भारतीय रुपया और स्थानीय/ राष्ट्रीय मुद्राओं में सीमा-पारीय लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए किये गए उपाय

सीमा-पारीय लेनदेनों के निपटान हेतु भारतीय रुपया और स्थानीय / राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग को
प्रोत्साहित करने संबंधी उपाय – फेमा विनियमों का उदारीकरण



व्यापारिक लेन-देन के लिए भारतीय रुपया (आईएनआर) के अधिक उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए, जुलाई 2022 में, विशेष रुपया वॉस्ट्रो खाता (एसआरवीए) के रूप में एक अतिरिक्त व्यवस्था शुरू की गई थी। तब से कई विदेशी बैंकों ने भारत में बैंकों के साथ एसआरवीए खोले हैं। रिज़र्व बैंक ने स्थानीय मुद्राओं में सीमा-पारीय लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया और मालदीव के केंद्रीय बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा, दिसंबर 2023 में सभी विदेशी मुद्राओं (व्यापार भागीदार देशों की स्थानीय मुद्राओं सहित) और आईएनआर में सीमा-पारीय लेनदेन को सक्षम करने के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन (प्राप्ति और भुगतान का तरीका) विनियमों को संशोधित किया गया था।

भारतीय रुपया और स्थानीय/ राष्ट्रीय मुद्राओं में सीमा-पारीय लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए, केंद्र सरकार के परामर्श से भारतीय रिज़र्व बैंक ने फेमा, 1999 के अंतर्गत जारी मौजूदा विनियमों की आगे की समीक्षा की है। तदनुसार, वर्तमान फेमा विनियमों में निम्नलिखित परिवर्तन किए गए हैं:

ए. प्राधिकृत व्यापारी बैंकों की विदेशी शाखाएं, भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति के लिए, भारत में निवासी किसी व्यक्ति के साथ सभी स्वीकार्य चालू खाता और पूंजी खाता लेनदेन के निपटान के लिए आईएनआर खाते खोल सकेंगी।

बी. भारत के बाहर रहने वाले व्यक्ति, अपने प्रत्यावर्तनीय आईएनआर खातों, यथा विशेष अनिवासी रुपया खाता और एसआरवीए, में शेष राशि का उपयोग करके भारत के बाहर रहने वाले अन्य व्यक्तियों के साथ वास्तविक लेनदेन का निपटान कर सकेंगे।

सी. भारत से बाहर रहने वाले व्यक्ति, प्रत्यावर्तनीय आईएनआर खातों में रखी गई अपनी शेष राशि का उपयोग, गैर-ऋण लिखतों में एफडीआई सहित, विदेशी निवेश के लिए कर सकेंगे।

डी. भारतीय निर्यातक व्यापार लेनदेन के निपटान, जिसमें निर्यात आय प्राप्त करना और इस आय का उपयोग आयात के भुगतान के लिए करना शामिल है, के लिए विदेशों में किसी भी विदेशी मुद्रा में खाते खोल सकेंगे।

इन परिवर्तनों को प्रभावी करने संबंधी संशोधित विनियम1 और निदेश जारी कर दिए गए हैं।

1 विदेशी मुद्रा प्रबंधन (जमा) (पांचवां संशोधन) विनियमन, 2025
विदेशी मुद्रा प्रबंधन (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाते) (पांचवां संशोधन) विनियमन, 2025
विदेशी मुद्रा प्रबंधन (गैर-ऋण लिखतों के भुगतान और रिपोर्टिंग का तरीका) (तीसरा संशोधन) विनियमन, 2025

(साभार: www.rbi.org.in)

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