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इंश्योरेंस क्लेम सेटलमेंट को लेकर बहुत बड़ा झंझट खत्म!
कोई भी शख्स जब इंश्योरेंस पॉलिसी (जीवन, हेल्थ या साधारण) लेता है तो उसकी सबसे चिंता क्लेम सेटलमेंट को लेकर रहती है। कितने दिनों में क्लेम सेटलमेंट होगा, इसको लेकर पॉलिसीहोल्डर काफी परेशान रहते हैं। लेकिन, इंश्योरेंस रेगुलेटर आईआरडीए ने इस परेशानी को कुछ हद तक कम करने की कोशिश की है। 

रेगुलेटर ने सभी इंश्योरेंस कंपनियों से पॉलिसीहोल्डर को क्लेम सेटलमेंट से जुड़ी स्थिति (स्टैटस) की नियमित जानकारी देने को कहा है। आईआरडीए ने सर्कुलर जारी कर इसे एक जुलाई 2019 से अनिवार्य किया है। रेगुलेटर का मानना है कि पॉलिसीहोल्डर को साफ-सुथरे शब्दों में और पारदर्शी तरीके से जानकारी देना इंश्योरेंस कंपनियों का कर्तव्य होना चाहिए। 

इंश्योरेंस कंपनियों से क्लेम सेटलमेंट मैकेनिज्म विकसित करने के लिए कहा गया है। उन्हें पॉलिसीहोल्डर को अंग्रेजी, हिन्दी या दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं में ई-मेल, मोबाइल या जैसे भी जल्द से संभव हो, क्लेम सेटलमेंट स्टैटस की जानकारी देनी होगी। 

IRDA का इस बारे में सर्कुलर डीटेल्स में पढ़ें

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Rajanish Kant बुधवार, 10 अप्रैल 2019
IREDA यानी इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी ने IPO के लिए अर्जी दी
सरकारी कंपनी IREDA यानी इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी ने आईपीओ के लिए इक्विटी और कमोडिटी रेगुलेटर सेबी को अर्जी दी है। कंपनी ऐसे समय पर आईपीओ ला रही है जब सरकार क्लीन और रिन्यूएबल एनर्जी को लगातार बढ़ावा दे रही है। 

प्रस्तावित आईपीओ के तहत कंपनी 13.90 करोड़ शेयर बेचेगी,जिसमें से 6.95 लाख शेयर कंपनी के योग्य कर्मचारियों के लिए आरक्षित रहेंगे। आईपीओ से मिले पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपने सामान्य कामकाज और भविष्य की पूंजी की जरूरतों को पूरा करने में करेगी। 

IREDA के प्रस्तावित आईपीओ को Yes Securities (India), Elara Capital (India) Pvt Ltd, IDBI Capital Markets & Securities and SBI Capital Markets जैसी कंपनियां मैनेज करेगी। जून 2017 में सीसीईए यानी आर्थिक मामलों की केंद्रीय कमिटी ने रिन्यूएबल प्रोजेक्ट के लिए पैसों की जरूरत को पूरी करने के लिए इसके आईपीओ की मंजूरी दी थी। 

आपको बता दूं कि IREDA की स्थापना मार्च 1987 में कंपनी एक्ट, 1956 के तहत हुई थी। यह एनबीएफसी यानी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी के तौर पर रिजर्व बैंक से रजिस्टर्ड है। 

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(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: निवेशक IPO के प्रोस्पेक्टस का कौन सा हिस्सा सबसे ज्यादा पढ़ते हैं?
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Rajanish Kant बुधवार, 27 दिसंबर 2017