अर्थव्यवस्था की सेहत में सुधार के लिये नये उपायों पर विचार कर रही सरकार


अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्रालय उपायों की एक और खुराक देने की तैयारी में है। देश की आर्थिक वृद्धि पिछली तिमाही में छह साल के निचले स्तर पांच प्रतिशत पर आ गई।

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रोत्साहन देने के लिए खाका तैयार है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले कुछ दिनों में इन उपायों की घोषणा करेंगी।

हालांकि , उन्होंने अर्थव्यवस्था के लिए उठाए जाने वाले इन कदमों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी।

बीते कुछ दिनों में सरकार ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई कदम उठाए हैं।

सरकार ने इससे पहले तीन चरणों में नये उपाय किए हैं। इसमें रीयल एस्टेट परियोजनाओं के लिये नया कोष बनाने, निर्यात क्षेत्र के लिये प्रोत्साहन , बैंकों का विलय और सूक्ष्म , लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) और वाहन क्षेत्र के लिए रियायतों की घोषणा शामिल है।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए तीन चरणों में कई उपाय किए हैं। साथ ही आगे और भी कदम उठाने के संकेत दिए।

सरकार ने पहले चरण (23 अगस्त) में विदेशी पोर्टफोलियो और घरेलू निवेशकों पर लगाया गया ऊंचा अधिभार वापस लिया है।

इसके बाद दूसरे चरण (30 अगस्त) में 10 सार्वजनिक बैंकों को मिलाकर चार बड़े सरकारी बैंक बनाने की घोषणा की गई। पिछले हफ्ते सरकार ने निर्यात और रीयल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं।

इस सप्ताह वित्त मंत्री जीएसटी परिषद की 37 वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगी। इस बैठक में वाहन , एफएमसीजी और होटल समेत विभिन्न क्षेत्र के लिए जीएसटी दरों में संशोधन पर चर्चा होने की उम्मीद है।


(साभार- पीटीआई भाषा)
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