भारतीय रिज़र्व बैंक ने केएलएम एक्सिवा फिनवेस्ट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 24 मार्च 2025 के आदेश द्वारा केएलएम एक्सिवा फिनवेस्ट लिमिटेड (कंपनी) पर ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023’ संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों में उल्लिखित ‘लाभांश की घोषणा’ से संबंधित आवश्यकताओं के अननुपालन के लिए ₹10 लाख (दस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
अंतरिम लाभांश की घोषणा की सूचना से संबंधित पत्राचार से, अन्य बातों के साथ-साथ, भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का पता चला। उक्त के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर कंपनी के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह पाया कि कंपनी के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:
कंपनी ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों में प्रत्येक वर्ष में न्यूनतम विवेकपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा नहीं करने के बावजूद वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए लाभांश घोषित किया।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा इसके ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(Source: www.rbi.org.in)
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