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नए इनकम टैक्स सिस्टम में क्या PPF, NPS, EPF, LTA, HRA, होम लोन पेमेंट पर...

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Rajanish Kant मंगलवार, 10 मार्च 2020
वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष कर क्षेत्र में व्यापक स्तर के सुविधाजनक उपायों का प्रस्ताव दिया

‘विवाद से विश्वास’ योजना के तहत प्रत्यक्ष करों में मुकदमेबाजी को कम करने का प्रस्ताव, यह योजना 30 जून, 2020 तक जारी रहेगी

फेसलेस अपीलों के तहत विवाद निपटारे में व्यापक पारदर्शिता लाने के लिए व्यक्तिगत उपस्थिति को समाप्त करने का प्रस्ताव

सीबीडीटी एक करदाता चार्टर को अपनाएगा, इस संबंध में विवरणों को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा

विस्तृत आवेदन की आवश्यकता के बिना आधार के माध्यम से पैनकार्ड के लिए ऑनलाइन आवंटन होगा


केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्‍त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए विवाद से विश्वास’ योजना का प्रस्ताव दिया है, जिसका उद्देश्य प्रत्यक्ष कर भुगतानों में मुकदमेबाजी को कम करना है। वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे करदाता जिनके मामले किसी भी स्तर पर लंबित हैं, उन्हें इस योजना से लाभ मिल सकता है।
      वित्त मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित विवाद से विश्वास’ योजना के अंतर्गत एक करदाता को केवल विवादित करों की राशि का भुगतान करने की आवश्यकता है और उसे ब्याज और दंड से भी पूर्ण माफी मिलेगी बशर्ते वह इसका भुगतान 31 मार्च, 2020 तक कर दे। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2020 के पश्चात इस योजना का लाभ उठाने वाले करदाताओं को कुछ अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। यह योजना 30 जून, 2020 तक जारी रहेगी। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि करदाता इस अवसर का उपयोग मुकदमें की कष्टदायक प्रक्रिया से राहत पाने के लिए करेंगे।
      वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्न अपीलीय मंचों अर्थात् आयुक्त (अपील) आईटीएटी, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष कर संबंधी 4,83,000 मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष करों में मुकदमेबाजी को कम करने के लिए पिछले बजट में सबका विश्वास योजना लाई गई थी और इसके परिणामस्वरूप 1,89,000 मामलों का समाधान निकाला गया।

फेसलेस अपील
      मूल्यांकन प्रक्रिया में अधिक कुशलता, पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए एक नई फेसलेस मूल्यांकन योजना का शुभारंभ पहले से ही किया जा चुका है। वित्त मंत्री ने सरकार के द्वारा आरम्भ किए गए सुधारों को अगले स्तर पर ले जाने और व्यक्तिगत हस्तक्षेप को समाप्त करने के लिए आयकर अधिनियम को संशोधित करने का प्रस्ताव दिया, ताकि फेसलेस मूल्यांकन की तर्ज पर फेसलेस अपील की जा सके।
आधार के माध्यम से शीघ्र पैन
      वित्त मंत्री ने विस्तृत आवेदन फॉर्म को भरने की आवश्यकता के बिना आधार के माध्यम से शीघ्र ही ऑनलाइन पैनकार्ड को आवंटित किए जाने के लिए एक प्रणाली के शुभारंभ का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि पिछले बजट में उन्होंने पैन और आधार को परस्पर बदले जाने की व्यवस्था का शुभारंभ किया था।
करदाता चार्टर
      आयकर विभाग की सुपुर्दगी प्रणाली की दक्षता को बढ़ाने के उद्देश्य से वित्त मंत्री ने करदाता चार्टर को अपनाने के लिए केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड– सीबीडीटी के अंतर्गत आयकर अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि इस चार्टर का विस्तृत विवरण शीघ्र की अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी कर प्रणाली में करदाताओं और प्रशासन के बीच विश्वास की आवश्यकता होती है और यह तभी संभव होगा, जब करदाताओं के अधिकार की स्पष्ट रूप से गणना की जाए।
धर्मार्थ संस्थाएं
      धर्मार्थ संस्थाओं को मिलने वाले दान के लिए कटौती का दावा करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के क्रम में वित्त मंत्री ने दानकर्ता के द्वारा प्रस्तुत दानों की सूचना के आधार पर करदाता की विवरणी में दान करता की पूर्व सूचना देने का प्रस्ताव किया। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे करदाता द्वारा किए गए दान के लिए कटौती का दावा करना आसान होगा। नवीन और मौजूदा धर्मार्थ संस्थाओं के लिए अनुपालन की प्रक्रिया को आसान बनाने के क्रम में वित्त मंत्री ने पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण रूप से इलेक्ट्रॉनिक करने का प्रस्ताव दिया, जिसके तहत सभी नवीन और मौजूदा धर्मार्थ संस्थाओं को एक विशिष्ट पंजीकरण संख्या (यूआरएन) जारी किया जाएगा। इसके अलावा वे नई धर्मार्थ संस्थाएं जिन्होंने अपनी धर्मार्थ गतिविधि अभी आरम्भ नहीं की है, उनके पंजीकरण को बनाने के लिए वित्त मंत्री ने उन्हें तीन वर्षों के लिए अनंतिम पंजीकरण की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया। समाज में धर्मार्थ संस्थाओं द्वारा अदा की जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकारते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इन संस्थाओं की आय को कराधान से पूर्ण छूट प्राप्त है  और इन संस्थाओं को किए गए दान की भी दानकर्ता कर योग्य आय का परिकलन करने में कटौती के रूप में अनुमति है।
विलयित बैंकों की हानियां
      समामेलित प्रतिष्ठान, समामेलित प्रतिष्ठानों की अंतर्लीन न की गई हानियों और मूल्यह्रास के लाभ को सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्री ने आयकर अधिनियम के उपबंधों में आवश्यक संशोधन करने का प्रस्ताव दिया। वित्त क्षेत्र के समेकन के भाग के रूप में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार, सरकारी क्षेत्र के बैंकों के विलय की योजना लेकर आई है।                

(साभार-पीआईबी)




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Rajanish Kant शनिवार, 1 फ़रवरी 2020
Budget2020: इनकम टैक्स की दरों में बड़ा बदलाव, जानें नई दरें



वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नयी वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की है।

इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त रहेगी। 2.5 से पांच लाख तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगेगा, लेकिन 12,500 रुपये की छूट बने रहने से इस सीमा तक की आय पर कर नहीं लगेगा।

पांच से साढ़े सात लाख रुपये तक की आय पर 10 प्रतिशत, साढ़े सात से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 प्रतिशत, 10-12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 12.5 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 25 प्रतिशत की दर से आयकर का प्रस्ताव है।

पंद्रह लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगेगा।

नयी कर व्यवस्था

0 से 2.5 लाख रुपये तक -------- कर मुक्त

2.5 से 5 लाख तक ------------ 5 प्रतिशत

5 से 7.50 लाख तक ---------- 10 प्रतिशत

7.5 से 10 लाख तक ----------- 15 प्रतिशत

10 से 12.5 लाख तक ----------- 20 प्रतिशत

12.5 से 15 लाख तक ----------- 25 प्रतिशत

15 लाख रुपये से ऊपर की आय पर ----- 30 प्रतिशत

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(Source: PIB Youtube)

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