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2025-26 की पहली तिमाही में व्यापारिक व्यापार घाटा 63.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 68.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा-RBI

2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां

पहली तिमाही अर्थात् अप्रैल-जून 2025-26 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े, विवरण । और ।। में प्रस्‍तुत किए गए हैं।




2025-26 की पहली तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं

  • भारत के चालू खाता शेष में 2025-26 की पहली तिमाही में 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.2 प्रतिशत) का घाटा दर्ज किया गया, जबकि 2024-25 की पहली तिमाही में यह 8.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.9 प्रतिशत) था और 2024-25 की चौथी तिमाही में 13.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) का अधिशेष था।1

  • 2025-26 की पहली तिमाही में व्यापारिक व्यापार घाटा 68.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2024-25 की पहली तिमाही के 63.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक था।

  • शुद्ध सेवा प्राप्तियाँ 2025-26 की पहली तिमाही में बढ़कर 47.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गईं, जो एक वर्ष पहले 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर थीं। व्यावसायिक सेवाओं और कंप्यूटर सेवाओं जैसी प्रमुख श्रेणियों में सेवा निर्यात में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर वृद्धि हुई है।

  • प्राथमिक आय खाते पर शुद्ध व्यय, जो मुख्य रूप से निवेश आय के भुगतान को दर्शाता है, 2024-25 की पहली तिमाही के 10.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2025-26 की पहली तिमाही में 12.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

  • व्यक्तिगत अंतरण प्राप्तियां, जो मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा विप्रेषित धनराशि को दर्शाती हैं, 2024-25 की पहली तिमाही के 28.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2025-26 की पहली तिमाही में 33.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गईं।

  • वित्तीय खाते में, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) ने एक वर्ष पहले 6.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के शुद्ध अंतर्वाह की तुलना में 2025-26 की पहली तिमाही में 5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का शुद्ध अंतर्वाह दर्ज किया।

  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) ने 2025-26 की पहली तिमाही में 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का शुद्ध अंतर्वाह दर्ज किया, जबकि 2024-25 की पहली तिमाही में 0.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का शुद्ध अंतर्वाह दर्ज किया गया था।

  • भारत में बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के तहत शुद्ध अंतर्वाह 2025-26 की पहली तिमाही में 3.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि एक वर्ष पहले इसी अवधि में यह 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

  • अनिवासी जमा (एनआरआई जमा) में 2025-26 की पहली तिमाही में 3.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कम शुद्ध अंतर्वाह दर्ज किया गया, जबकि 2024-25 की पहली तिमाही में यह 4.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

  • 2025-26 की पहली तिमाही में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि (बीओपी आधार पर) में 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि 2024-25 की पहली तिमाही में 5.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई थी (तालिका 1)।

तालिका 1: भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें
(बिलियन अमेरिकी डॉलर)
 अप्रैल-जून 2024 पीआरअप्रैल-जून 2025 पी
 जमानामेनिवलजमानामेनिवल
क. चालू खाता241.8250.5-8.6256.7259.1-2.4
1. वस्तु111.2175.0-63.8113.1181.6-68.5
   जिसमें से:      
     पीओएल20.651.5-30.917.449.3-31.9
2. सेवाएं88.548.839.797.449.547.9
3. प्राथमिक आय12.723.5-10.912.225.0-12.8
4. द्वितीयक आय29.53.226.334.03.031.0
ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा264.5256.77.9289.1285.93.2
   जिसमें से:      
1. प्रत्यक्ष निवेश23.917.76.227.221.55.7
2. पोर्टफोलियो निवेश159.8158.90.9146.3144.71.6
3. अन्य निवेश74.565.09.5109.9104.05.9
   जिसमें से:      
     एनआरआई जमाराशियाँ23.419.44.023.820.23.6
     भारत को ईसीबी8.56.81.610.77.13.7
4. आरक्षित आस्तियाँ [वृद्धि (-)/कमी (+)]0.05.2-5.20.04.5-4.5
ग. भूल-चूक (-) (क+ख)0.80.00.80.00.8-0.8
पीआर: आंशिक रूप से संशोधित; और पी: प्रारंभिक।
नोट: पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है।

 

1 https://www.rbi.org.in/hindi/Scripts/PressReleases.aspx?Id=52505. दीर्घावधि शृंखला के आंकड़ों के लिए कृपया देखें: CIMS DBIE (rbi.org.in) › सांख्यिकी › बाह्य क्षेत्र › अंतर्राष्ट्रीय व्यापार › त्रैमासिक/वार्षिक।

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant मंगलवार, 2 सितंबर 2025