative Banks) or at any Head Post Office or Sub-Post Office during the period from November 10, 2016 to December 30, 2016.
The facility for exchange / deposit of SBNs stands closed with effect from December 31, 2016.
3. What is the Specified Bank Notes (Cessation of Liabilities) Ordinance 2016?
The Specified Bank Notes (Cessation of Liabilities) Ordinance 2016 has been promulgated by the President of India (GoI Ordinance No. 10 of 2016 dated December 30, 2016) to provide for cessation of liabilities on the Specified Banknotes and for connected/incidental matters and comes into effect from December 31, 2016. In terms of this ordinance, with effect from December 31, 2016, the specified banknotes shall cease to be the liabilities of Reserve Bank of India and shall cease to have the guarantee of the Central Government.
A grace period has been provided during which the specified banknotes can be deposited at five RBI Offices (Mumbai, New Delhi, Chennai, Kolkata, and Nagpur) in accordance with this Ordinance by Indian citizens who make a declaration that they were outside India between November 9 and December 30, 2016, subject to conditions or any class of persons for reasons that may be specified by notification by the Central Government.
Reserve Bank, if satisfied after making the necessary verifications, that the reasons for failure to deposit the notes till December 30, 2016 are genuine –will credit the value of notes in the KYC (Know Your Customer ) compliant bank account of the tenderer.
Holding the specified banknotes (SBNs) for the purpose of deposit by Resident Indian citizens who were abroad during November 9, 2016 to December 30, 2016 and Non Resident Indian citizens who were abroad during November 9, 2016 to December 30, 2016 is permissible during grace period. With effect from January 2, 2017 Resident Indian citizens who were abroad during November 9, 2016 to December 30, 2016 can avail this facility upto March 31, 2017 and Non Resident Indian citizens who were abroad during November 9, 2016 to December 30, 2016 can avail this facility upto June 30, 2017. While there is no monetary limit for exchange for the eligible Resident Indians, the limit for NRIs will be as per the relevant FEMA Regulations. In terms of Section 6 of the Ordinance, whoever knowingly or wilfully makes any false declaration shall be punishable with a fine which may extend to 50,000 INR or five times the amount of the face value of the SBNs tendered whichever is higher. Any person aggrieved by the refusal of Reserve Bank to credit the value of notes as mentioned above may make a representation to the Central Board of the Reserve Bank within 14 days of the communication of such refusal to him/her.
In terms of Section 5 of the Ordinance, from December 31, 2016 no person shall knowingly or voluntarily hold , transfer or receive any specified banknotes. After the expiry of grace period, holding of not more than 10 notes in total, irrespective of denomination or not more than 25 notes for the purpose of study/ research/ numismatics is permitted. In terms of Section 7, contravention of Section 5 shall be punishable with fine which may extend upto 10,000 INR or five times the face value of the SBNs involved in the contravention, whichever is higher.
In case the contravention/default in terms of Sections 6 and 7 is by a company, every person who was in charge of and responsible to the company at the time of contravention/ default shall deemed to be guilty and will be liable to be proceeded against and punished. If the offence is proved to be attributable to the conduct by any director/manager/ secretary/ officer/ employee of the company, such person shall also be deemed to be guilty of the offence and will be liable to be proceeded against and punished accordingly.
4. How can NRIs and the Indian citizens who were abroad exchange the SBNs?
In terms of Paragraph 4.1 of the GoI Ordinance No. 10 of 2016 dated December 31, 2016 on “The Specified Bank Notes (Cessation of Liabilities), a facility for exchange of SBNs is made available for the resident and non-resident citizens who could not avail the facility from November 10 to December 30, 2016 on account of their absence from India during the aforementioned period. The facility will remain open for residents from January 2, 2017 to March 31, 2017 and for NRIs from January 2, 2017 to June 30, 2017 at five Reserve Bank offices at Mumbai, New Delhi, Chennai, Kolkata, and Nagpur.
The facility can be availed only in individual capacity and only on one occasion during the period. No third party tender is permissible under the facility.
This facility will not be available for Indian citizens resident in Nepal, Bhutan, Pakistan and Bangladesh.
The details of the facility including terms/ conditions and modalities thereof are available in our circular DCM (Plg) No 2170/10.27.00/2016-17 dated December 31, 2016.
5. Is the facility for exchange of SBNs by NRIs available outside India?
No. For NRIs the facility is available from January 2, 2017 to June 30, 2017 at five Reserve Bank offices at Mumbai, New Delhi, Chennai, Kolkata, and Nagpur. The limit of exchange for NRIs will be as per the relevant FEMA Regulations.
6. How much amount can I withdraw from an ATM?
The daily limit of withdrawal from ATMs has been increased (within the overall weekly limits specified) with effect from January 01, 2017, from the existing ₹ 2500/- to ₹ 4500/- per day per card. There is no change in weekly withdrawal limits.
7. What are the withdrawal limits for JDY account holders?
A JDY account holder can avail the deposit facility till December 30, 2016 subject to the caps and other laid down limits in accord with norms and procedures.
With a view to protect the innocent farmers and rural account holders of PMJDY from activities of money launderers and legal consequences under the Benami Property Transaction & Money Laundering laws, it has been decided to place certain limits, as a matter of precaution, on the operations in the PMJDY accounts funded through deposits of Specified Bank Notes (SBNs) after November 09, 2016. As a temporary measure, the banks have been advised that:
(1) Fully KYC compliant account holders may be allowed to withdraw ₹ 10,000/- from their account, in a month. The branch managers may allow further withdrawals beyond ₹ 10,000 within the current applicable limits only after ascertaining the genuineness of such withdrawals and duly documenting the same on bank’s record.
(2) Limited or Non-KYC compliant account holders may be allowed to withdraw ₹ 5,000 per month from the amount deposited through SBNs after November 09, 2016 within the overall ceiling of ₹ 10,000.
8. Does the limit of ₹ 24000 withdrawal apply to withdrawals from bank account of one bank from another bank?
These limits are not applicable to cash withdrawal from a bank account by one bank from another bank, Post Office, Money changers operating at International airports and operators of White Label ATMs. The branches maintaining Currency Chests have been advised to accommodate the requests from other branches in their vicinity – linked or otherwise – for supply of cash.
9. What are the withdrawal limits in case of DCCBs?
District Central Cooperative Banks (DCCBs) can allow their existing customers to withdraw money from their accounts upto ₹ 24,000 per week. The Reserve Bank has accordingly advised all banks to permit withdrawal of cash by DCCBs from their accounts based on need.
10. Can I withdraw cash against cheque?
Yes, you can withdraw cash against withdrawal slip or cheque subject to a weekly limit of ₹ 24000/- (including withdrawals from ATMs and over the counter) from the bank accounts.
Business entities having Current Accounts which are operational for last three months or more will be allowed to draw ₹ 50,000/-per week. This can be done in a single transaction or multiple transactions. This facility has been extended to Overdraft and Cash Credit accounts and traders registered with the Agricultural Produce Market Committee (APMC) markets or mandis. Accordingly, holders of current / overdraft / cash credit accounts, which are operational for the last three months or more, may withdraw upto ₹ 50000 in cash, in a week. Such withdrawals may be disbursed predominantly in ₹ 2000 denomination bank notes. This enhanced limit for weekly withdrawal is not applicable for personal overdraft accounts. Farmers are allowed to draw upto ₹ 25000/- per week in cash from their loan (including Kisan Credit Card limit) or deposit accounts subject to their accounts being compliant with the extant KYC norms.
11. Can I make use of electronic (NEFT/RTGS /IMPS/ Internet Banking / Mobile banking etc.) mode?
You can use NEFT/RTGS/IMPS/Internet Banking/Mobile Banking or any other electronic/ non-cash mode of payment. In order to meet the transactional needs of the public through digital means, additional measures have been introduced by way of special dispensation for small merchants and enhancement in limits for semi-closed Prepaid Payment Instruments (PPIs).
12. What is being done for the farmers?
Farmers are allowed to draw upto ₹ 25000/- per week in cash from their loan (including Kisan Credit Card limit) or deposit accounts subject to their accounts being compliant with the extant KYC norms.
Towards ensuring unhindered farming operations during the Rabi crop season, NABARD would be utilizing its own cash credit limits up to about ₹ 23,000 crore to enable the DCCBs to disburse the required crop loans to PACS and farmers. Banks with currency chests have been advised to ensure adequate cash supply to the DCCBs and RRBs. Adequate cash supply should also be ensured for rural branches of all commercial (including RRBs). Bank branches located in APMCs may also be given adequate cash to facilitate smooth procurement.
13. Where can I get more information on this scheme/ ordinance?
Further information is available on our website (www.rbi.org.in) and the website of the Government of India (www.finmin.nic.in)
Also see:
14. If I have a problem, whom should I approach?
You may approach the control room of RBI by email or on Telephone Nos 022 22602201/022 22602944
(Source: rbi.org.in)

Rajanish Kant बुधवार, 4 जनवरी 2017