Results for "Budget session"
संसद का बजट सत्र आज से शुरू, कल पेश होगा 2024 के लिए बजट II Budget Session II Parliament II

संसद की पवित्रता हमेशा बनी रहनी चाहिए: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह




संसद के बजट सत्र2024 की शुरुआत से पहले रविवार यानी 21 जुलाई को केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सभी राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं के साथ सरकार की बैठक हुई। रक्षा मंत्री ने 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद के दोनों सदनों के नेताओं की पहली बैठक में सभी का स्वागत किया। अपने शुरुआती भाषण मेंकेंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रीश्री किरेन रिजिजू ने बताया कि संसद का बजट सत्र सोमवार22 जुलाई2024 को शुरू होगा और गवर्नमेंट बिजनेस की अत्यावश्यकताओं के अधीनसत्र सोमवार12 अगस्त 2024 को समाप्त हो सकता है। सत्र में 22 दिनों की अवधि में 16 बैठकें होंगी। मंत्री ने यह भी बताया कि यह सत्र मुख्य रूप से 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट से संबंधित फाइनेंशियल बिजनेस के लिए समर्पित होगाजिसे मंगलवार23 जुलाई2024 को लोकसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। आवश्यक विधायी और अन्य जरूरी कामकाज भी सत्र के दौरान किए जाएंगे। भारत का आर्थिक सर्वेक्षण सोमवार22 जुलाई2024 को संसद के पटल पर रखा जाएगा। 2024 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का बजट भी 23 जुलाई2024 को प्रस्तुत किया जाएगा। अस्थायी रूप से इस सत्र के दौरान उठाए जाने वाले विधायी कार्य के 6 विषय और वित्तीत कार्य के 3 विषय की पहचान की गई है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001OWLM.jpg

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने आगे कहा कि सरकार संबंधित पीठासीन अधिकारियों द्वारा प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के तहत अनुमति के अनुसार किसी भी मुद्दे पर सदन के पटल पर चर्चा करने के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने संसद के दोनों सदनों के सुचारू कामकाज के लिए सभी दलों के नेताओं से सक्रिय सहयोग और समर्थन का भी अनुरोध किया। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और रसायन और उर्वरक मंत्रालय के मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा भी शामिल हुएजो राज्यसभा में सदन के नेताकानून और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी हैं। इनके अलावा संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्रीश्री अर्जुन राम मेघवाल और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री और सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्रीडॉ. एल. मुरुगन भी इस बैठक में शामिल हुए।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image00245D6.jpg

बैठक का समापन करते हुएकेंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने बैठक में उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए सभी नेताओं को धन्यवाद दियाजिनका ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपनी कार्यवाही के दौरान संसद की पवित्रता बनाए रखनी चाहिए। सरकार संसद के संबंधित सदनों के नियमों और संबंधित पीठासीन अधिकारियों के निर्णयों के अधीन इन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003B8PM.jpg

कुल मिलाकरबैठक में 41 राजनीतिक दलों के 55 नेताओं ने भाग लिया।

18वीं लोकसभा के दूसरे सत्र और राज्य सभा के 265वें सत्र के दौरान लाए जाने वाले संभावित विधेयकों की सूची-

I- विधायी:-

1. वित्त (नंबर 2) विधेयक2024

2. आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक2024

3. बॉयलर बिल2024

4. भारतीय वायुयान विधायक2024

5. कॉफ़ी (संवर्धन और विकास) विधेयक2024

6. रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक2024

II - वित्तीय:-

1. केंद्रीय बजट2024-25 पर सामान्य चर्चा

2. 2024-25 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा और मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक का परिचयविचार और पारित/वापसी।

3. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की अनुदान मांगों पर चर्चा और मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक का परिचयविचार और पारित/वापसी।

 

(साभार: pib)

('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





Plz Follow Me on: 


A: My Youtube Channels:

5)Housing Society Solutions


1)Hindi website on Money- 


Rajanish Kant सोमवार, 22 जुलाई 2024
आज से संसद का बजट सत्र; Parliamentary Budget Session From Today

 



((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





Plz Follow Me on: 


Rajanish Kant मंगलवार, 31 जनवरी 2023
भारतीय संसद ने तो इस बार इतिहास रच दिया, पहली बार 31 मार्च तक सभी वित्तीय कामकाज पूरा हुआ
संसद का बजट सत्र समाप्त

सत्र अनेक दृष्टि से ऐतिहासिक : अनंत कुमार
भारत के विधायी इतिहास में पहली बार संसद ने 31 मार्च तक सभी वित्तीय कामकाज पूरा किया

सर्वसम्मति से वस्तु और सेवा कर के सहायक अधिनियमों को पारित करना बड़ी उपलब्धि : श्री मुख्तार अब्बास नकवी

कामकाज में बाधा की भरपाई के लिए संसद के दोनों सदनों की बैठक समय से अधिक हुई

लोकसभा में 113.27 प्रतिशत और राज्य सभा में 92.43 प्रतिशत काम हुआ, सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा 18 विधेयक पारित


संसदीय कार्य और रसायन तथा उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार ने आज मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि संसद का बजट सत्र 2017 अनेक दृष्टि से एतिहासिक रहा। श्री अनंत कुमार ने बताया कि संसद का बजट सत्र मंगलवार 31 जनवरी, 2017 को आरंभ हुआ था। इसे आज 12 अप्रैल, 2017 को अनिश्चिक काल के लिए स्थगित किया गया।
श्री अनंत कुमार ने बजट सत्र 2017 को तीन प्रमुख दृष्टि से एतिहासिक उपलब्धि वाला बताया :
·         केंद्रीय बजट का पहले प्रस्तुतीकरण और 31 मार्च तक नया वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने से पहले सरकार के सभी वित्तीय कामकाज पूरे किए गए।
·         वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के सभी सहायक अधिनियमों को पारित करना।
·         एकीकृत बजट प्रस्तुत और पारित करना।
श्री अनंत कुमार ने कहा कि ऐसा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली के विजनरी नेतृत्व और संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्यों की भागीदारी से संभव हो सका है। सार्वजनिक महत्व के विभिन्न विषयों पर सार्थक बहस हुई।
श्री अनंत कुमार ने बताया कि भारत के विधायी इतिहास में पहली बार 31 मार्च तक अगला वित्त वर्ष प्रारंभ होने से पहले सरकार के सभी वित्तीय काम-काज पूरे कर लिये गए। यह काम अल्प अवधि में नहीं किया गया बल्कि सामान्य चर्चा की गई। स्थायी समितियों ने विचार किया और कुछ मंत्रालयों पर चर्चा भी हुई। अतीत में वित्तीय कामकाज 31 मार्च के पहले पूरे किये जाते थे और उन वर्षों में या तो चुनाव होना होता था और अंतरिम बजट पेश किया जाता था या संसदीय समितियां अन्य मामलों की जांच करती थीं। यह एक बहुत बड़ा वित्तीय सुधार है और इससे विकास परियोजनाओं को चालू करने के लिए मंत्रालयों को पूरा धन उपलब्ध हुआ है। यह पहला मौका है जब बजट सत्र के दौरान लेखानुदान पारित किया गया।
इस अवसर पर कृषि तथा परिवार कल्याण और संसदीय कार्य राज्यमंत्री श्री एस एस आलहुवालिया ने विस्तार से बजट पहले प्रस्तुत करने के लाभ, आम और रेलवे बजट को मिलाने के लाभ और सामाजिक विकास कार्यों को चलाने के लिए वित्तीय संसाधनों की सुगमता के बारे में बताया।
अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बार नकवी ने बताया कि सरकार ने संपर्क, संवाद, समन्वय की नीति का अनुसरण किया और सुनिश्चित किया कि सार्वजनिक महत्व के सभी विषयों पर दोनों सदनों में व्यापक चर्चा हो और सभी सदस्यों को अपने विचार रखने का मौका मिले। उन्होंने बताया कि तीन महत्वपूर्ण विधेयक पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए संविधान (संशोधन) विधेयक 2017, मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2017, फैक्ट्री (संशोधन) विधेयक 2016 दोनों सदनों द्वारा पारित नहीं हो सके। श्री नकवी ने बताया कि इन विधेयकों पर असहमति गुण के आधार पर नहीं थी। फिर भी सरकार ने प्रवर समिति को भेजने की राज्य सभा की सर्वसम्मति का आदर किया। श्री नकवी ने बताया कि इन सामाजिक महत्व के विधेयकों को पारित होने में विलंब से साधारण जन को लाभ प्राप्त करने में कुछ और समय लगेगा।
बजट सत्र 2017 के दौरान संपन्न विधायी कार्यों के बारे में बताया गया की बजट सत्र के पहलेभाग में लोक सभा के 7 और राज्य सभा की 8 बैठकें हुई। सत्र के दूसरे हिस्से में लोकसभा की 22 और राज्यसभा की 21 बैठकें हुईं। पूरे सत्र के दौरान लोक सभा और राज्य सभा की 29-29 बैठकें हुई। लोकसभा में 113.27 प्रतिशत और राज्य सभा में 92.43 प्रतिशत कार्य हुए। बाधा के कारण लोकसभा में 8 घंटे और राज्य सभा में 18 घंटे का नुकसान हुआ और इसकी भरपाई लोकसभा की 19 घंटे की बैठक और राज्य सभा की 7 घंटों की अधिक बैठक से की गई।
वर्ष का पहला सत्र होने के कारण राष्ट्रपति ने 31 जनवरी, 2017 को संविधान के अनुच्छेद 87 (1) के अनुसार संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया और संसद सत्र आहुत करने के बारे में बताया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखा गया और इस चर्चा हुई। सत्र के पहले हिस्से में धन्यवाद प्रस्ताव दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया। 9 फरवरी, 2017 को दोनों सदनों की बैठक छुट्टी के लिए 27 दिनों के लिए स्थगित की गई। और दोनों सदनो की बैठक फिर सोमवार 9 मार्च, 2017 को हुई ताकि विभिन्न मंत्रालयों / विभागों से संबंधित अनुदान मांगों पर संबंधित स्थायी समितियां विचार कर सकें।
सत्र के पहले भाग में 1 फरवरी, 2017 को केंद्रीय बजट 2017-18 प्रस्तुत किया गया। इस बार आम बजट में रेल बजट को मिलाकर बजट प्रस्तुत हुआ। दोनों सदनों में बजट पर सामान्य चर्चा हुई।
संसद सत्र के दूसरे भाग में संबंधित स्थायी समितियों की जांच और प्रस्तुतीकरण के बाद रेलवे, गृह, रक्षा तथा कृषि मंत्रालयों से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा हुई और इन्हें बारी-बारी के लोकसभामें पारित किया गया। शेष मंत्रालयों/विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा नहीं हो पायी थी और उन्हें पारित करने के लिए सदन में रखा गया और मांगें 20 मार्च, 2017 को पास की गईं। संबंधित विनियोग विधेयक भी प्रस्तुत किया गया। इस पर विचार हुआ और पारित किया गया और बाद में इसे राज्यसभा ने वापस कर किया।  
अनुपूरक अनुदान मांगों से संबंधित विनियोग विधेयक भी उसी दिन पेश किया गया, उस पर विचार किया गया और फिर पारित किया गया तथा इसके बाद राज्‍य सभा द्वारा वापस कर दिया गया। वित्‍त विधेयक, 2017 लोकसभा में 22 मार्च, 2017 को पारित हुआ और राज्‍य सभा ने 29 मार्च, 2017 को सिफारिशों के साथ इसे वापस कर दिया। लोकसभा ने 30 मार्च, 2017 को विधेयक में राज्‍य सभा द्वारा की गई सिफारिशों को खारिज कर दिया। राष्‍ट्रपति ने 31 मार्च, 2017 को वित्‍त विधेयक को अपनी स्‍वीकृति दे दी।
वर्ष 2016-17 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों और रेलवे से संबंधित वर्ष 2013-14 के लिए अतिरिक्‍त अनुदान मांगों पर भी लोकसभा में संबंधित विनियोग विधेयकों के साथ मतदान हुआ, जिन्‍हें बाद में राज्‍य सभा द्वारा वापस कर दिया गया। इस अवधि के दौरान केन्‍द्रीय बजट पर आम परिचर्चा पूरी हुई और इसके साथ ही राज्‍य सभा में रेल मंत्रालय के कामकाज पर चर्चाएं हुईं।
इस सत्र के दौरान अन्‍य बातों के अलावा एक खास बात यह रहीं कि चार ऐतिहासिक विधेयकोंयथा, केन्‍द्रीय वस्‍तु एवं सेवा कर विधेयक 2017, एकीकृत वस्‍तु एवं सेवा कर विधेयक 2017, वस्‍तु एवं सेवा कर (राज्‍यों को क्षतिपूर्ति) विधेयक 2017 और केन्‍द्र शासित प्रदेश वस्‍तु एवं सेवा कर विधेयक 2017 को दोनों ही सदनों ने पारित कर दिया, जिससे देश भर में 01 जुलाई, 2017 से वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने का मार्ग प्रशस्‍त हो गया।
इस सत्र के दौरान कुल मिलाकर 24 विधेयक (लोकसभा में 24) पेश किये गये। लोकसभा में 23 विधेयक पारित हुए और राज्‍य सभा में 14‍ विधेयक पारित हुए। सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में कुल मिलाकर 18 विधेयक पारित हुए। लोकसभा में पेश किये गये विधेयकों, लोकसभा द्वारा पारित किये गये विधेयकों, राज्‍य सभा द्वारा पारित किये गये विधेयकों, संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किये गये विधेयकों और वापस लिये गये विधेयक की सूची अनुलग्‍नक में दी गई है।
सामाजिक क्षेत्र से जुड़े कुछ महत्‍वपूर्ण विधेयकों जैसे कि पारिश्रमिक का भुगतान (संशोधन) विधेयक 2017, मातृत्‍व लाभ (संशोधन) विधेयक 2017, मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल विधेयक 2017 और कर्मचारी क्षतिपूर्ति (संशोधन) विधेयक 2017 को भी इस सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया। शत्रु सम्‍पत्ति (संशोधन एवं वैधता) विधेयक 2017 को भी संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया।
लोकसभा में नियम 193 के तहत सतत विकास के लक्ष्‍यों पर अल्‍पकालिक चर्चा हुई, जो अपूर्ण रही। राज्‍य सभा में नियम 176 के तहत इन दो विषयों पर अल्‍पकालिक चर्चा हुई :  1. चुनाव सुधार  2. आधार – इसका क्रियान्‍वयन एवं इसके निहितार्थ। राज्‍य सभा में एक ध्‍यानाकर्षण प्रस्‍तावभी लाया गया, जो विशेष श्रेणी के दर्जे की अवधारणा जारी रखने की जरूरत पर विचार-विमर्श के लिए राष्‍ट्रीय विकास परिषद की बैठक आयोजित करने की आवश्‍यकता से संबंधित था।
(स्रोत- पीआईबी.एनआईसी.इन)

Rajanish Kant बुधवार, 12 अप्रैल 2017