नये साल में पीएफ खाताधारकों को मिल सकता शेयरों में निवेश घटाने-बढ़ाने का विकल्प
कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने वाला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) नये साल में अपने अंशधारकों को अपने कोष से शेयर बाजार में किए जाने वाले निवेशको बढ़ाने या घटाने का विकल्प दे सकता है। ईपीएफओ इसके अलावा कई अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ और कोष के प्रबंधन के डिजिटल साधन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करा सकता है।वर्तमान में ईपीएफओ खाताधारकों के जमा का 15 प्रतिशत तक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश करता है। इस मद में अब तक करीब 55,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। हालांकि, ईटीएफ में किया गया निवेश अंशधारकों के खाते में नहीं दिखाई देता है और न ही उनके पास अपनी भविष्य की इस बचत से शेयर में निवेश की सीमा बढ़ाने का विकल्प है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अब एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है जो कि सेवानिवृत्ति बचत में नकदी और ईटीएफ के हिस्से को अलग-अलग दिखाएगा। वर्तमान में खाते में सिर्फ बचत दिखाई देती है जिसमें नकदी और ईटीएफ समेत अन्य घटक शामिल होते हैं।एक बार जब आपके ईपीएफ खाते में नकद और ईटीएफ का हिस्सा अलग-अलग दिखने लगेगा तो ईपीएफओ का अगला कदम अंशधारकों को शेयर में निवेश बढ़ाने या घटाने का विकल्प देना होगा। इस साल की शुरुआत में ईपीएफओ की शीर्ष निर्णय इकाई केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने अंशधारकों को शेयर निवेश सीमा को अधिक या कम करने की सुविधा उपलब्ध कराने की संभावनाएं तलाशने का सुझाव दिया था।
(सौ. पीटीआई भाषा)
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
PF से मैच्योरिटी से पहले किस-किस काम के लिए कैसे पैसे निकालें
खुद से 5 मिनट में 5 तरीकों से PF बैलेंस कैसे चेक करें
नौकरीपेशा लोगों को बड़ी सौगात, नए नियम के फायदे जानें; PF par update
आपकी सैलरी में से PF कटता है तो आपके लिए जरूरी खबर
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO: Employee Provident Fund Organisation) ने आज हुई अपनी बैठक में कई अहम फैसले लिये। आइये देखते उन फैसलों से आपको कितना नफा या नुकसान होगा...
EPFO के फैसले:
1) EPFO के सदस्य (जिनका पीएफ कटता है) एक महीने तक बेरोजगार रहने के बाद अपने कुल फंड का 75 प्रतिशत हिस्सा निकाल सकते हैं, बाकी EPFO के पास रहने दे सकते हैं ताकि एक महीने के बाद अगर फिर से नौकरी लग जाए, तो उस पीएफ अकाउंट को आगे भी जारी रखा जा सकता है।
2) EPFO के सदस्य (जिनका पीएफ कटता है) बाकी का 25 प्रतिशत पैसा दो महीने तक बेरोजगार रहने के बाद निकालकर अपने पीएफ अकाउंट का अंतिम सेटलमेंट कर सकते हैं। Employee Provident Fund Scheme 1952 में ये नए प्रावधान किये गए हैं।
3) मौजूदा नियम के मुताबिक, कोई भी पीएफ अकाउंट होल्डर दो महीने तक बेरोजगार रहने के बाद अपना पूरा पैसा निकालकर पीएफ अकाउंट का अंतिम सेटलमेंट कर सकता है।
4) हालांकि, इस बैठक में एक महीने तक बेरोजगार रहने पर पीएफ अकाउंट होल्डर द्वारा अपने कुल फंड का 60 प्रतिशत पैसा निकालने का ही प्रस्ताव किया गया था, लेकिन केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने, जो कि पीएफ के संबंध में फैसला लेने वाला सबसे बड़ा विभाग है, इस सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया है।
5) इस बैठक में मौजूदा दो ETF (Exchange Traded Funds) मैन्युफैक्चरर्स SBI Mutual Fund और UTI Mutual Funds को एक जुलाई 2019 तक विस्तार दिया गया है। पहले उनकी समय सीमा 31 दिसंबर 2018 तक थी।
6) इसके 5 फंड मैनेजरों- SBI, ICICI Securities Primary Dealership, Reliance Capital, HSBC AMCऔर UTI AMC को फंड का प्रबंधन करने के लिए और समय दिया गया है। इन पांच फंड मैनेजर्स को फंड मैनेज करने के लिए एक अप्रैल 2015 को तीन साल के लिए नियुक्त किया गया था। अब इनकी समय सीमा बढ़ाकर 30 जून 2018 कर दी गई है।
7) सीबीटी ने इस बैठक में पोर्टफोलियो मैनेजर्स के चयन के लिए सलाहकार नियुक्त करने संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
8)बैठक में फंड मैनेजरों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने करने वाले मौजूदा सलाहकार Crisil की समयावधि 31 दिसंबर 2018 तक बढ़ा दी गई है।
9) बैठक में श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने जल्द ही ईपीएफ के ईटीएफ निवेश को एक लाख करोड़ के पार पहुंच जाने की उम्मीद जताई है। मई 2018 के अंत तक इस ईटीएफ में 47,431.24 करोड़ रु. का निवेश किया गया है और 16.07 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
10) ईटीएफ निवेश का दायरा बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को नए फंड मैनेजर्स की नियुक्ति तक टाल दिया गया है। फिलहाल निफ्टी 50 और सेंसेक्स ईटीएफ में निवेश किया जाता है।
नौकरीपेशा लोगों के लिए झटका, PF पर 5 साल में सबसे कम ब्याज मिलेगा
सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पीएफ पर ब्याज दर अधिसूचित कर दिया है। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पीएफ अकाउंट पर 8.55 प्रतिशत सालाना ब्याज मिलेगा, जो कि पिछले 5 साल में सबसे कम है। इस तरह से पिछले वित्त वर्ष यानी 2016-17 के मुकाबले 0 .10% कम ब्याज मिलेगा।
-वित्त वर्ष 2017-18 के लिए भविष्य निधि
(पीएफ) पर सालाना 8.55% ब्याज
पीएफ पर पांच साल में मिलने वाला सबसे
कम ब्याज है। 2016-17 के मुकाबले 0 .10%
कम मिलेगा ब्याज
वित्त वर्ष सालाना ब्याज (%)
2013-14 8.75
2014-15 8.75
2015-16 8.80
2016-17 8.65
2017-18 8.55
आपको बता दूं कि ईपीएफओ की सर्वोच्च नीति निर्माता संस्था सीबीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी) ने 21 फरवरी 2018 की बैठक में पीएफ पर वित्त वर्ष 2017-18 के लिए सालाना ब्याज दर 8.55 प्रतिशत की सिफारिश की थी। इस पर अंतिम फैसला सरकार को लेना था। कर्नाटक विधानसभा चुनाव (12 मई, 2018) की वजह से सरकार इस ब्याज दर को अधिसूचित नहीं कर रही थी। अब विधान सभा चुनाव के बाद सरकार ने नई ब्याज दर अधिसूचित कर दी।
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
पेंशनभोगी अब 'उमंग एप' से जान सकेंगे अपने पासबुक की डीटेल्स, EPFO ने शुरू की नई सेवा
ईपीएफओ ने उमंग एप के जरिए पेंशनभोगियों के लिए ‘व्यू पेंशन पासबुक’ सेवा शुरू की
अपने सदस्यों अथवा हितधारकों को विभिन्न तरह की ई-सेवाएं मुहैया कराने वाले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अब ‘उमंग एप’ के जरिए एक नई सेवा शुरू की है। ‘व्यू पासबुक’ विकल्प को क्लिक करने पर संबंधित पेंशनभोगी को पीपीओ नंबर और अपने जन्मदिन को दर्ज करना पड़ता है। इन जानकारियों का सफल सत्यापन हो जाने के बाद संबंधित पेंशनभोगी के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। इस ओटीपी को दर्ज करने के बाद ‘पेंशनर पासबुक’ संबंधित पेंशनभोगी के विवरण जैसे कि उसके नाम, जन्मदिन और उसके खाते में डाली गई पिछली पेंशन रकम से संबंधित जानकारियां दर्शाने लगेगी। वित्त वर्ष के हिसाब से संपूर्ण पासबुक विवरण डाउनलोड करने की सुविधा भी उपलब्ध है।
ईपीएफओ की जो अन्य ई-सेवाएं उमंग एप के जरिए पहले से ही उपलब्ध हैं उनमें कर्मचारी केन्द्रित सेवाएं (ईपीएफ पासबुक को देख पाना, क्लेम करने की सुविधा, क्लेम पर नजर रखने की सुविधा), नियोक्ता केन्द्रित सेवाएं (प्रतिष्ठान की आईडी के जरिए भेजी गई रकम का विवरण प्राप्त करना, टीआरआरएन की ताजा स्थिति से अवगत होना), सामान्य सेवाएं (प्रतिष्ठान को सर्च करें, ईपीएफओ कार्यालय को सर्च करें, अपने क्लेम की ताजा स्थिति से अवगत हों, एसएमएस के जरिए खाते का विवरण प्राप्त करना, मिस्ड कॉल देकर खाते का विवरण प्राप्त करना), पेंशनभोगियों को दी जाने वाली सेवाएं (जीवन प्रमाण को अद्यतन करना) और ई-केवाईसी सेवाएं (‘आधार’ से जोड़ना) शामिल हैं।
स्रोत-पीआईबी