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गलत IT रिटर्न भरने वाले नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स विभाग की चेतावनी...
क्या आप नौकरीपेशा हैं? क्या आपको आकलन वर्ष (एसेसमेंट ईयर) 2018-19 यानी वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर ) 2017-18 के लिए आईटी रिटर्न फाइल करना है? क्या आप आईटी रिटर्न फाइल करते समय इनकम कम बताते हैं या फिर ज्यादा टैक्स छूट का दावा करते हैं? अगर ऐसा करते हैं तो इस बार मतलब वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर ) 2017-18 के लिए आईटी रिटर्न फाइल करते समय ऐसी गलती मत दोहराइएगा, वरना लेने के देने पड़ सकते हैं। 

दरअसल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चेतावनी दी है कि कोई नौकरीपेशा अगर आईटी रिटर्न में अपनी इनकम को कम करते दिखाता है या फिर ज्यादा इनकम टैक्स छूट का दावा करते हुए पकड़ा जाता है या फिर इनकम टैक्‍स नियमों का उल्‍लंघन करता है तो उसके खिलाफ ना केवल मुकदमा दर्ज किया जाएगा, बल्कि उसके एम्‍पलॉयर को भी उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा जाएगा। आईटीआर की जांच-पड़ताल करने वाले बेंगलुरु स्थित इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के केंद्रीय  प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) ने टैक्सपेयर्स को टैक्स सलाहकारों और चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि की गलत सलाह में नहीं पड़ने की भी नसीहत दी है। डिपार्टमेंट का कहना है कि अक्सर ऐसे टैक्स सलाहकार गलत दावों के जरिये करदाताओं को टैक्स में छूट का लालच देते हैं। 

डिपार्टमेंट ने तो यहां तक कहा कि ऐसी कई शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें सलाहकारों के कहने पर आईटीआर में गड़बड़ियां की गईं।

अगर आप ऐसी गड़बड़ियां करते हुए पकड़े जाते हैं तो इनकम टैक्स कानून के तहत ऐसा करने पर जुर्माना और सजा हो सकती है। इससे रिकॉर्ड खराब होने पर रिफंड में भी समस्या आ सकती है। आयकर विभाग ने जनवरी में ऐसे ही एक रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जिसमें कर सलाहकारों और आईटी कंपनियों के कर्मियों का गलत रिटर्न भरकर टैक्स रिफंड लिया जाता था। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। विभाग ने 50 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले कर्मियों के लिए आईटीआर-1 यानी सहज फॉर्म ई रिटर्न फाइलिंग पोर्टल पर 17 अप्रैल से उपलब्ध करा दिया है। आईटीआर की आखिरी तिथि 31 जुलाई, 2018 है।

Rajanish Kant बुधवार, 18 अप्रैल 2018