व्यापार-रियायत खत्म होने पर भारत ने कहा अमेरिका के साथ आर्थिक संबंध मजबूत करने का प्रयास जारी रहेगा


व्यापार में छूट की सामान्य व्यवस्था (जीएसपी) का लम्बे समय से मिल रहा लाभ खत्म करने की अमेरिकी कार्रवाई पर भारत ने कहा है कि वह अमेरिका के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए उसके साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा। 

अमेरिका ने अपने जीएसपी कार्यक्रम के तहत भारतीय निर्यातकों को आयात शुल्क में मिलने वाली छूट का लाभ सामाप्त करने का शुक्रवार को पक्का फैसला किया। यह निर्णय 5 जून से प्रभावी हो जाएगा। 

भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि किसी भी सं बंध में , खास तौर पर आर्थिक संबंधों में कई मुद्दे समय के साथ चलते रहते हैं और उन्हें परस्पर सहयोग से हल कर लिया जाता है। 

मंत्रालय ने कहा , " हम इस मामले को एक नियमित प्रक्रिया के हिस्से के रूप में देख रहे हैं। हम अमेरिका के साथ आर्थिक और दोनों देशों की जनता के बीच संपर्क संबंधों को मजूबत करने की दिशा में काम जारी रखेंगे। हमें भरोसा है कि दोनों देश परस्पर लाभकारी तरीके से इन संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे। " 

विभाग ने कहा कि अमेरिका जैसे विकसित देशों की ओर से भारत जैसे विकासशील देशों को जीएसटी के तहत शुल्क में छूट का लाभ " खुद अपनी ओर से, बिनी किसी जवाबी लाभ की अपेक्षा के और बिना किसी भेदभाव के दिया जाता है। " 

अमेरिकी सरकार ने अपने चिकित्सा उपकरणों और डेयरी उद्योगों की ओर से भारत के खिलाफ की गई शिकायत के बाद यह कदम उठाया है। इन उद्योगों ने आरोप लगाया है कि भारत उनके माल को अपने बाजार में पहुंचने नहीं देता है। 

मंत्रालय ने कहा कि भारत ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता के हिस्से के रूप में उनके (अमेरिका) अनुरोधों के समाधान की पेशकश की थी। उसने कहा , " यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन प्रयासों को अमेरिका की ओर से स्वीकृति नहीं मिली। " 

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि अन्य देशों की तरह भारत भी इन मामलों में अपने राष्ट्रीय हितों का बाचाव करेगा। 

अमेरिका ने चार मार्च को भारत को जीएसपी के तहत मिलने वाले शुल्क लाभ को वापस लेने की घोषणा की थी। भारत ने इससे पहले भी कहा था कि अमेरिका के इस फैसले से देश के निर्यात पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। 

वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने कहा था कि अमेरिकी जीएसपी के तहत भारत के माल का निर्यात सालाना 5.6 अरब डॉलर के बराबर है और इस पर शुल्क लाभ सिर्फ 19 करोड़ डॉलर है। 

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा कि सरकार को उन उत्पादों को कुछ सहायता देने की जरूरत हैं , जिनकों जीएसपी खत्म होने से ज्यादा नुकसान होगा ताकि बाजार पर ज्यादा प्रभाव नहीं हो। 

गुप्ता ने अमेरिका को निर्यात होने वाले इस प्रकार के उत्पादों के लिए केंद्र राज्य एवं केंद्रीय कर लेवी योजना (आरओएससीटीएल) के तहत छूट में विस्तार की वकालत की। 

(साभार:पीटीआई भाषा )
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'


Plz Follow Me on: 

सामान खरीदने से पहले कीमत देखते हैं, फिर शेयर खरीदने से पहले भी कुछ देखिये

कोई टिप्पणी नहीं