भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत कामकाज की समीक्षा कर रहा है और जल्दी ही रिपोर्ट तैयार कर लिये जाने की उम्मीद है।
सूत्रों के अनुसार, 11 दिसंबर को शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में इस रिपोर्ट को पटल पर रखा जा सकता है।
कैग इस नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का प्रदर्शन कैसा रहा है इसकी समीक्षा कर रहा है। यह व्यवस्था देश में एक जुलाई 2017 को लागू की गई।
सूत्रों ने पीटीआई -भाषा को बताया कि समीक्षा में पंजीकरण, बकाया वापसी, इनपुट टैक्स क्रेडिट, ट्रांजिसन क्रेडिट मेकैनिज्म, कर भुगतान में आसानी और आर्थिक गतिविधियों पर असर आदि पर गौर किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कैग का दल पहले ही नयी कर व्यवस्था की कार्यप्रणाली और इसकी दक्षता एवं प्रभाव को जानने के लिये प्रमुख राज्यों के जीएसटी आयुक्तालय का दौरा कर चुका है।
जीएसटी की प्रदर्शन समीक्षा में राजस्व संग्रहण पर गौर नहीं किया जाएगा। इसका मुख्य ध्यान जीएसटी के क्रियान्वयन पर रहेगा।
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सूत्रों के अनुसार, 11 दिसंबर को शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में इस रिपोर्ट को पटल पर रखा जा सकता है।
कैग इस नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का प्रदर्शन कैसा रहा है इसकी समीक्षा कर रहा है। यह व्यवस्था देश में एक जुलाई 2017 को लागू की गई।
सूत्रों ने पीटीआई -भाषा को बताया कि समीक्षा में पंजीकरण, बकाया वापसी, इनपुट टैक्स क्रेडिट, ट्रांजिसन क्रेडिट मेकैनिज्म, कर भुगतान में आसानी और आर्थिक गतिविधियों पर असर आदि पर गौर किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कैग का दल पहले ही नयी कर व्यवस्था की कार्यप्रणाली और इसकी दक्षता एवं प्रभाव को जानने के लिये प्रमुख राज्यों के जीएसटी आयुक्तालय का दौरा कर चुका है।
जीएसटी की प्रदर्शन समीक्षा में राजस्व संग्रहण पर गौर नहीं किया जाएगा। इसका मुख्य ध्यान जीएसटी के क्रियान्वयन पर रहेगा।
(सौ. भाषा)
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