निदेशक मंडल का अधिक्रमण और प्रशासक की नियुक्ति - श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड और श्रेई
इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईई (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, रिज़र्व बैंक ने श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड (एसआईएफएल) और श्रेई इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड (एसईएफएल) के निदेशक मंडल को, अभिशासन संबंधी चिंताओं तथा पूर्वोक्त कंपनियों द्वारा अपने विभिन्न भुगतान दायित्वों को पूरा करने में चूक के कारण अधिक्रमित कर दिया है। श्री रजनीश शर्मा, पूर्व मुख्य महाप्रबंधक, बैंक ऑफ बड़ौदा को आरबीआई अधिनियम की धारा 45-आईई (2) के तहत उक्त कंपनियों का प्रशासक नियुक्त किया गया है। रिज़र्व बैंक ने शीघ्र ही दिवाला और शोधन अक्षमता (वित्तीय सेवा प्रदाताओं की दिवाला और परिसमापन कार्यवाही और न्यायनिर्णायक प्राधिकरण को आवेदन) नियम, 2019 के तहत उपरोक्त दो एनबीएफसी के समाधान की प्रक्रिया शुरू करने का इरादा भी किया है और एनसीएलटी में दिवाला समाधान पेशेवर के रूप में प्रशासक की नियुक्ति के लिए आवेदन भी करेगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एसआईएफ़एल और एसईएफ़एल के निदेशक मंडल को अधिक्रमित कर दिया है और श्री रजनीश शर्मा, पूर्व मुख्य महाप्रबंधक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा को प्रशासक के रूप में नियुक्त किया है। रिज़र्व बैंक ने आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 45-आईई (5) (ए) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रशासक को उनके कर्तव्यों के निर्वहन में सहायता करने के लिए तीन सदस्यीय सलाहकार समिति का गठन किया है। सलाहकार समिति के सदस्य इस प्रकार हैं:
1. श्री आर. सुब्रमण्यकुमार, पूर्व एमडी और सीईओ, इण्डियन ओवरसीज़ बैंक
2. श्री टी टी श्रीनिवासराघवन, पूर्व प्रबंध निदेशक, सुंदरम फाइनेंस लिमिटेड
3. श्री फारुख एन सूबेदार, पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी और कंपनी सचिव, टाटा संस लिमिटेड
यह भी उल्लिखित है कि दिवाला और शोधन अक्षमता (वित्तीय सेवा प्रदाताओं की दिवाला और परिसमापन कार्यवाही और न्यायनिर्णायक प्राधिकरण को आवेदन) नियम, 2019, संबंधित वित्तीय क्षेत्र के विनियामक को कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के दौरान वित्तीय सेवा प्रदाता के परिचालन में प्रशासक को परामर्श देने के लिए सलाहकारों की एक समिति नियुक्त करने का प्रावधान करता है।
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
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