FOMC Meeting: अमेरिका के Federal Reserve ने फिर बढ़ाया ब्याज, भारत पर 4 बड़े संभावित असर


अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने 31 जनवरी से 1 फरवरी तक हुई दो दिवसीय बैठकों में प्रमुख दरों में उम्मीद के मुताबिक 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। फेडरल रिजर्व के प्रमुख दरों की बढ़ोतरी के फैसले के बाद फेडरल फंड रेट 4.50-4.75 प्रतिशत के दायरे में आ गया है।

फेडरल रिजर्व के चेयरमैन ने इस फैसले के बाद कहा कि बढ़ती महंगाई से लोगों को राहत देने के लिए प्रमुख दरों में इजाफा किया गया है। उनका कहना है कि महंगाई दर को 2 प्रतिशत से नीचे रखना फेडरल रिजर्व का मकसद है। इससे पहले दिसंबर में प्रमुख दर 0.50 प्रतिशत बढ़ाया गया था। 

इसी बीच अमेरिकी की इकोनॉमी की विकास दर काफी धीमी हुई है। वास्तविक जीडीपी 1 प्रतिशत के नीचे आ गई है। यह भी माना जा रहा है कि ब्याज दर बढ़ने से लगातार होम लोन महंगे हो रहे हैं, जिससे हाउसिंग सेक्टर कमजोर हो रहा है। 

फेडरल रिजर्व ने हालांकि ये भी माना है कि मौद्रिक पॉलिसी को सख्त करने के बाद भी रोजगार का बाजार गुलजार है और बेरोजगारी की दर 50 साल के निचले स्तर पर है। महंगाई अभी भी फेडरल रिजर्व के लंबी अवधि के लक्ष्य 2 प्रतिशत के ऊपर बनी हुई है। पिछले साल पीसीई Personal consumption expenditures (PCE) 5 प्रतिशत दर्ज की गई थी। 

फेडरल रिजर्व के स्टेटबैंक को विस्तार से पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें



 >फेडरल रिजर्व के फैसले का असर: 

1- भारतीय शेयर बाजार में गिरावट मुमकिन

2- डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए में और कमजोरी मुमकिन

3- आरबीआई द्वारा अगली बैठक में प्रमुख दरों में बढ़ोतरी मुमकिन, जिससे लोन और महंगे होंगे, जबकि एफडी पर ब्याज बढ़ेगा 

4- सोने की कीमतों में गिरावट मुमकिन 

('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

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