शुक्रवार को अमेरिका में खराब जॉब रिपोर्ट से शेयर बाजार घराशायी हो गया। अमेरिकी और यूरोपीय शेयर बाजारों में भारी बिकवाली देखी गई। कच्चे तेल और सोने में भी बिकवाली हुई।
अमेरिका के डाओ जोंस ने 211.61 अंक, S&P 500 ने 35.40 अंक और नैस्डेक ने 146.41 अंकों का गोता लगाया। वहीं ब्रिटेन के फुट्जी 100 इंडेक्स ने 50.70 अंक, फ्रांस के कैक 40 इंडेक्स ने 27.86 अंक और जर्मनी के डैक्स ने 107.83 अंकों की भारी गिरावट के साथ कारोबार किया।
अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट के ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी में 1,51,000 नए रोजगार पैदा हुए, जबकि जानकारों को 1,90,000 नए रोजगार पैदा होने की उम्मीद थी। हालांकि, इस दौरान वहां बेरोजगारी की दर
5% से कम होकर 4.9% पर आ गई जबकि वेजेज 0.5% बढ़ा।
-US क्रूड ( WTI) $0.83 या 0.1 % गिरकर $30.89 प्रति बैरल पर निपटा
-गोल्ड अप्रैल वायदा (Gold Future For April Delivery) $5 गिरकर
$1,152.50 प्रति औंस (1 औंस=31.1 ग्राम) पर बंद हुआ
अमेरिकी-यूरोपीय बाजारों का प्रदर्शन-(शुक्रवार)
एशियाई बाजारों का प्रदर्शन-(शुक्रवार)
((गुरुवार को डाओ जोंस 80 अंक चढ़ा, कच्चा तेल लुढ़का, सोना चमका
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2016/02/80.html
अमेरिका के डाओ जोंस ने 211.61 अंक, S&P 500 ने 35.40 अंक और नैस्डेक ने 146.41 अंकों का गोता लगाया। वहीं ब्रिटेन के फुट्जी 100 इंडेक्स ने 50.70 अंक, फ्रांस के कैक 40 इंडेक्स ने 27.86 अंक और जर्मनी के डैक्स ने 107.83 अंकों की भारी गिरावट के साथ कारोबार किया।
अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट के ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी में 1,51,000 नए रोजगार पैदा हुए, जबकि जानकारों को 1,90,000 नए रोजगार पैदा होने की उम्मीद थी। हालांकि, इस दौरान वहां बेरोजगारी की दर
5% से कम होकर 4.9% पर आ गई जबकि वेजेज 0.5% बढ़ा।
-US क्रूड ( WTI) $0.83 या 0.1 % गिरकर $30.89 प्रति बैरल पर निपटा
-गोल्ड अप्रैल वायदा (Gold Future For April Delivery) $5 गिरकर
$1,152.50 प्रति औंस (1 औंस=31.1 ग्राम) पर बंद हुआ
अमेरिकी-यूरोपीय बाजारों का प्रदर्शन-(शुक्रवार)
एशियाई बाजारों का प्रदर्शन-(शुक्रवार)
((गुरुवार को डाओ जोंस 80 अंक चढ़ा, कच्चा तेल लुढ़का, सोना चमका
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भारत एक कृषि प्रधान देश है और रहेगा इस में कोई संदेह नहीं है। विगत कुछ सालों से आयी आयातित गहरी जुताई ,रासायनिक उर्वरक ,भारी सिंचाई और मशीनों के कारण हमारे देश पर कृषि के अस्तित्व का भारी संकट आ गया है। खेत मरुस्थल में तब्दील होते जा रहे हैं और किसान खेती छोड़ रहे हैं। खेती किसानी के संकट के कारण उद्योग धंदे भी मंदी की चपेट में है। पर्यावरण नस्ट होते जा रहा है इस कारण महामारियां अपने चरम पर पहुँच रही है। हम सब जानते हैं की हमारी खेती किसानी हमारे पशुधन से जुडी है किन्तु अब पशुओं के लिए चारे का गंभीर संकट आ गया है इस कारण पशुधन भी लुप्तप्राय होने लगा है। एक और हमारे पालनहार अनाज ,फल सब्जियां प्रदूषित हो गए हैं वहीँ अच्छा दूध ,अंडे मांस भी अब उपलब्ध नहीं है। इसलिए अब हम बड़े खाद्य संकट में फंस गए हैं। वैज्ञानिक खेती के कारण हमारा पालनहार कार्बो आहार इतना खराब हो गया है की हर दसवा इंसान मधुमेह , मोटापे और कैंसर जैसी घातक बीमारी के चंगुल में फंसते जा रहा है। दालें जिन्हे हमारे पूर्वज बच्चे पाल कहते थे लुप्त होती जा रही हैं। उनमे भी आवशयक पोषक तत्व नदारत हैं। समस्या यह आ गयी है की आखिर हम क्या खाएं क्या नहीं खाये।
जवाब देंहटाएंLatest News | Indian Farmers
Hi i like your post realy i have read first time Thanks for sharing keep up the good work.
जवाब देंहटाएंupagriculture