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US Federal Reserve ने ब्याज दर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की: भारतीय निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट

US Federal Reserve (Fed) ने दिसंबर बैठक में अपनी FOMC बैठक में मुख्य ब्याज दर में 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की कटौती का ऐलान किया। यह तीसरी बार है जब 2025 में Fed ने ब्याज दर को घटाया है।  इस कटौतीके बाद अमेरिका में बेंचमार्क ब्याज दर 3.50-3.75 प्रतिशत के दायरे में आ गई। Jerome Powell, जो कि Fed के अध्यक्ष हैं, ने इस फैसले को अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मंदी और महंगाई को नियंत्रित करने के प्रयासों के रूप में पेश किया। इस लेख में हम इस फैसले का भारतीय निवेशकों पर संभावित प्रभाव और ब्याज दरों में इस कटौती के बाद भारतीय वित्तीय बाजारों के बारे में चर्चा करेंगे।



1. Fed की ब्याज दर में 25 बेसिस पॉइंट की कमी: क्यों जरूरी था यह कदम?

US Fed ने ब्याज दरों में कटौती की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मंदी और महंगाई से बचाने के लिए लिया गया है। Federal Reserve का मुख्य उद्देश्य महंगाई (inflation) को काबू में रखना और रोजगार की स्थिति (employment) को बेहतर बनाना है। 2025 में तीन बार ब्याज दर में कटौती यह दर्शाती है कि Fed अमेरिकी आर्थिक वृद्धि को प्रेरित करने के लिए कदम उठा रहा है।

2. ब्याज दर में कटौती के परिणाम

  • अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ेगी: ब्याज दर में कमी से अर्थव्यवस्था में तरलता (liquidity) बढ़ेगी, जिससे व्यवसायों को अधिक ऋण लेने में मदद मिलेगी और उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिलेगा।

  • शेयर बाजारों में वृद्धि: जब ब्याज दरों में कटौती होती है, तो कर्ज लेने की लागत कम हो जाती है, जिससे कंपनियों के लिए मुनाफा बढ़ सकता है। इस कारण से, अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी आ सकती है।

  • ब्याज दरों का असर भारतीय रुपये पर: अमेरिकी डॉलर (USD) और भारतीय रुपया (INR) के बीच भी यह परिवर्तन हो सकता है। ब्याज दर में कटौती के कारण अमेरिकी डॉलर की मांग घट सकती है, जो भारतीय रुपये को मजबूत कर सकता है।

3. भारतीय निवेशकों के लिए संभावित असर

US Federal Reserve द्वारा ब्याज दरों में कटौती का असर सीधे तौर पर भारतीय निवेशकों पर भी पड़ सकता है।

  • भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव: यदि अमेरिकी बाजारों में पूंजी का प्रवाह बढ़ता है, तो इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ सकता है। भारतीय निवेशकों को अमेरिकी बाजारों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन अगर भारतीय बाजारों में मजबूत प्रदर्शन हो, तो पूंजी बाहर जा सकती है।

  • विदेशी निवेश और पूंजी प्रवाह: यदि ब्याज दर में कमी से अमेरिकी निवेशकों का भारत में निवेश बढ़ता है, तो विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधियाँ तेज हो सकती हैं। इससे भारतीय कंपनियों के लिए धन की प्राप्ति बढ़ सकती है और शेयरों की कीमतों में सुधार हो सकता है।

  • ऋण की लागत में कमी: भारतीय बैंकों और कंपनियों के लिए भी ऋण की लागत कम हो सकती है, क्योंकि आमतौर पर Fed की ब्याज दर और भारतीय ब्याज दरों में समानता होती है। इससे घर के कर्ज और व्यापारिक ऋणों की लागत कम हो सकती है, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं के लिए लाभ हो सकता है।

4. निवेशकों के लिए क्या करें?

  • Diversification: निवेशकों को अपनी रणनीति में विविधता (diversification) बनाए रखनी चाहिए। यदि अमेरिकी बाजारों में सुधार आता है, तो भारतीय बाजार में भी सावधानीपूर्वक निवेश करें।

  • ब्याज दरों पर ध्यान दें: ब्याज दरों के बदलाव के साथ अपनी ऋण प्रबंधन नीति (debt management) पर पुनर्विचार करें। अगर आपके पास उच्च ब्याज दर पर ऋण है, तो आपको इसे पुनः वित्तपोषित करने का अवसर मिल सकता है।

  • ब्याज दर में बदलाव पर नजर रखें: भविष्य में होने वाली दर कटौती या वृद्धि के प्रभावों को समझते हुए अपनी निवेश रणनीतियों को समय-समय पर बदलते रहें।

US Federal Reserve की ब्याज दर में कटौती भारतीय निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। इस कदम से अमेरिकी और वैश्विक आर्थिक स्थिति में बदलाव आएगा, जो भारतीय वित्तीय बाजारों को प्रभावित कर सकता है। निवेशकों को इस निर्णय का सही लाभ उठाने के लिए अपनी निवेश रणनीतियों पर ध्यान से विचार करना चाहिए और भविष्य के बदलावों को लेकर तैयार रहना चाहिए।

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Rajanish Kant गुरुवार, 11 दिसंबर 2025
Fed Meeting: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर जस का तस रखा, बढ़ती महंगाई दर अभी भी चिंता

अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्वफेडरल रिजर्व ने 11 और 12 जून को हुई बैठक के बाद ब्याज दर को 5.25-5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा है।  लगातार सातवीं बार ब्याज दर स्थिर रखा गया है|बैठक के बाद फेडरल रिजर्व ने कहा कि हालांकि अमेरिका में आर्थिक गतिविधि लगातार बढ़ रही है, बेरोजगारी दर कम है, लोगों को खूब नौकरियां मिल रही हैं, महंगाई दर में भी कमी आई है। फेड ने आगे कहा कि वह अभी भी महंगाई दर और रोजगार के मौके का लक्ष्य हासिल करने का इंतजार कर रहा है। 

फेड ने पिछले साल जुलाई तक लगातार 11 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी और उसके बाद से ब्याज दर स्थिर रखा जा रहा है। लोग ब्याज दर में कटौती का इंतजार कर रहे हैं।  


आपको बता दूं कि फेडरल रिजर्व ने महंगाई दर को 2 प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिल पा रही है। फेडरल रिजर्व मानें तो ब्याज दर में कटौती का पूरा दारोमदार लक्षित महंगाई दर पर है। 


बैठक के बाद क्या कहा फेडरल रिजर्व ने - 

हाल के संकेतक बताते हैं कि आर्थिक गतिविधि का ठोस गति से विस्तार जारी है। नौकरी की प्राप्ति मजबूत बनी हुई है, और बेरोजगारी दर कम बनी हुई है। पिछले वर्ष मुद्रास्फीति कम हुई है लेकिन ऊंची बनी हुई है। हाल के महीनों में, समिति के 2 प्रतिशत मुद्रास्फीति लक्ष्य की दिशा में मामूली प्रगति हुई है। समिति लंबी अवधि में 2 प्रतिशत की दर से अधिकतम रोजगार और मुद्रास्फीति हासिल करना चाहती है। समिति का मानना ​​है कि पिछले वर्ष के दौरान इसके रोजगार और मुद्रास्फीति लक्ष्यों को प्राप्त करने के जोखिम बेहतर संतुलन की ओर बढ़ गए हैं। आर्थिक दृष्टिकोण अनिश्चित है, और समिति मुद्रास्फीति जोखिमों के प्रति अत्यधिक चौकस बनी हुई है। 

अपने लक्ष्यों के समर्थन में, समिति ने संघीय निधि दर के लिए लक्ष्य सीमा को 5-1/4 से 5-1/2 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया। संघीय निधि दर के लिए लक्ष्य सीमा में किसी भी समायोजन पर विचार करते समय, समिति आने वाले डेटा, उभरते दृष्टिकोण और जोखिमों के संतुलन का सावधानीपूर्वक आकलन करेगी। समिति को यह उम्मीद नहीं है कि लक्ष्य सीमा को कम करना तब तक उचित होगा जब तक कि उसे यह विश्वास न हो जाए कि मुद्रास्फीति लगातार 2 प्रतिशत की ओर बढ़ रही है। इसके अलावा, समिति ट्रेजरी प्रतिभूतियों और एजेंसी ऋण और एजेंसी बंधक-समर्थित प्रतिभूतियों की अपनी हिस्सेदारी को कम करना जारी रखेगी। 

समिति मुद्रास्फीति को उसके 2 प्रतिशत लक्ष्य पर लौटाने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। मौद्रिक नीति के उचित रुख का आकलन करने में, समिति आर्थिक दृष्टिकोण के लिए आने वाली जानकारी के निहितार्थ की निगरानी करना जारी रखेगी। यदि जोखिम उभरते हैं जो समिति के लक्ष्यों की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं तो समिति मौद्रिक नीति के रुख को उचित रूप से समायोजित करने के लिए तैयार होगी। समिति के आकलन में श्रम बाजार की स्थितियों, मुद्रास्फीति के दबाव और मुद्रास्फीति की उम्मीदों, और वित्तीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर रीडिंग सहित जानकारी की एक विस्तृत श्रृंखला को ध्यान में रखा जाएगा।



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Rajanish Kant गुरुवार, 13 जून 2024
अमेरिका के केंद्रीय बैंक Federal Reserve की ब्याज दर पर आज से बैठक, क्या ब्याज घटेगा!

  


अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की दो दिनों की ब्याज दर पर बैठक आज से शुरू हो रही है। बैॆठक के फैसले की घोषणा कल की जाएगी। दुनिया भर की निगाहें फेड के फैसले पर है। लोग ब्याज दर में कटौती या कटौती के संकेत का इंतजार कर रहे हैं। 

हालांकि ब्याज दर में कटौती की गुंजाइश नहीं दिख रही है, क्योंकि महंगाई दर अभी भी फेडरल रिजर्व के लक्ष्य 2 प्रतिशत से ज्यादा बनी हुई है। फरवरी में अमेरिका का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई ) 3.2 प्रतिशत सालाना के हिसाब से बढ़ा है जो कि बाजार के अनुमान 3.1 प्रतिशत से ज्यादा है। 

ज्यादातर जानकार ब्याज दर को जस का तस रखे जाने की संभावना देख रहे हैं।  

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Rajanish Kant मंगलवार, 19 मार्च 2024
अमेरिका के Federal Reserve ने ब्याज दर 5.25-5.50% पर स्थिर रखा, लेकिन जरूरत पड़ने पर ब्याज बढ़ाने के दिये संकेत

 


अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने अनुमान के मुताबिक 19 और 20 सितंबर की दो दिवसीय बैठक के बाद ब्याज दर को 5.25-5.50% पर स्थिर रखा है। इससे पहले जुलाई की बैठक में ब्याज दर को  0.25 प्रतिशत बढा़कर  5.25-5.50 प्रतिशत कर दिया था। यह अमेरिका में पिछले 22 साल में सबसे अधिक ब्याज दर है।  




बैठक के बाद फेड ने कहा कि हाल के संकेतक बताते हैं कि आर्थिक गतिविधि ठोस गति से बढ़ रही है। हाल के महीनों में नौकरियां मिलने की गति हालांकि धीमी हुई है लेकिन मजबूत बनी हुई है और बेरोजगारी दर कम बनी हुई है। मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है, जो कि चिंता का विषय है। केंद्रीय बैंक ने महंगाई दर को 2 प्रतिशत के नीचे लाने का लक्ष्य रखा है, जो कि अभी लक्ष्य से अधिक है। फेड ने महंगाई दर को काबू में किए जाने तक ब्याज दर में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं।   

अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली सुदृढ़ और लचीली है। घरों और व्यवसायों के लिए सख्त ऋण स्थितियों का आर्थिक गतिविधि, नियुक्ति और मुद्रास्फीति पर असर पड़ने की संभावना है। इन प्रभावों की सीमा अनिश्चित बनी हुई है। समिति मुद्रास्फीति जोखिमों के प्रति अत्यधिक सतर्क रहती है।

समिति लंबी अवधि में 2 प्रतिशत की दर से अधिकतम रोजगार और मुद्रास्फीति हासिल करना चाहती है। इन लक्ष्यों के समर्थन में, समिति ने संघीय निधि दर के लिए लक्ष्य सीमा को 5-1/4 से 5-1/2 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया। समिति अतिरिक्त जानकारी और मौद्रिक नीति के लिए इसके निहितार्थ का आकलन करना जारी रखेगी। समय के साथ मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत पर वापस लाने के लिए उपयुक्त अतिरिक्त नीति सुदृढ़ीकरण की सीमा निर्धारित करने में, समिति मौद्रिक नीति की संचयी सख्ती, मौद्रिक नीति आर्थिक गतिविधि और मुद्रास्फीति को प्रभावित करने वाले अंतराल, और आर्थिक और वित्तीय विकस को ध्यान में रखेगी। इसके अलावा, समिति ट्रेजरी प्रतिभूतियों और एजेंसी ऋण और एजेंसी बंधक-समर्थित प्रतिभूतियों की अपनी हिस्सेदारी को कम करना जारी रखेगी, जैसा कि इसकी पहले घोषित योजनाओं में वर्णित है। समिति मुद्रास्फीति को उसके 2 प्रतिशत लक्ष्य पर लौटाने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।

मौद्रिक नीति के उचित रुख का आकलन करने में, समिति आर्थिक दृष्टिकोण के लिए आने वाली जानकारी के निहितार्थ की निगरानी करना जारी रखेगी। यदि जोखिम उभरते हैं जो समिति के लक्ष्यों की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं तो समिति मौद्रिक नीति के रुख को उचित रूप से समायोजित करने के लिए तैयार होगी। समिति के आकलन में श्रम बाजार की स्थितियों, मुद्रास्फीति के दबाव और मुद्रास्फीति की उम्मीदों, और वित्तीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर रीडिंग सहित जानकारी की एक विस्तृत श्रृंखला को ध्यान में रखा जाएगा।

फेडरल रिजर्व ने इससे पहले 13 और 14 जून की बैठक के बाद ब्याज दर को जस का तस रखा था। हालांकि बैठक से पहले भी ज्यादातर जानकार मान रहे थे कि लगभग 15 महीने के बाद फेड पहली बार 13 और 14 जून की बैठक में ब्याज दर बढ़ोतरी पर लगाम लगा सकता है और हुआ भी यही। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर को 5% -5.25% के टार्गेट रेंज में पहले जितना ही रखा। इससे पहले फेडरल रिजर्व ने लगातार 10 बढ़ोतरी की। 

13 और 14 जून की बैठक से पहले फेडरल रिजर्व ने मई की बठक में ब्याज दर में 0.25%  का इजाफा किया था। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 0.25% की बढ़ोतरी करते हुए 5% -5.25% कर दिया था। इससे पहले, 21-22 मार्च को हुई बैठक के दौरान ब्याज दर में 0.25% का इजाफा करते हुए इसे 4.75% -5%  कर दिया था। Federal Reserve ने कहा है कि महंगाई दर लंबे समय से अभी भी 2% के लक्ष्य के ऊपर बना हुआ है। केंद्रीय बैंक ने साथ ही ये भी कहा कि महंगाई दर को 2% के लक्ष्य तक लाने का उसका संकल्प कायम है।  

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Rajanish Kant गुरुवार, 21 सितंबर 2023
अमेरिका के Federal Reserve ने ब्याज 0.25% बढ़ाकर 5.25-5.50% किया, आगे भी ब्याज बढ़ाने के दिए संकेत


अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने अनुमान के मुताबिक 25 और 26 जुलाई की दो दिवसीय बैठक के बाद ब्याज दर 0.25 प्रतिशत बढा़कर 5.25-5.50 प्रतिशत कर दिया। यह अमेरिका में पिछले 22 साल में सबसे अधिक ब्याज दर है।  बैठक के बाद फेडरल रिजर्व ने कहा कि हालांकि, आर्थिक गतिविधियों में विस्तार हो रहा है, लोगों को नौकरियां मिल रही हैं, बेरोजगारी दर में गिरावट जारी है, लेकिन महंगाई दर अभी लक्ष्य के ऊपर बनी हुई है, जो कि चिंता का विषय है। केंद्रीय बैंक ने महंगाई दर को 2 प्रतिशत के नीचे लाने का लक्ष्य रखा है, जो कि अभी लक्ष्य से अधिक है। फेड ने महंगाई दर को काबू में किए जाने तक ब्याज दर में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं।   

> फेडरल रिजर्व ने बैठक के बाद क्या क्या कहा, यहां पढ़ें :

फेडरल रिजर्व ने इससे पहले 13 और 14 जून की बैठक के बाद ब्याज दर को जस का तस रखा था। हालांकि बैठक से पहले भी ज्यादातर जानकार मान रहे थे कि लगभग 15 महीने के बाद फेड पहली बार 13 और 14 जून की बैठक में ब्याज दर बढ़ोतरी पर लगाम लगा सकता है और हुआ भी यही। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर को 5% -5.25% के टार्गेट रेंज में पहले जितना ही रखा। इससे पहले फेडरल रिजर्व ने लगातार 10 बढ़ोतरी की। 

13 और 14 जून की बैठक से पहले फेडरल रिजर्व ने मई की बठक में ब्याज दर में 0.25%  का इजाफा किया था। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 0.25% की बढ़ोतरी करते हुए 5% -5.25% कर दिया था। इससे पहले, 21-22 मार्च को हुई बैठक के दौरान ब्याज दर में 0.25% का इजाफा करते हुए इसे 4.75% -5%  कर दिया था। Federal Reserve ने कहा है कि महंगाई दर लंबे समय से अभी भी 2% के लक्ष्य के ऊपर बना हुआ है। केंद्रीय बैंक ने साथ ही ये भी कहा कि महंगाई दर को 2% के लक्ष्य तक लाने का उसका संकल्प कायम है।  

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Rajanish Kant गुरुवार, 27 जुलाई 2023
अमेरिका के Federal Reserve की ब्याज दर पर बैठक जारी, आज आएगा फैसला, ब्याज 0.25% बढ़ने का अनुमान

  

अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ब्याज दर पर बैठक जारी है। आज फेडरल रिजर्व का फैसला आएगा। माना जा रहा है कि ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। फेडरल रिजर्व की दो दिनों की बैठक 25 जुलाई को शुरू हुई। इस बैठक पर दुनिया भर की नजर है। 

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने इससे पहले 13 और 14 जून की बैठक के बाद ब्याज दर को जस का तस रखा था। हालांकि बैठक से पहले भी ज्यादातर जानकार मान रहे थे कि लगभग 15 महीने के बाद फेड पहली बार 13 और 14 जून की बैठक में ब्याज दर बढ़ोतरी पर लगाम लगा सकता है और हुआ भी यही। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर को 5% -5.25% के टार्गेट रेंज में पहले जितना ही रखा। इससे पहले फेडरल रिजर्व ने लगातार 10 बढ़ोतरी की। 

13 और 14 जून की बैठक से पहले फेडरल रिजर्व ने मई की बठक में ब्याज दर में 0.25%  का इजाफा किया था। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 0.25% की बढ़ोतरी करते हुए 5% -5.25% कर दिया था। इससे पहले, 21-22 मार्च को हुई बैठक के दौरान ब्याज दर में 0.25% का इजाफा करते हुए इसे 4.75% -5%  कर दिया था। Federal Reserve ने कहा है कि महंगाई दर लंबे समय से अभी भी 2% के लक्ष्य के ऊपर बना हुआ है। केंद्रीय बैंक ने साथ ही ये भी कहा कि महंगाई दर को 2% के लक्ष्य तक लाने का उसका संकल्प कायम है।  

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Rajanish Kant बुधवार, 26 जुलाई 2023