सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज अजीम प्रेमजी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कंपनी की अगुवाई करना उनके जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य रहा। उन्होंने भरोसा जताया कि उनका बेटा कंपनी को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगा। अजीम प्रेमजी 30 जुलाई को विप्रो के कार्यकारी चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
पचास साल तक कंपनी की बागडोर संभालने के बाद प्रेमजी जुलाई अंत में अपने बेटे रिशद प्रेमजी को कंपनी की कमान सौंपेंगे।
हालांकि , वह जुलाई 2024 तक गैर-कार्यकारी निदेशक बने रहेंगे और कंपनी के संस्थापक चेयरमैन भी रहेंगे। रिशद वर्तमान में विप्रो के मुख्य रणनीति अधिकारी और निदेशक मंडल के सदस्य हैं।
प्रेमजी ने कर्मचारियों को भेजे संदेश में भरोसा जताया कि विप्रो नई ऊंचाइयों को छूने के लिए अपने आप में बदलाव करना जारी रखेगी। दुनिया बदल रही है लेकिन कंपनी अपने मूल्यों पर दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि विप्रो का भविष्य पहले से ज्यादा शानदार होगा। प्रेमजी ने कहा कि रिशद ने सोच और अनुभव के नए तरीके पेश किए हैं। ये विप्रो को बहुत ऊंचाइयों तक लेकर जाएंगे।
शीर्ष नेतृत्व में बदलाव के बाद रिशद ने कर्मचारियों को दिए संदेश में कहा कि विप्रो का भविष्य चमकदार है, जिसकी सबसे बड़ी ताकत उसके लोग (कर्मचारी) हैं।
उन्होंने कहा, "पिछले 53 सालों से प्रेमजी ने विप्रो को एक छोटे से कारोबार से बढ़ाकर इस मुकाम तक पहुंचाया और इसका नेतृत्व किया। उनका योगदान और उपलब्धि विप्रो की सफलता से परे है। वह आईटी उद्योग के वैश्विक स्तर पर प्रमुख लोगों मे से एक हैं।
(साभार:पीटीआई भाषा )
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
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