आर्थिक सर्वेक्षण 2018: एनपीए समस्‍या के समाधान के लिए सरकार के प्रयास




आर्थिक सर्वेक्षण में एनपीए समस्‍या के समाधान हेतु आईबीसी तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग
केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 प्रस्‍तुत किया। सर्वेक्षण में मौद्रिक प्रबंधन और वित्‍तीय मध्‍यस्‍थता की समीक्षा की गई है। इसके मुख्‍य बिन्‍दु इस प्रकार है :-
• वर्ष 2017-18 (जनवरी तक) के दौरान अगस्तम में मात्र एक पॉलिसी दर में कटौती के साथ मौद्रिक नीति स्थिर बनी रही। वर्ष 2017-18 के दौरान, मौद्रिक नीति का संचालन संशोधित सांविधिक प्रारूप के अंतर्गत किया गया, और यह 5 अगस्त , 2016 से प्रभाव में आया।
• अगस्त, 2017 में वर्ष 2017-18 के लिए तृतीय द्विमासिक मौद्रिक नीति विवरण में मौद्रक नीति समिति ने नीति रेपो रेट को 25 बेसिस प्वाइंट से 6.0 प्रतिशत तक कम करने का निर्णय लिया। इससे अक्टूकबर और हाल ही में दिसंबर में हुई बैठक में दरों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
• पुन: मौद्रिकरण प्रक्रिया के अनुरूप, 17 नवंबर, 2017 से एक अनुकूल प्रभाव के अंतर्गत प्रचलन में मुद्रा और एमओ दोनों में ही पिछले वर्ष के वृद्धि मूल्यों की तुलना में तीव्रता के साथ सकारात्मरक और उच्चतम वृद्धि हुई।
• नवंबर 2016 की शुरूआत में विमुद्रीकरण के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने पारंपरिक और गैरपारंपरिक दोनों साधनों का मिश्रित उपयोग करते हुए अपने तरलता अवशोषण संचालन में वृद्धि की।
• तरलता की स्थितियां प्रगतिशील पुन: मुद्रीकरण के साथ धीरे-धीरे सामान्यं होते हुए अधिशेष अवस्थाद में बनी रहीं। भारित औसत कॉल दर हाल के महीनों में नीति की घट-बढ़ सीमा के मध्य‍ में पहुंच गई।
• बैंकिंग क्षेत्र के प्रदर्शन खासतौर पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में वर्तमान वित्ती़य वर्ष मंक निष्पांदन निरंतर हल्काश बना रहा। अनुसूचित वाणिज्कि बैंकों का सकल अनर्जक अग्रिम (जीएनपीए) अनुपात मार्च और सितंबर 2017 के बीच 9.6 प्रतिशत से बढ़कर 10.2 प्रतिशत पर पहुंच गया।
• नवंबर 2017 में गैर खाद्य क्रेडिट (एनएफसी) में पिछले वर्ष नवंबर 2016 के 4.75 प्रतिशत की तुलना में वर्ष-दर-वर्ष 8.85 प्रतिशत वृद्धि हुई। सेवाओं और निजी ऋण (पीएल) खंड को बैंक क्रेडिट उधार, समग्र एनएफसी वृद्धि में निरंतर बड़े भागीदार बने रहे।
• एनबीएफसी क्षेत्र में 30 सितंबर 2017 को बैंक आस्तियों का 17 प्रतिशत और बैंक जमा राशियों का 0.26 प्रतिशत जमा था। एनबीएफसी क्षेत्र के समेकित तुलन पत्र के आकार में 5 प्रतिशत वृद्धि हुई (मार्च 2017 की तुलना में सितंबर 2017) और यह 20.7 लाख करोड़ के स्तवर पर जा पहुंची जबकि मार्च 2016 और मार्च 2017 के बीच 14.2 प्रतिशत वृद्धि हुई।
• वर्ष 2017-18 (अप्रैल से नवंबर) में पिछले वित्तम वर्ष के तदनुरूप अवधि की तुलना में प्राथमिक बाजार खंड में संसाधन जुटाए जाने में लगातार वृद्धि देखी गई।
• 10 वर्षीय सरकारी प्रतिभूति पर यील्डत में सितंबर 2017 से ही वृद्धि दर्ज की जा रही है। 11 जनवरी 2018 को सरकारी प्रतिभूति पर यील्डं 7.26 प्रतिशत रही।
• वर्ष 2017-18 में नवीन दिवालियापन की प्रक्रिया के लिए एक पारिस्थितिकी व्य्वस्था। बनी। बैंकिंग क्षेत्र में एनपीए की समस्यावओं के समाधान के लिए आईबीसी तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग किया जा रहा है। नवीन नियम की प्रभावशालिता के पीछे एक प्रमुख तत्व न्याायपालिका के द्वारा न्यायिक निर्णय दिया जाना है। यह नियम विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए कड़ी समय-सीमाओं को निर्धारित करता है। इस प्रक्रिया में भविष्य में होने वाली अनिश्चिताओं को कम करने के लिए एक सुदृढ़ नियम बनाया गया है।


• इस वित्तीय वर्ष में शेयर बाजारों ने भी रिकार्ड उच्चतम स्तयरों को छुआ।
(Source: pib.nic.in)

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