1 अप्रैल 2018 से आपके पैसों पर असर डालने वाले 11 बदलाव
Rajanish Kant
शनिवार, 31 मार्च 2018
प्रथम वर्ष में लगभग 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति की आशा |
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने 1 लाख रुपये से ज्यादा के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया, जिसके तहत किसी भी सूचीकरण का लाभ लेने की अनुमति नहीं होगी। आज यहां संसद में पेश किए गए आम बजट 2018-19 में श्री जेटली ने कहा कि 31 जनवरी, 2018 तक की समस्त प्राप्तियों को एकीकृत किया जाएगा। श्री जेटली ने आर्थिक विकास के लिए एक जीवंत शेयर बाजार की अहमियत को स्वीकार करते हुए श्री जेटली ने वर्तमान व्यवस्था में सिर्फ एक मामूली बदलाव का प्रस्ताव रखा है।
वित्त मंत्री ने इक्विटी उन्मुख म्यूचुअल फंड द्वारा वितरित आय पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाने का भी प्रस्ताव किया है, ताकि विकास उन्मुख फंडों और लाभांश वितरक फंडों के लिए समान अवसर संभव हो सके। उन्होंने विस्तार से बताया कि प्राप्त धनराशि को एकीकृत करने को ध्यान में रखते हुए पूंजीगत लाभ कर में इस बदलाव से प्रथम वर्ष यथा 2018-19 में लगभग 20,000 करोड़ रुपये की सामान्य राजस्व प्राप्ति होगी। हालांकि, बाद के वर्षों में इससे प्राप्त होने वाला राजस्व में बढ़ोतरी हो सकती है।
वित्त मंत्री नें यह भी कहा कि वर्तमान समय में सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों, इक्विटी उन्मुख फंड की यूनिटों और किसी कारोबारी ट्रस्ट की यूनिट के हस्तांतरण से प्राप्त होने वाला दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर मुक्त है। सरकार द्वारा लागू किए गए सुधारों और अब तक दिए गए प्रोत्साहनों की बदौलत इक्विटी बाजार में तेज़ उछाल देखी जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘कर निर्धारण वर्ष 2017-18 के लिए दाखिल किए गए रिटर्नों से पता चला है कि सूचीबद्ध शेयरों और यूनिटों पर छूट प्राप्त पूंजीगत लाभ की कुल राशि लगभग 3,67,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को छू गई है। इस लाभ का बड़ा हिस्सा कंपनियों और सीमित दायित्व वाली देनदारियों (एलएलपी) के खाते में गया है। इससे विनिर्माण के खिलाफ पूर्वाग्रह की स्थिति बनी है, जिस वजह से अब और ज्यादा कारोबारी अधिशेष राशि को वित्तीय परिसंपत्तियों में निवेश किया जा रहा है। यहां तक कि कर छूट के बगैर भी इक्विटी में निवेश पर रिटर्न पहले ही अत्यंत आकर्षक हो गया है। यही कारण है कि सूचीबद्ध इक्विटी अथवा शेयरों पर होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को टैक्स के दायरे में लाना जरूरी हो गया है।‘
(Source: pib.nic.in)
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वरिष्ठ नागरिकों को राहत : जमा योजनाओं से होने वाली आय में छूट की सीमा बढ़ाकर 50 हजार रुपए की गई प्रधानमंत्री वय वंदना योजना मार्च 2020 तक जारी रहेगी प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के अंतर्गत निवेश की वर्तमान सीमा को बढ़ाकर 15 लाख रुपए किया गया |
वरिष्ठ नागरिकों को गरिमापूर्ण जीवन प्रदान करने के लिए केन्द्रीय वित्य एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण रियायतों की घोषणा की है।
संसद में आज आम बजट 2018-19 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों तथा डाकघरों में जमा राशि पर ब्याज आय में छूट 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए की गई है तथा आयकर धारा 194ए के तहत स्रोत पर आयकर की कटौती नहीं की जाएगी। यह लाभ सावधि जमा योजनाओं तथा आवर्ती जमा योजनाओं में प्राप्त होने वाले ब्याज के लिए भी उपलब्ध होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि धारा 80डी के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या चिकित्सा व्यय हेतु कटौती सीमा को 30 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है। अब सभी वरिष्ठ नागरिक किसी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या किसी चिकित्सा के संदर्भ में 50 हजार रुपए प्रतिवर्ष तक कटौती के लाभ का दावा कर सकेंगे।
वित्त मंत्री ने धारा 80डीडीबी के अंतर्गत गंभीर बीमारी से संदर्भ में चिकित्सा खर्च के लिए कटौती सीमा को वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 60 हजार रुपए से और अति वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 80 हजार रुपए से बढ़ाकर सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक लाख रुपए का प्रस्ताव किया।
इन रियायतों से वरिष्ठ नागरिकों को 4 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर लाभ प्राप्त होगा।
टैक्स रियायतों के अतिरिक्त वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री वय वंदना योजना को मार्च 2020 तक बढ़ाया गया है। पहले यह तारीख मई 2018 थी। सरकार ने मई 2017 में इस योजना को शुरू किया था। इस योजना के तहत भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा 8 प्रतिशत निश्चित प्रतिलाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत प्रति वरिष्ठ नागरिक 7.5 लाख रुपए की मौजूदा निवेश सीमा को बढ़ाकर 15 लाख रुपए किया जा रहा है।
पेंशन योजना प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) लांच, योजना केवल सीनियर सिटीजन के लिए, जानिए खास बातें |