बैंक FD कराने का सही वक्त, छोटी बचत पर ब्याज घटना तय

भारतीय रिजर्व बैंक ने एक दिसंबर की बैठक में ब्याज दर नहीं घटाकर  EMI चुकाने वालों को मायूस कर दिया है, वहीं बैंक एफडी में पैसे लगाने वालों के लिए अच्छी खबर भी दी है।
बैंक FD में पैसा लगाना अभी सही क्यों:
-आगे बैंक एफडी पर ब्याज दरों में कमी संभव
-छोटी सरकारी बचत योजनाओं पर मिलने वाले
ब्याज कम करने के पक्ष में सरकार, बैंकों का इसके
लिए दबाव
-रिजर्व बैंक द्वारा आगे कुछ समय तक प्रमुख दरों में
बढ़ोतरी की संभावना कम, जिससे बैंक एफडी पर
ब्याज में बढ़ोतरी की संभावना नहीं
-बैंक द्वारा प्रमुख दरों में कटौती का पूरा फायदा देने के
लिए रिजर्व बैंक का नया फॉर्मूले पर काम जारी

दरअसल, सरकार छोटी बचत योजनाओं मसलन, पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम(एमआईएस), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट स्कीम, सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाली ब्याज दरों में कटौती की योजना बना रही है। सरकार इन योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज को मार्केट रेट से जोड़ने पर विचार कर रही है।

((आपकी पसंदीदा छोटी बचत स्कीम पर ब्याज घटाएगी सरकार 
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/09/blog-post_82.html

बैंक सरकार पर इन सरकारी योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में कमी करने का दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि जबतक इन योजनाओं पर अधिक ब्याज मिलता रहेगा, वो अब और कर्ज सस्ता नहीं कर पाएंगे। रिजर्व बैंक इस साल प्रमुख दरों में 1.25% की कटौती कर चुका है, लेकिन बैंक अब तक उसके आधे से भी कम औसतन 0.60 % की कटौती का ही फायदा ग्राहकों को दे पाएं हैं। ग्राहकों को रेट कटौती का पूरा फायदा नहीं देने की वजह से रिजर्व बैंक से बैंकों को फटकार भी मिलती रहती है, लेकिन बैंक अधिक कॉस्ट ऑफ फंडिंग का हवाला देते हुए बैंक रेट कटौती का पूरा फायदा देने से इनकार करते रहते हैं। बैंकों का कहना है कि छोटी सरकारी बचत योजनाओं पर अधिक ब्याज उनकी कॉस्ट ऑफ फंडिंग को बढ़ा रही है।

इसलिए एक दिसंबर को रिजर्व बैंक ने अगर प्रमुख दरों में कटौती नहीं की है, तो इसका मतलब हुआ कि बैंक भी एफडी पर ब्याज दरों में शायद ही कमी करें, लेकिन आगे जब भी रिजर्व बैंक फिर से ब्याज दर में कटौती करता है तो एफडी पर मिलने वाला ब्याज कम हो जाएगा। उधर, सरकार ने भी छोटी सरकारी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में कमी का संकेत दे रही है। साथ ही कुछ जानकारों का ये भी मानना है कि आने वाले कुछ समय में रिजर्व बैंक शायद ही प्रमुख दरों में बढ़ोतरी करे। अगर प्रमुख दरों में बढ़ोतरी नहीं होगी, तो बैंक एफडी पर ब्याज बढ़ना भी संभव नहीं है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती करेगी लेकिन समाज के महत्वपूर्ण वर्गों को ध्यान में रखते हुये सतर्कता के साथ यह कटौती की जाएगी। उन्होंने कहा कि छोटी स्कीमों पर बड़ी संख्या में लोग निर्भर हैं। लिहाजा, निर्वाचित सरकार होने के नाते हमें इसे आर्थिक सिद्धांतों से ऊपर जाकर राजनीतिक व्यावहारिकता के साथ देखना होगा।

बता दें कि ज्यादातर छोटी बचत स्कीमों पर 8.75% का ब्याज मिल रहा है। इसके मुकाबले SBI का FD पर 7.25% ब्याज है। इसके लिए लोग छोटी बचत स्कीम को पसंद कर रहे हैं, लेकिन इन स्कीमों को भी बाजार आधारित रिटर्न वाला बना दिया जाएगा, तो विकल्प क्या रह जाएगा।

फिलहाल बैंक जहां फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर 7.00-8.00% सालाना ब्याज दे रहे हैं, वहीं छोटी बचत में पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम(एमआईएस), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट स्कीम, सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी स्कीम शामिल है। इन स्कीम में निवेश पर 8.7-9.3% तक हर साल ब्याज मिल जाता है।

मौजूदा रिटर्न: 
निवेश साधन                                  सालाना ब्याज दर (%)
SBI डिपॉजिट रेट                                 7.25%
पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट (1-3 साल)       8.40
पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट (5 साल)           8.50
NSC (5 साल)                                      8.50
PPF                                                   8.70
NSC (10 साल)                                    8.80
सुकन्या समृद्धि योजना                              9.20
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम                  9.30
किसान विकास पत्र                           100 महीने में दोगुना

((बड़े फायदे हैं छोटी बचत के
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/04/blog-post_23.html

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