RBI की मौद्रिक पॉलिसी कमेटी की बैठक आज से, 5 दिसंबर को रेट पर फैसला, ब्याज दर में कटौती संभव

2019-20 के पांचवें द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के लिए मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 3 से 5 दिसंबर 2019 के दौरान आयोजित की जाएगी। एमपीसी का संकल्प 5 दिसंबर 2019 को पूर्वाह्न 11.45 बजे वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा। 

>RBI की प्रमुख दर:
नीति रिपो दर: 5.15%
प्रत्‍यावर्तनीय रिपो दर: 4.90%
सीमांत स्‍थायी सुविधा दर: 5.40%
बैंक दर: 5.40%
सीआरआर: 4%
एसएलआर: 18.50%
आधार दर: 8.95% - 9.40%
एमसीएलआर (ओवरनाइट): 7.65% - 8.10%
बचत जमा दर: 3.25% - 3.50%
सावधि जमा दर > 1 वर्ष: 6.25% - 6.60%






देश की आर्थिक वृद्धि में गिरावट को देखते हुए जानकार प्रमुख दरों में 0.25 प्रतिशत तक की कटौती का अनुमान जता रहे हैं। अगर इस बार भी प्रमुख दरों में कटौती होती है तो यह इस साल की प्रमुख दरों में लगातार छठवीं कटौती होगी। 

हाल ही में जारी किए जीडीपी आंकड़े दर्शाते हैं कि देश की आर्थिक वृद्धि में गिरावट का सिलसिला जारी है। विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत पर रह गयी।


यह छह साल का न्यूनतम स्तर है।



एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी। वहीं चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी।



वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर का आंकड़ा 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही के बाद से सबसे कम है। उस समय यह 4.3 प्रतिशत रही थी।



राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत रही। वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में यह 6.9 प्रतिशत थी।



दूसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में जीवीए के आधार पर उत्पादन एक प्रतिशत गिरा है। एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी।



इसी प्रकार, कृषि क्षेत्र में जीवीए की वृद्धि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में नरम होकर 2.1 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 4.9 प्रतिशत थी।



निर्माण क्षेत्र की जीवीए वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 3.3 प्रतिशत रही जो एक साल पहले 2018-19 की दूसरी तिमाही में 8.5 प्रतिशत थी। खनन क्षेत्र में वृद्धि 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 2.2 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।



बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य सामाजिक सेवाओं की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में धीमी पड़कर 3.6 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 8.7 प्रतिशत थी। इसी प्रकार, व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से जुड़ी सेवाओं की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 6.9 प्रतिशत थी।



आंकड़ों के अनुसार वित्तीय, रीयल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 7 प्रतिशत थी।



वहीं दूसरी तरफ सार्वजनिक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में सुधरकर 11.6 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 8.6 प्रतिशत थी।



छमाही आधार पर (अप्रैल-सितंबर 2019) में जीडीपी वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 7.5 प्रतिशत थी।



एनएसओ के बयान के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर के दौरान स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 35.99 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 34.43 लाख करोड़ रुपये था। इस प्रकार, दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही।



निवेश का पैमान समझा जाने वाला सकल स्थिर पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) स्थिर मूल्य (2011-12) चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 10.83 लाख करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 11.16 लाख करोड़ रुपये था।



जीडीपी के संदर्भ में चालू और स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीएफसीएफ दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में क्रमश: 27.3 प्रतिशत और 30.1 प्रतिशत रही। वहीं पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में ये क्रमश: 29.2 प्रतिशत और 32.4 प्रतिशत थी।



बयान के अनुसार आलोच्य तिमाही में जीफसीएफ वृद्धि दर में चालू और स्थिर मूल्य पर क्रमश: 0.9 प्रतिशत और 3.0 प्रतिशत की गिरावट आयी। जबकि 2018-19 की दूसरी तिमाही में इसमें क्रमश: 16.2 प्रतिशत और 11.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।



उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक समेत कई एजेंसियों ने 2019-20 के लिये देश की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को घटाया है। रिजर्व बैंक के अनुसार 2019-20 में यह 6.1 प्रतिशत रह सकती है जबकि पूर्व में उसने इसके 6.9 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी थी।



चीन की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 6 प्रतिशत रही जो 27 साल का न्यूनतम स्तर है।



इस बीच, सरकारी आंकड़ों के अनुसार आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर में अक्टूबर महीने में 5.8 प्रतिशत की गिरावट आयी। यह आर्थिक नरमी गहराने का संकेत है।



आठ में से छह बुनियदी उद्योगों के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गयी है।







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