ड्रैगन के डर से कांपा बाजार, सेंसेक्स 500 अंक से ज्यादा फिसला, शंघाई कंपोजिट करीब 7% लुढ़का

साल 2016 का पहला सोमवार शेयर बाजार के लिए काफी निराशाजनक साबित हुआ। दिसंबर में चीन के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट के अलावा भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में  दो साल से भी अधिक समय में पहली बार गिरावट से बाजार में बिकवाली बढ़ी। इसके अलावा, ईरान और सऊदी अरब में बढ़े तनाव ने भी बाजार में बिकवाली को हवा दिया। 




-भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 25 महीनों में पहली बार दिसंबर के महीने में संकुचन दर्ज किया गया है।विनिर्माण निष्पादन का एक संयुक्त मासिक संकेतक- निक्केइ इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई - दिसंबर में घटकर 49.1 रह गया जो नवंबर में 50.3 था। 2013 के बाद से पहली बार गिरावट अक्टूबर, 2013 के बाद पहली बार पीएमआई 50.0 के महत्वपूर्ण स्तर से नीचे आया है। 

उधर, चीन का काइक्सिन पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) दिसंबर में 48.2 अंक रहा जो इससे पिछले महीने 48.6 अंक पर था। चीन की अर्थव्यवस्था में विनिर्माण क्षेत्र का उल्लेखनीय योगदान है। पीएमआई 50 से ऊपर रहना गतिविधि में विस्तार का संकेत है, जबकि 50 से नीचे संकुचन दर्शाता है।

((डाओ जोंस साल के अंतिम दिन गुरुवार को लुढ़का, क्रूड, सोना मजबूत  



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