बिजली मंत्रियों की बैठक में सातो दिन- चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति व्यवस्था मजबूत बनाने पर होगा जोर


राज्यों के बिजली मंत्रियों की इस सप्ताहांत गुजरात में होने जा रही बैठक में सभी ग्राहकों को सातों दिन 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने, सेवा में कमी पर वितरण कंपनियों पर जुर्माना के साथ क्षेत्र को ग्राहक केंद्रित बनाने से जुड़ी नई प्रशुल्क नीति समेत प्रस्तावित सुधारों पर व्यापक विचार-विमर्श किये जाने की संभावना है।

नर्मदा जिले में ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ के पास टेंट सिटी में 11 अक्टूबर को शुरू हो रही दो दिवसीय बैठक में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के शामिल होने की संभावना है।

यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक कंपनियों का राज्य बिजली वितरण कंपनियों पर बकाया जुलाई की स्थिति के अनुसार 8,000 करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया है। वहीं आंध्र प्रदेश सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों के साथ पूर्व में हुए बिजली खरीद समझौते में कथित गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए उच्च दर से बिजली लेने से मना किया है और इसमें कमी किये जाने की मांग की है।

इसके अलावा वितरण कंपनियों के ऊपर स्वतंत्र बिजली उत्पादक कंपनियों का बकाया जून के अंत में 72,862 करोड़ रुपये पहुंच गया है जिसमें से 53,476 करोड़ रुपये पहले का बकाया है।

बैठक में बिजली मंत्री आर के सिंह अक्षय ऊर्जा कंपनियों के साथ हुए बिजली खरीद समझौते को पूर्ण रूप से पालन और उसका सम्मान करने पर जोर दे सकते हैं। साथ ही वह बिजली उत्पादक कंपनियों को समय पर भुगतान की व्यवस्था को भी प्रमुखता से रख सकते हैं।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बैठक में नवीकरणीय ऊर्जा के तहत जहां एक तरफ अति वृहत आकार के नवीकरणीय ऊर्जा पार्क स्थापित करने, पीएम कुसुम योजना के क्रियान्वयन, छतों पर लगने वाली सौर परियोजनाओं को लागू करने तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा का विकास जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी वहीं वितरण क्षेत्र में सभी को सातों दिन 24 घंटे बिजली आपूर्ति को लेकर मौजूदा स्थिति, निगरानी व्यवस्था तथा आगे की रूपरेखा पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा स्मार्ट प्रीपेड मीटर तथा तथा उदय योजना में प्रगति पर भी चर्चा की जाएगी।

अधिकारी के अनुसार ‘‘बिजली क्षेत्र व्यापक सुधार के दौर से गुजर रहा है। हमने वितरण कंपनियों के लिये साख पत्र को अनिवार्य किया है। इसके तहत बिजली खरीदने के लिये साख पत्र देना होगा। साथ ही नई प्रशुल्क नीति मंजूरी के लिये पहले से मंत्रिमंडल के पास है जिसमें सभी के लिये सातों दिन 24 घंटे बिजली की आपूर्ति को अनिवार्य बनाने का प्रावधान है।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘...हम राज्यों के साथ बैठेंगे और बिजली क्षेत्र को टिकाऊ, व्यवहारिक बनाने के उपायों पर चर्चा करेंगे। हमारा मकसद क्षेत्र को उपभोक्ता केंद्रित बनाना है।’’

सरकार वितरण क्षेत्र में सुधारों के तहत 24 घंटे बिजली नहीं मिलने पर संबंधित वितरण कंपनियों पर जुर्माना और उसे ग्राहकों को देने का प्रस्ताव किया है। साथ ही बिजली सब्सिडी सीधे ग्राहकों को देने तथा एक ही क्षेत्र एक से अधिक कंपनियों को बिजली आपूर्ति का लाइसेंस देने का प्रस्ताव किया है। बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा की उम्मीद है।

बैठक में तापीय बिजली परियोजनाओं को पर्यावरण अनुकूल बनाने, पनबिजली क्षेत्र को बढ़ावा देने जैसे मुदद्दों पर भी प्रमुखता से विचार किये जाने की संभावना है।

बैठक के एजेंडे के अनुसार ऊर्जा दक्षता के तहत वितरण कंपनियों को कुशल बनाने समेत राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा इमारतों को ऊर्जा दक्ष बनाने की योजना ईसीबीसी (एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड) के क्रियान्वयन में हुई प्रगति पर भी गौर किया जाएगा।




(साभार- पीटीआई भाषा)


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