सहारा के 13 हजार से ज्यादा निवेशकों के पैसे वापस मिले-सेबी

क्या आपने भी सहारा की किसी कंपनी में पैसा लगाया था, तो अपना खाता देख लीजिए, हो सकता है आपके पैसे वापस मिल गए हों। दरअसल शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि  31 मार्च 2019 तक 13,543 आवेदकों के 38,143 खातों में कुल 106.10 करोड़ रुपए रिफंड किए गए हैं। इस दौरान सेबी को 53,233 खातों के संबंध में 19,547 आवेदन मिले। 

2013 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की संपत्ति का जब्ती आदेश दिया था जिसके बाद कोर्ट के अलग-अलग दिशा-निर्देश के बाद सहारा से कुल 15,438 करोड़ रुपए की वसूली की गई है। सेबी ने इसकी जानकारी दी है। 

रेगुलेटर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 31 मार्च 2019 तक 20173 करोड़ रुपए (निवेशकों को देने के लिए वसूली की गई रकम और उसपर मिले ब्याज) राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा कराए जाने थे। 

बाजार नियामक सेबी को सहारा समूह के निवेशकों की ओर से धन वापसी के 20,000 से कम दावे प्राप्त हुए है और नियामक ने अभी उसमें से दो तिहाई दावेदारों को कुल 106.10 करोड़ रुपये की वापसी की है। गौरतलब है कि सहारा समूह द्वारा करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाई गयी गयी अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये की राशि की वसूली और वापसी के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में शुरू की गयी प्रक्रिया के छह साल से अधिक हो चुके हैं। 

सहारा समूह का कहना है कि इतने कम दावों का आना उसकी इस बात की पुष्टि करता है कि वह अपने 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को वह पहले ही सीधे धनवापसी कर चुका है। उसका कहना है कि उसने सेबी के पास जो पैसा जमा कराया है वह एक तरह से ‘दोहरा भुगतान है।’’ 

सहारा का कहना है कि सेबी के पास ‘निष्क्रिय’ पड़ी उसकी पूंजी उसे लौटायी जानी चाहिए ताकि वह उसका उपयोग अपने कारोबार के विस्तार और नयी नौकरियों के सृजन में कर सके। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार सहारा समूह की दो कंपनियों के 13,543 बांडधारकों ने धन वापसी के दावे पेश किए है। इन्हें सेबी ने 56.86 करोड़ रुपये मूलधन और 49.24 करोड़ रुपये ब्याज के तौर पर भुगतान किया है। सेबी ने इस धन वापसी के लिए अलग से एक विशेष खाता खोला है जिसमें सहारा समूह से धन जमा करने के लिए कहा गया था। हालांकि समूह यह दावा करता रहा है कि उसने 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों का धन सीधे वापस कर दिया है। 

सेबी ने कहा कि उसने सहारा समूह से अब तक कुल 15,438 करोड़ रुपये की वसूली की है। ऐसा उसने 2013 में नियामक के कई कुर्की आदेशों और उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के आधार पर किया है। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार 31 मार्च 2019 तक राष्ट्रीयकृत बैंकों में 20,173 करोड़ रुपये जमा कराए जाने थे। इस राशि में दावों के निपटान के बाद बचा सहारा से वसूल हुआ धन और उस पर मिला ब्याज शामिल था। अपनी वार्षिक रपट में सेबी ने कहा कि 31 मार्च 2019 तक उसे 19,547 आवेदन प्राप्त हुए जो 53,233 खातों से जुड़े हैं। इसमें 38,143 खातों से संबद्ध 13,543 दावों को धन वापसी की गयी। 

इसके अलावा कुल 17.3 करोड़ रुपये के दावे के 4,000 से अधिक मामले सेबी के लंबित हैं। इसी तरह 71.6 लाख रुपये के 254 मामले सहारा के पास और 3.84 करोड़ रुपये से अधिक के 1,000 मामले निवेशकों की तरफ लंबित हैं। कुल 131 आवेदनों को विवादित घोषित किया गया है। इनका कुल मूल्य 50 लाख रुपये से कम है जबकि 1.57 करोड़ रुपये के 542 आवेदन बंद कर दिए गए क्योंकि इन मामलों में निवेशकों ने नोटिस के जवाब नहीं दिए। सेबी ने सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कारपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड को 2011 में निवेशकों से जुटाया गया धन वापस लौटाने का आदेश दिया था। 

बाद में कई दौर की अपीलों पर उच्चतम न्यायालय ने 21 अगस्त 2012 को अपने निर्णय में सेबी के आदेश को सही करार दिया। न्यायालय ने समूह की इन दो कंपनियों के निवेशकों को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ धन लौटाने का आदेश दिया है। निवेशकों ने इन दोनों कंपनियों में वैकल्पिक पूर्णतया हस्तांतरणीय बांड के माध्यम से निवेश किया था। पीटीआई-भाषा के सवालों का जवाब देते हुए सहारा समूह के वकील गौतम अवस्थी ने कहा कि सेबी की वार्षिक रपट उसकी दो कंपनियों में निवेश करने वाले करीब तीन करोड़ बांडधारकों में से 95 प्रतिशत को पहले ही धन वापसी की बात की पुष्टि करती है। 

उन्होंने कहा कि यह दोहरे भुगतान का मामला है क्योंकि वह निवेशकों को भुगतान पहले ही कर चुकी है और उतनी ही राशि उसने सेबी के पास जमा करायी है। हमारा सेबी से अनुरोध रहा है कि वह जमीन पर इसका सत्यापन करे जो उसने अभी तक शुरू नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सहारा ने जो रुपया सेबी के पास जमा कराया वह बिना उपयोग किए हुए पड़ा है। उसे यह पैसा वापस चाहिए ताकि वह कारोबार विस्तार कर सके। यह कंपनी, देश की आर्थिक वृद्धि के हितों के खिलाफ है।


(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'


Plz Follow Me on: 

कोई टिप्पणी नहीं