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Income टैक्स विभाग से 19 तरह की इनकम को छुपाने की गलती मत करें...

Income टैक्स विभाग से 19 तरह की इनकम को छुपाने की गलती मत करें...

Rajanish Kant शुक्रवार, 17 अगस्त 2018
Income Tax Return Filing: ताजा अपडेट से अनजान मत रहें

Income Tax Return Filing: ताजा अपडेट से अनजान मत रहें

Rajanish Kant शुक्रवार, 27 जुलाई 2018
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की जरूरी खबर...
वित्त वर्ष 2017-18 और आकलन वर्ष (एसेसमेंट ईयर) 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि एक महीने बढ़ा दी गई है। पहले अंतिम तिथि 31 जुलाई 2018 थी जिसे अब बढ़ाकर 31 अगस्त 2018 कर दी गयी है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। 

सीबीडीटी के इस फैसले से उनलोगों को राहत मिलेगी, जिन लोगों ने अब तक वित्त वर्ष 2017-18 इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है। 

आपको बता दूं कि इस साल से सरकार ने आखिरी तारीख के बाद रिटर्न भरने पर जुर्माना लगाने का फैसला किया है। ये जुर्माना ₹10 हजार तक हो सकता है।  अगर कोई 31 अगस्त के बाद टैक्स रिटर्न फाइल करता है तो उसे ₹5 हजार जुर्माना देना होगा। 31 दिसंबर के बाद रिटर्न फाइल करने पर ये पेनल्टी ₹10 हजार होगा। अगर आपकी आय ₹ 5 लाख से कम है तो आपको सिर्फ ₹ 1 हजार रुपए ही जुर्माना देना होगा। 

Rajanish Kant गुरुवार, 26 जुलाई 2018
IT रिटर्न भरने वालों के लिए जरूरी खबर

IT रिटर्न भरने वालों के लिए जरूरी खबर

Rajanish Kant सोमवार, 28 मई 2018
अब आईटी रिटर्न फाइल कर सकते हैं, क्योंकि...
आयकर दाता आकलन वर्ष (एसेसमेंट ईयर) 2018-19 यानी वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर ) 2017-18 के लिए      इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट यानी आयकर विभाग ने  सभी 7  IT रिटर्न फॉर्म ई-फाइलिंग के लिए जारी कर दिया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाकर आप आईटी रिटर्न ऑनलाइन भर सकते हैं। विभाग ने इस बारे में जानकारी दी।  

सीबीडीटी ने कहा है कि सभी सात आईटीआर फार्म अब उसकी वेबसाइट पर ऑनलाइन दाखिल करवाए जा सकते हैं हालांकि, कुछ श्रेणी के करदाताओं को यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी
>महत्वपूर्ण तारीख याद रखें:
-31 जुलाई 2018 तक रिटर्न फाइल
कर देना है, जरूरत पड़ने पर तारीख 
बढ़ भी सकती है, लेकिन आप देरी 
मत करें, अंतिम तारीख बढ़ने का भी 
इंतजार मत करें
-31 जुलाई या कोई नई डेडलाइन) के 
बाद रिटर्न भरने पर ₹10,000 तक 
का जुर्माना देना पड़ सकता है

-डेडलाइन के बाद 31 दिसंबर 2018
 तक रिटर्न भरने पर जुर्माना ₹5,000
और 31 दिसंबर के बाद जुर्माना बढ़कर 
₹10,000 हो जाएगा
-अगर किसी टैक्सपेयर की सालाना 
आय ₹5 लाख रुपए तक है तो उसके 
लिए अधिकतम जुर्माना ₹1,000 होगा

-आईटी रिटर्न में रिवीजन की अवधि घटा 
दी गई
-अगर 31 जुलाई 2018 तक रिटर्न फाइल 
करने के दौरान उसमें किसी तरह की गलती 
होती है, तो टैक्सपेयर के पास रिवाइज्ड रिटर्न
फाइल करने के लिए 31 मार्च 2019 तक का 
समय होगा। लेकिन अभी तक टैक्सपेयर को 
इसके लिए दो साल तक का समय मिलता था, 
जिसे अब एक साल कर दिया गया है


आपको बता दूं कि आयकर विभाग ने नियमों में कुछ बदलाव किये हैं। इन बदलावों की वजह से आईटी रिटर्न फाइल  करने में खास सावधानी बरतने की जरूरत है। 

>IT रिटर्न फॉर्म में बदलाव:
-नौकरीपेशा लोगों के लिए जारी ITR फॉर्म 1 
यानी सहज में अब ज्यादा जानकारी देनी होगी
-सहज में अपनी सैलरी का ब्रेकअप बताना होगा
-कुल सैलरी, सारे अलाउंसेस, पर्क्स, इनकम टैक्स
छूट के लिए क्लेम किए गए डिडक्शंस सबकी 
जानकारी देनी होगी 

-कंपनी से मिलने वाले फॉर्म 16 में ये सब जानकारी 
दी जाती है और पहले आईटी रिटर्न फॉर्म में इसकी
जानकारी नहीं देनी होती थी, लेकिन अब फॉर्म 16 
रहने पर भी आईटी रिटर्न में इसकी जानकारी देनी
होगी। 
-घर से होने वाली आय का पूरा ब्यौरा देना जरूरी;
जैसे कुल किराया, किराएदार का पैन नंबर, लोकल 
अथॉरिटी को चुकाए गए टैक्स (प्रॉपर्टी टैक्स),  होम 
लोन लेने पर उस पर चुकाए गए ब्याज, हाउस प्रॉपर्टी 
से होने वाली कमाई की जानकारी 

-छोटे बिजनेसमैन जो ITR-4 फॉर्म भरते हैं, उन्हें 
अब अपना GST आइडेंटिफिकेशन नंबर, GST
के तहत घोषित टर्नओवर का खुलासा करना होगा
-जो लोग किसी फर्म में पार्टनर हैं, अब उन्हें ITR-2 
की बजाय ITR-3 में अपना रिटर्न भरना होगा

>IT रिटर्न -1 यानी सहज किसके लिए:
-जिनकी सालाना इनकम ₹50 लाख 
से अधिक नहीं हो, जिनके आय का 
स्रोत- सैलरी या पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी,
अन्य स्रोत (लॉटरी या घुड़दौड़ की 
आय छोड़कर) हो
-NRI अब ITR-1 में रिटर्न नहीं 
भरेंगे, उन्हें ITR-2 भरना होगा

>अगर आप IT रिटर्न फॉर्म में 
-इनकम कम बताते हैं या
-कटौती बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हैं या
-इनकम टैक्स कानूनों का उल्लंघन करते हैं,तो
आपके खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही आपके
Employer को भी इसकी सूचना दी जाएगी। 
-टैक्स सलाहकार या सीए के गलत फायदे की 
सलाह मत मानें:  इनकम टैक्स
-किसी के बहकावे में आकर गलत जानकारी ना दें-इनकम टैक्स
-गलत जानकारी देना कर चोरी मानी जाएगी-इनकम टैक्स 


>किस तरह की कार्रवाई?

-गलत जानकारी पकड़े जाने पर ना
 सिर्फ जुर्माना लगेगा बल्कि जेल भी 
हो सकती है
-इनकम टैक्स के कानून के तहत मुकदमा
दर्ज किया जा सकता है
-अदालती कार्रवाई का सामना करना 
पड़ सकता है
-कोई रिफंड बनता है तो टैक्सपेयर्स को लंबा 
इंतजार करना पड़ सकता है

-विभिन्न जांच एजेंसियों जैसे ईडी बगैरह को 
भी जांच का जिम्मा सौंपा जा सकता है
-जहां आप काम करते हैं, वहां भी आपके 
खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है
-सरकारी कर्मचारी हैं तो सतर्कता विभाग
को जांच सौंपी जा सकती है
-रिटर्न भरने में गलत सलाह देने वालों के 
खिलाफ भी कार्रवाई मुमकिम

>कार्रवाई से कैसे बचें?
-रिवाइज्ड यानी संशोधित रिटर्न फाइल करें,
लेकिन निश्चित समयसीमा के भीतर 

आप पूछेंगे कि अगर किसी ने जानबूझकर नहीं, बल्कि गलती से गलत जानकारी दी है, तो कार्रवाई से बचने के क्या उपाय हैं। अगर आपको पता चल जाए कि आपसे आईटी रिटर्न फाइल करने में गलती हुई है, तो आप रिवाइज्ड यानी संशोधित आईटी रिटर्न फाइल कर सकते हैं, ये काम आपको निश्चित समय सीमा के  भीतर ही कर लेना होगा... 

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Rajanish Kant रविवार, 27 मई 2018
गलत IT रिटर्न भरने वाले नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स विभाग की चेतावनी...
क्या आप नौकरीपेशा हैं? क्या आपको आकलन वर्ष (एसेसमेंट ईयर) 2018-19 यानी वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर ) 2017-18 के लिए आईटी रिटर्न फाइल करना है? क्या आप आईटी रिटर्न फाइल करते समय इनकम कम बताते हैं या फिर ज्यादा टैक्स छूट का दावा करते हैं? अगर ऐसा करते हैं तो इस बार मतलब वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर ) 2017-18 के लिए आईटी रिटर्न फाइल करते समय ऐसी गलती मत दोहराइएगा, वरना लेने के देने पड़ सकते हैं। 

दरअसल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चेतावनी दी है कि कोई नौकरीपेशा अगर आईटी रिटर्न में अपनी इनकम को कम करते दिखाता है या फिर ज्यादा इनकम टैक्स छूट का दावा करते हुए पकड़ा जाता है या फिर इनकम टैक्‍स नियमों का उल्‍लंघन करता है तो उसके खिलाफ ना केवल मुकदमा दर्ज किया जाएगा, बल्कि उसके एम्‍पलॉयर को भी उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा जाएगा। आईटीआर की जांच-पड़ताल करने वाले बेंगलुरु स्थित इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के केंद्रीय  प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) ने टैक्सपेयर्स को टैक्स सलाहकारों और चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि की गलत सलाह में नहीं पड़ने की भी नसीहत दी है। डिपार्टमेंट का कहना है कि अक्सर ऐसे टैक्स सलाहकार गलत दावों के जरिये करदाताओं को टैक्स में छूट का लालच देते हैं। 

डिपार्टमेंट ने तो यहां तक कहा कि ऐसी कई शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें सलाहकारों के कहने पर आईटीआर में गड़बड़ियां की गईं।

अगर आप ऐसी गड़बड़ियां करते हुए पकड़े जाते हैं तो इनकम टैक्स कानून के तहत ऐसा करने पर जुर्माना और सजा हो सकती है। इससे रिकॉर्ड खराब होने पर रिफंड में भी समस्या आ सकती है। आयकर विभाग ने जनवरी में ऐसे ही एक रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जिसमें कर सलाहकारों और आईटी कंपनियों के कर्मियों का गलत रिटर्न भरकर टैक्स रिफंड लिया जाता था। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। विभाग ने 50 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले कर्मियों के लिए आईटीआर-1 यानी सहज फॉर्म ई रिटर्न फाइलिंग पोर्टल पर 17 अप्रैल से उपलब्ध करा दिया है। आईटीआर की आखिरी तिथि 31 जुलाई, 2018 है।

Rajanish Kant बुधवार, 18 अप्रैल 2018
जानें इनकम टैक्स स्लैब और रेट्स वित्त वर्ष 2016-17 (असेसमेंट ईयर 2017-18) के लिए
हर वित्तीय वर्ष में हम आयकर देते हैं। करदाताओं से आयकर उनकी ग्रॉस टोटल इनकम के हिसाब से वसूला जाता है। आयकर की गणना इनकम टैक्स स्लैब और उसके तय दरों के आधार पर की जाती है। 

आमतौर पर केंद्र सरकार हर साल फरवरी में अपना वार्षिक बजट पेश करते समय आयकर स्लैब और दरों की घोषणा करती है।  

वित्त वर्ष 2016-17 (असेसमेंट ईयर 2017-18) के लिए आयकर स्लैब और दर इस प्रकार है...
> 60 साल तक की उम्र वालों के लिए:
नेट इनकम रेंज
इनकम टैक्स रेट
एजुकेशन सेस
(शिक्षा उपकर)
सेकंडरी और हायर एजुकेशन सेस
₹ 2.5 लाख तक
0
0
0
2.5 लाख-5 लाख
कुल आमदनी में से 2.5 लाख घटाकर उसका 10%
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%
₹ 5 लाख- 10 लाख
कुल आमदनी में से 5 लाख घटाकर उसका 20%+₹ 25 हजार
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%
₹ 10 लाख से अधिक
कुल आमदनी में से 10 लाख घटाकर उसका 30% + ₹ 1.25 लाख
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%

>60-80 साल तक की उम्र वालों के लिए:
नेट इनकम रेंज
इनकम टैक्स रेट
एजुकेशन सेस
(शिक्षा उपकर)
सेकंडरी और हायर एजुकेशन सेस
₹ 3 लाख तक
0
0
0
3 लाख-₹ 5 लाख
कुल आमदनी में से 3 लाख घटाकर उसका 10%
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%
₹ 5 लाख- 10 लाख
कुल आमदनी में से 5 लाख घटाकर उसका 20%+₹ 20 हजार
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%
₹ 10 लाख से अधिक
कुल आमदनी में से 10 लाख घटाकर उसका 30% + ₹ 1.20 लाख
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%

>80 साल से अधिक की उम्र वालों के लिए:
नेट इनकम रेंज
इनकम टैक्स रेट
एजुकेशन सेस
(शिक्षा उपकर)
सेकंडरी और हायर एजुकेशन सेस
₹ 5 लाख तक
0
0
0
5 लाख-₹ 10 लाख
कुल आमदनी में से 5 लाख घटाकर उसका 20%
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%
10 लाख से अधिक
कुल आमदनी में से 10 लाख घटाकर उसका 20%+₹ 1 लाख
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%

((इनकम टैक्स कितना है चुकाना, मुश्किल नहीं गणना करना (वित्त वर्ष 2015-16 के लिए)
((आय के संयोजन (Clubbing of Income) के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब
((आम बजट 2016-17: आपके पैसों से जुड़े प्रस्ताव और उनके संभावित असर 
((आम बजट 2016-17 को ग्राफिक्स के जरिए जानें 
((आम बजट 2016-17: इनकम टैक्‍स स्‍लैब में कोई बदलाव नहीं, लेकिन छोटे करदाताओं, किराएदारों को बड़ी राहत
((आयकर (इनकम टैक्स) के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब
(फिशिंग (जालसाजी) क्या है, कैसे होते हैं इसके नमूने, इससे बचाव के उपाय
((इनकम टैक्स का नोटिस मिला है, क्या करूं ? 
((टैक्स फ्री बॉन्ड, एफडी, पीपीएफ में बेहतर कौन ? 
((सुकन्या समृद्धि योजना (SSY),PPF या फिर टैक्स सेविंग FD !
((NPS और PF में से बेहतर कौन ?
((अबकी बार, अप्रैल से ही शुरू कर दें टैक्स प्लान 
((अप्रैल खत्म, टैक्स प्लानिंग की गाड़ी आगे बढ़ी या नहीं
(पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन्स-Capital Gains) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब
((पैन (PAN) और टैन (TAN) में क्या अंतर है
((जाने कर मुक्त (टैक्स फ्री) आमदनी के बारे में
((गृह संपत्ति के तहत किस आमदनी पर कर लागू किया जाता है ?
((उपहार को लेकर कर के प्रावधानों के बारे में जानें
((टैक्सपेयर्स की आय में कौन-कौन सी कैटेगरी शामिल है

Rajanish Kant बुधवार, 28 दिसंबर 2016