केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सभी प्रकार की दालों के निर्यात की अनुमति दी

मंत्रिमंडल ने सभी प्रकार की दालों के निर्यात के प्रति अनुमति दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने सभी प्रकार की दालों के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है ताकि यह सुनिश्चित हो कि किसानों को अपने उत्‍पादन के विपणन में अधिक विकल्‍प उपलब्‍ध हो सकें और उन्‍हें अपने उत्‍पादन के लिए बेहतर पारिश्रमिक प्राप्‍त हो सके।
सीसीईए ने दलहन संबंधी निर्यात-आयात नीति की समीक्षा करने और मात्रात्‍मक प्रतिबंधों, पूर्व पंजीकरण और घरेलू उत्‍पादन एवं मांग पर निर्भर करने वाले आयात शुल्‍कों में बदलाव, घरेलू और अंतर्राष्‍ट्रीय कीमतों और अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार मात्रा जैसे उपायों पर विचार करने के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण (डीएफपीडी) विभाग के सचिव की अध्‍यक्षता में और वाणिज्‍य विभाग (डीओसी), कृषि सहयोग और किसान कल्‍याण (डीएसी एंड एफ डब्‍ल्‍यू) विभाग, राजस्‍व विभाग (डीओआर) उपभोक्‍ता कार्य विभाग (डीओसीए) और विदेश व्‍यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के सचिवों के संयोजन से बनी समिति को भी अधिकार प्रदान किया है।
सभी प्रकार की दालों का निर्यात खोलने से किसानों को उनके उत्‍पादों को लाभकारी कीमतों पर बेचने में मदद मिलेगी और उन्‍हें अधिक बुआई क्षेत्र के विस्‍तार के लिए भी प्रोत्‍साहन मिलेगा। दहलनों के निर्यात से दालों के अधिक उत्‍पादन के लिए वैकल्पिक बाजार मिलेगा। दहलनों के निर्यात को अनुमति देने से देश को और इसके निर्यातकों को अपने बाजारों में पुन: स्‍थान बनाने में मदद मिलेगी।
यह प्रत्‍याशा है कि देश में दहलन उत्‍पादन संतुलित बनेगा और दलहनों पर  हमारी आयात निर्भरता पर्याप्‍त रूप से घटेगी। इससे देश की लोगों को प्रोटीन के उच्‍च स्‍तर प्रदान करने की भी संभावना है और यह पोषण सुरक्षा की दिशा में कार्य करेगा। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के साथ संयोजन से भी हमारे किसानों को अच्‍छी क‍ृषि संबंधी प्रथाएं बेहतर उत्‍पादकता प्राप्‍त करने में मदद मिलने की संभावना है।
उत्‍पादन वर्ष 2016-17 में, भारतीय किसान दहलनों पर भारत की आयात निर्भरता को कम करने की चुनौती पर कार्य करते रहे और उन्‍होंने 23 मिलियन टन दलहन का उत्‍पादन किया। सरकार ने हमारे किसानों द्वारा उच्‍च दहलन उत्‍पादन को बनाने रखने के लिए अनेक कदम उठाएं हैं। सरकार ने न्‍यूनतम समर्थन कीमत या बाजार दर जो भी अधिक हो, को सुनिश्चित करके सीधे किसानों से 20 लाख टन दहलन खरीदी हैं और यह अभी तक दलहन की खरीद में सर्वाधिक खरीद रही है। 
पृष्‍ठभूमि 
वर्ष 2016-17 में दलहन का उत्‍पादन अत्‍यन्‍त प्रोत्‍साहक रहा है और यह‍ अभी तक का सर्वाधिक उत्‍पादन रहा है। सरकार ने दालों के लिए आकर्षक न्‍यूनतम समर्थन कीमत (एमएसपी) प्रदान करके और लगभग 20 लाख टन दलहन की सावर्जनिक खरीद करके किसानों की सहायता की है। वर्ष 2016-17 के दौरान दहलनों का घरेलू उत्‍पादन 22.95 मिलियन था। चना दाल का उत्‍पादन वर्ष 2015—16 में 7.06 मिलियन टन की तुलना में इस वर्ष 32 प्रतिशत बढ़कर 9.33 मिलियन टन हुआ है। वर्ष 2016-17 में अन्‍य रबी दालों (मसूर दाल आदि सहित) का उत्‍पादन वर्ष 2015-16 में 2.47 की तुलना में 22 प्रतिशत बढ़कर 3.02 मिलियन टन हो गया है। वर्ष 2017-18 के लिए, सरकार ने 22.90 मिलियन टन दालों के उत्‍पादन का लक्ष्‍य निर्धारित किया है।
(Source: pib.nic.in)

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